Hanuman jayanti 2025|हनुमान जयंती २०२५ जाने सम्पूर्ण हनुमान पूजा व्रत विधि कथा
हनुमान जयंती2025(hanumaan jayanti)पवन पुत्र हनुमान का नाम सुनते ही हमारा शरीर उत्त्साह और खुशी से भर जाता हैं।इसी खुशी के चलते हम हनुमान जी को अनेको नाम से पुकारते हैं कोई संकट मोचन कहता है ,कोई अंजनी सुत,कोई हनुमान,पवन पुत्र आदि।सिर्फ नाम मात्र लेने से ही नही होता हमे हनुमान से जुड़े हर रहस्य को समझना होगा इसलिये आज हम 2025 में पड़नेवाली हनुमान जयंती के विषय मे जानेंगे।
हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बजरंगबली की विधिवत पूजा पाठ व्रत करने से शत्रु पर विजय की प्राप्ति और सभी मनोकामना पूरी होती है।
hanuman jayanti 2025 ki puri jankari
हनुमान जी की जन्म कथा
हनुमान जी को भगवान शंकर का 11वा अवतार मान जाता हैं हनुमान के जन्म के विषय में धरम ग्रन्थों में जो कथा मिलता है
उस कथा के एक बार देवता और असुरों ने अमर होने के लिए समुन्द्र मंथन किया और उससे अमृत निकला उस अमृत को पाने के लिए देव असुर में लड़ाई हुई
उनकी लड़ाई को समाप्त करने के लिए जगत के पालन करता भगवान विष्णु ने मोहिनी का अवतार धारण कर लिया।
मोहनी का रूप देख देवता असुर उनपर मोहित हुए साथ ही भगवान शंकर भी विष्णु का मोहिनी रूप देख कर कामवासना में लिप्त हुये और भगवान भोलेनाथ ने अपना वीर्य त्याग किया
फिर उस वीर्य को पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में डालदिया। जिसका फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से हनुमान का जन्म हुआ।
केसरी नंदन कैसे बने हनुमान
मारुती का नाम हनुमान कैसे हुआ? इस विषय के सन्दर्भ में भी एक बहुत प्रशिद्ध कथा हैं यह हनुमानजी के से जुड़ा हुआ हैं।
बचपन मे मारुति नंदन जब सो रहे थे उनकी माँ अंजना भजन कर रही थी तभी हनुमान जी नींद से जागे उनको बहुत जोर से भूख लग रही थी।
हनुमान ने अपनी माँ से कहा माँ कुछ खाने को देदे मा अंजना ने कुछ देर रुक ने को कहा मा की बात न मानते हुए वे घर से रुठते हुये बाहर निकले और उन्होंने पास के एक वृक्ष पर एक लाल पका फल देखा
दरअसल मारुती नंदन हनुमान जी जिसे भोजन समझ रहे थे वे भगवान् सूर्यदेव थे उस दिन अमावस्या थी और राहू सूर्य को ग्रहण लगाने ही वाला था की मारुती नंदन हनुमान ने सूर्यदेव को खा लिया।
राहु दंग रह गया कुछ समझ ही नहीं पाया कि हो क्या रहा है? राहू ने जाकर देवतावो के राजा इंद्र से कहा एक वानर मुझे बहुत परेशान कर रहा हैं में सूर्य को ग्रहण लगाने जारहा था की एक वानर ने मुझे वाहा से भागा दिया|
तब इन्द्रदेव हनुमान के पास गये और उनको समझाने लगे इंद्रदेव के बार-बार समझाने पर भी हनुमानजी ने सूर्य को नहीं छोड़ा
इन्द्रदेव को क्रोध आया फिर इंद्र देव ने बज्र से हनुमान के मुख में प्रहार किया जिससे सूर्यदेव हनुमान के पेट से बाहर आये|
मारुती नंदन मूर्छित होकर आकाश से धरती में गिर गये जैसे ही पवनदेव ने हनुमान को गिरते हुये देखा तो बहुत क्रोधित हुये और उन्होंने अपनी वायु की गति को रोक दिया
फिर हनुमान को लेकर एक गुफा में चले गये जिसका फलस्वरूप पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो की स्वास रुक गई चारों तरफ हाहाकार मच गया|
इस संकट से पार पाने के लिए सारे देवता ऋषि मुनि वायुदेव से निवेदन करते हैं कि वे अपने क्रोध को शांत करे और अपनी वायु की गति को सामान्य करे
पवनदेव ने सभी की बातों को मानते हुये अपनी वायु की गति को पहले जैसा ही करदिया फिर सभी देवता रिशिमुनियो ने खुश होकर हनुमान को वरदान में अनेको शक्तिया प्रदान किया
तभी से मारुती नंदन का नाम हनुमान पढ़ गया इस बात का उल्लेख तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में भी किया हैं जो इस प्रकार हैं-
जुग सहस्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
hanuman jayanti 2025 puja vidhi|हनुमान जयंती व्रत पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन व्रत रखने के लिये हमें कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है व्रत रखने वाले एक दिन पहले ही ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए
हनुमान जी से जल्दी लाभ लेना हैं तो उसदिन जमीन में ही सोये सूबह जल्दी उठकर श्री रामसीता हनुमान का स्मरण करें|
उसके बाद ही दूसरा कोई काम करे दैनिक क्रिया समाप्त होने के बाद हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित कर विधिपूर्वक उसकी पूजा करें|
फिर हनुमान चालीसा,संकट मोचन और बजरंग बाण का पाठ करें अगर आपके आप समय पर्याप्त मात्र में होतो सुन्दरकाण्ड का पाठ किसी योग्य ब्राहमण से कराये
हनुमान को प्रसाद में गुड़,चने ,बेसन के लड्डू बहुत प्रिय हैं इनको पूजा में जरुर चढ़ाये पूजा सामग्री में सिंदूर,केसर युक्त चंदन, धूप,अगरबती, लाल वस्त्र ,चोला ,दीपक जलाने के लिए चमेली का तेल ,गैंदा फूल,गुलाब,कनेर,सूरजमुखी फूल आदि के लाल पुष्प अर्पित करें|
अपनी मनोकामना पूरी करने के लिये बजरंगबली को चोला अवस्य चढाये
पूजा पाठ का कार्य पूरा होने के बाद हनुमान के द्वादश नाम का यथा शक्ति जप करे
हनुमान के १२ नाम श्लोक और अर्थ सहित
हनुमानन्जनासूनु: वायुपुत्रो महाबल: । रामेष्ट:फाल्गुण सख: पिगंलाक्षोमितविक्रम: ।।
अर्थ
ॐ हनुमान
अंजनी सुत(अंजनी माँ के पुत्र )
वायु पुत्र(हनुमान वायुदेव के भी पुत्र हैं )
महाबल(सबसे ज्यादा बलवान )
रामेष्ठ(भगवान् राम के सबसे प्रिय )
फाल्गुण सखा(अर्जुन के मित्र )
पिंगाक्ष(भूरे आख वाले )
अमित विक्रम(वीरो के वीर )
उदधिक्रमण(समुद्र को पार करने वाला )
सीता शोक विनाशन(माँ सीता के दुःख मिटानेवाला )
लक्ष्मण प्राण दाता(लक्ष्मण को जीवन देनेवाले )
दशग्रीव दर्पहा(रावण के अहंकार को मिटानेवाला )
हनुमान जयंती(hanuman jayanti)पर्व तिथि व मुहूर्त 2025
हनुमान जयंती तिथि मंगलवार 12 अप्रैल 2025
पूर्णिमा तिथि शुरू 07:11:00(12 अप्रैल
पूर्णिमा तिथि समाप्त 08:10(13अप्रैल
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