20 जन॰ 2025

कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ और क्यों लगता है | kumbha mela kaha aur kyu lagta hai

कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ लगता है | Kumbha mela kaha kaha lagta hai

कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत एवं दिव्य उत्सव है। यह मेला प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल में चार प्रमुख स्थानों पर आयोजित होता है: प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन स्थलों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व है, और हर कुम्भ मेला एक नई ऊर्जा और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चलिए, विस्तार से जानते हैं कि कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ लगता है और इसके पीछे के कारणों के बारे में।

कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ और क्यों लगता है | kumbha mela kaha aur kyu lagta hai


1. प्रयागराज (इलाहाबाद)

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, कुम्भ मेला का सबसे प्रसिद्ध स्थल है। यहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। प्रयागराज में कुम्भ मेला हर 12 वर्षों पर आयोजित होता है, और माघ मेले के दौरान यहाँ अर्धकुम्भ भी मनाया जाता है। लाखों श्रद्धालु यहाँ स्नान करने के लिए आते हैं, जो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति का आश्वासन देता है।


2. हरिद्वार

हरिद्वार का कुम्भ मेला विश्वभर में प्रसिद्ध है। गंगा नदी के किनारे बसा यह नगर हरिद्वार में कुम्भ मेला भी हर 12 वर्षों पर आता है। यहाँ श्रद्धालु हर की पौड़ी पर स्नान करते हैं, जहाँ माना जाता है कि पवित्र जल में स्नान करने से सभी पाप धो जाते हैं। हरिद्वार के कुम्भ मेले का एक विशेष आकर्षण यह है कि यहाँ दिनभर धार्मिक अनुष्ठान और संगम स्थल पर भव्य मेले का आयोजन होता है।


3. उज्जैन

उज्जैन में भी कुम्भ मेला हर 12 वर्षों पर लगता है, जिसे सिंहस्थ के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ देवास्थान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। उज्जैन में कुम्भ मेला के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्नान पर्व आयोजित होते हैं, जहाँ वे पवित्र जल में स्नान करके अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। इसके अलावा, यहाँ भी विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

 कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ और क्यों लगता है | kumbha mela kaha aur kyu lagta hai

4. नासिक

नासिक में कुम्भ मेला भी हर 12 वर्षों पर आयोजित होता है। यह स्थल गोदावरी नदी के किनारे स्थित है। नासिक में कुम्भ मेला का आयोजन शाही स्नान के लिए जाना जाता है, जहाँ शिविर और भव्य पंडाल सजाए जाते हैं। यहाँ श्रद्धालु विशेष तिथियों पर स्नान कर पवित्रता प्राप्त करते हैं। नासिक का कुम्भ भी हर 12 वर्षों में उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।


महा कुम्भ मेला का महत्त्व | maha kumbh mela ka mahatwa 

कुम्भ मेला केवल एक धार्मिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक मेलजोल का भी साधन है। लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, जो एक-दूसरे से जुड़ते हैं और अपनी आस्थाओं को साझा करते हैं। इस महापर्व का उद्देश्य न केवल धार्मिक भावना को बढ़ावा देना है, बल्कि लोगों के बीच भाईचारे, एकता और सहयोग की भावना भी कायम करना है।


कुम्भ मेला कहाँ-कहाँ लगता है" यह प्रश्न न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा भी है। प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक, ये चार प्रमुख स्थल हैं जहाँ यह महापर्व आयोजित होता है। हर स्थान की अपनी विशिष्टता और धार्मिकता है, जो इसे अद्वितीय बनाती है।


कुम्भ मेला न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय समाज का एक विशाल समारोह भी है। यह श्रद्धा, विश्वास और सामाजिक एकता का प्रतीक है, जो समय के साथ और भी गहरा होता जा रहा है। अगर आप भी इस पवित्र महापर्व का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अगली बार इन स्थलों की यात्रा अवश्य करें और इस अद्भुत अनुभव का लाभ उठाएँ।

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