about 9 ratra | नवरात्र एक साल में कितनी बार आती है ?
पितृ पक्ष के पूर्ण होने के बाद शारदीय 9 ratra का प्रारंभ होता है। हमारे वैदिक धर्म में ऐसी मान्यता है कि जो भी शुभ कार्य करने जा रहे हैं या आरंभ करने की सोच रहे हैं तो इसी 9 ratra (नवरात्र) में प्रारंभ करना चाहिए।![]() |
about 9 ratra in hindi |
ऐसा करने से शुरु किया हुआ काम सफल होता है। बहुत सारे लोग दो ही नवरात्र को जानते हैं एक चैत्र नवरात्र और दूसरी शारदीय नवरात्र।
चैत्र की नौरात्र मार्च या अप्रैल महीने में पढ़ती है और शारदीय नवरात्र अक्टूबर महीने में पढ़ती है। लेकिन क्या आप लोगों को पता है नवरात्रि एक साल में 4 बार आती है।
तो चलिए आज के इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे कि 4 नवरात्र कौन-कौन से हैं।
दो नवरात्रों के विषय में ज्यादातर लोग जानते हैं एक अश्विन नवरात्र और दूसरी चैत्र नवरात्र, इन 2 नवरात्रों को सभी लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, और बाकी के बचे जो 2 नवरात्र उनको ज्यादातर गृहस्थ लोग नहीं मनाते
क्योंकि उन दोनों नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है इसमें ऋषि मुनि साधु संत कठोर साधना करते हैं ताकि उन्हे मां की कृपा विशेष रुप से मिले ।
चार 9 ratra के नाम इस प्रकार हैं
- पौष गुप्त नवरात्र (DECEMBER) मास मे
- , चैत्र नवरात्र ( MARCH)मास मे,
- आषाढ़ गुप्त नवरात्र(JUNE)
- आश्विन नवरात्र(OCT)
याद रखिएगा दोस्तों 9 ratraनौरात्र हमेशा शुक़्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही शुरू होती है
9 ratra में मां दुर्गा के 9 नाम
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कुष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
इन्हीं नौ देवियों की 9 दिनों तक विधिवत पूजा होती है
9 दिन ही क्यों होती है मां की पूजा?
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9 ratra ki puri jankari |
इसमें एक बहुत ही प्रचलित कथा आती है । भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले देवी शक्ति की उपासना की थी ऐसा माना जाता है कि भगवान राम और रावण की लड़ाई पूरे 9 दिनों तक चला और फिर 10वे दिन में राम ने रावण पर विजय प्राप्त कर लिया ।इसलिये देवी माँ की 9दिनों तक पूजा होती है और नवमी के पावन तिथि को रामनवमी के नाम से जाना जाता है।
नवरात्र के संदर्भ में एक और कथा प्रचलित है कहते हैं एक राक्षस था जिसका नाम महिषासुर था । महिषासुर इतना दुष्ट था की वो सभी को परेशान करता था महिषासुर के इस आतंक से सभी भयभीत हो गए थे देवता भी डरने लगे थे । फिर ब्रह्मा जी के कहने पर सभी देवताओं ने अपनी शक्ति से देवीमां को प्रकट किया । और देवी मां ने उस भयानक राक्षस महिषासुर से पूरे 9 दिनों तक भयंकर युद्ध किया अंत में मां ने उसे खत्म कर दिया यह भी मां की 9 दिनों तक पूजा होती है स्वीकृति और।
9 ratra में 9 कन्याओं को पूजने का महत्व
जैसे ही माता ने महिषासुर राक्षस का वध कर दिया तो सभी देवता खुश होकर मां के नौ रुपों की पूजा करने लगे और साथ ही 9 कन्याओं को भी मां का स्वरुप मानकर पूजने लगे इसीलिए नवरात्र में 9 कन्याओं को माता का स्वरुप मानकर पूजा जाता है।
मुझे पूरी आशा है कि आप लोगों को यह लेख अच्छा लगा होगा यदि इस लेख में किसी प्रकार की त्रुटि हो या कुछ ऐसी बात जो अनुचित लगी हो तो आप कृपया मुझे सूचित करें या फिर मेल भी कर सकते हैं ।
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