आज हम आपको चमत्कारी siddha kunjika stotram vidhi बताने वाले है तंत्र की दुनिया में बहुत प्रभावशाली siddha kunjika stotram अपने आप में अद्भुत हैं। जिसने भी कुंजिका स्तोत्र को साध लिया उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो गई जरूरत है तो सही मार्गदर्शन की हम आपको बताएंगे siddha kunjika stotram की vidhi क्या है और इसका प्रयोग कैसे करें कुंजिका स्तोत्र से क्या होता है और यह स्तोत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र रुद्रयामल गौरी तंत्र से लिया गया है श्री रुद्रयामल गौरी तंत्र में भगवान शिव और माता पार्वती का संवाद है।
आमतौर पर नवरात्र या किसी देवी की साधना में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं। जिसको करना हर किसी के लिए संभव नहीं है
श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ बिना गुरु के कभी नहीं किया जा सकता । ऐसी स्थिति में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ करने का फल मिलता है ।
कुंजिका स्तोत्र सप्तशती पाठ के मुकाबले काफी छोटा स्तोत्र है और यह पाठ करने में काफी सरल है ज्यादा प्रभावशाली भी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने से दुर्गा सप्तशती के पाठ का फल मिल जाता है।
इसके नाम मैं ही इसका उत्तर छुपा हैं क्योंकि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का प्रत्येक अक्षर पहले से ही सिद्ध है इसको अलग प्रकार से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को आप सामान्य रूप से भी पढ़ सकते हैं और इसके प्रभावशाली परिणाम आपको मिल जायेगा ।
जो कोई भी इस को नियमित रूप से रोज पाठ करता है उसकी सारी इच्छाएं सारी अभिलाषा पूरी हो जाती है।
किस प्रकार का फल मिलता हैं सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने से?
अगर आप रोज सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपको मन की शक्ति मिलती है, आपका वाणी प्रभावशाली और सिद्ध होती है
चेहरे पर एक चमक सी रहती है, आप बड़े से बड़े काम का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, आपका बोला हुआ हर एक शब्द लोगों के लिए रामबाण होता है
आपके अंदर बहुत सारी उर्जा का संचार होने लगता है साथ ही सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में धन की कमी कभी नहीं रहती है।
किसी ने यदि आपके ऊपर कोई काला जादू या तंत्र विद्या का प्रयोग करके आपको मुश्किल में डाला है तो भी यह स्तोत्र उन सारी तंत्र विद्या को ख़तम कर देगा।
खराब ग्रह के प्रभाव से मिलता है छुटकारा
आजकल लोग सबसे ज्यादा ग्रहों से डरते हैं कुछ भी बुरा होता है तो ग्रहों को ही जिम्मेदार ठहराते हैं बहुत लोग हैं जिनकी कुंडली में ग्रह बहुत ही खराब हैं।
हजारों उपाय करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा हैं तो ऐसे में अगर आप नियमित रूप से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपके सभी बुरे ग्रह सकारात्मक प्रभाव देने लग जायेंगे ।
सिद्ध कुंजिका में बताए गए चमत्कार और फायदे तभी काम करेंगे जब हम सिद्ध कुंजिका पाठ करने की विधि को जानेंगे अगर हम कुंजिका स्तोत्र का पाठ विधि पूर्वक नहीं करेंगे तो हमें पाठ करने का कोई लाभ नहीं मिलेगा चलिए जानते हैं पाठ की विधि।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ आप किसी भी शुभ अवस्था में कर सकते हैं लेकिन आपको इसका जल्दी लाभ चाहिए तो इसके लिए कुछ विशेष समय बताया गया है।
जब सूर्य अस्त हो संध्या का समय हो तब इसका पाठ करने से पूर्ण फल और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है है । साथ ही कुंजिका स्तोत्र का पाठ मध्य रात्रि में करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
आप जब भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने बैठे तो माता के सामने एक घी का और एक तिल के तेल का दीपक जलाएं।
लाल रंग के वस्त्र धारण करें ,लाल रंग के आसन पर बैठ जाएं फिर दिया जलाएं गणेश भगवान की पूजा करें कलश की पूजा करें।
उसके बाद देवी का ध्यान करते हुए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने का संकल्प लें अपनी इच्छाओं को अपने कामनाओं का स्मरण करें और कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना प्रारंभ करें।
जो भी भक्त सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं मां की पूजा करते हैं उनको विशेष रूप से शुद्ध और स्वछ रहना अनिवार्य है।
उनको तामसी पदार्थ जैसे मांस मछली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए तभी जाकर इसका फल मिलेगा।
यदि आप अपने को शुद्ध नहीं रख पाते तो आप कितनी भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें इसका आपको कुछ अच्छा परिणाम नहीं मिलेगा।
Tag-siddha kunjika stotram vidhi,,सिद्ध कुंजिका स्तोत्रं विधि
what is siddha kunjika stotram | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र किसे कहते हैं
siddha kunjika stotram vidhi |
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र रुद्रयामल गौरी तंत्र से लिया गया है श्री रुद्रयामल गौरी तंत्र में भगवान शिव और माता पार्वती का संवाद है।
आमतौर पर नवरात्र या किसी देवी की साधना में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं। जिसको करना हर किसी के लिए संभव नहीं है
श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ बिना गुरु के कभी नहीं किया जा सकता । ऐसी स्थिति में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ करने का फल मिलता है ।
कुंजिका स्तोत्र सप्तशती पाठ के मुकाबले काफी छोटा स्तोत्र है और यह पाठ करने में काफी सरल है ज्यादा प्रभावशाली भी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने से दुर्गा सप्तशती के पाठ का फल मिल जाता है।
Why is Siddha Kunjika Stotra so effective | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र इतना प्रभावशाली क्यों है?
ये भी पढ़े भगवान् को माने वाला आस्तिक और भगवान् को न मानने वाला नास्तिक की कहानीइसके नाम मैं ही इसका उत्तर छुपा हैं क्योंकि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का प्रत्येक अक्षर पहले से ही सिद्ध है इसको अलग प्रकार से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र को आप सामान्य रूप से भी पढ़ सकते हैं और इसके प्रभावशाली परिणाम आपको मिल जायेगा ।
जो कोई भी इस को नियमित रूप से रोज पाठ करता है उसकी सारी इच्छाएं सारी अभिलाषा पूरी हो जाती है।
किस प्रकार का फल मिलता हैं सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने से?
अगर आप रोज सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपको मन की शक्ति मिलती है, आपका वाणी प्रभावशाली और सिद्ध होती है
चेहरे पर एक चमक सी रहती है, आप बड़े से बड़े काम का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, आपका बोला हुआ हर एक शब्द लोगों के लिए रामबाण होता है
आपके अंदर बहुत सारी उर्जा का संचार होने लगता है साथ ही सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में धन की कमी कभी नहीं रहती है।
किसी ने यदि आपके ऊपर कोई काला जादू या तंत्र विद्या का प्रयोग करके आपको मुश्किल में डाला है तो भी यह स्तोत्र उन सारी तंत्र विद्या को ख़तम कर देगा।
siddha kunjika stotram | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र |
खराब ग्रह के प्रभाव से मिलता है छुटकारा
आजकल लोग सबसे ज्यादा ग्रहों से डरते हैं कुछ भी बुरा होता है तो ग्रहों को ही जिम्मेदार ठहराते हैं बहुत लोग हैं जिनकी कुंडली में ग्रह बहुत ही खराब हैं।
हजारों उपाय करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा हैं तो ऐसे में अगर आप नियमित रूप से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपके सभी बुरे ग्रह सकारात्मक प्रभाव देने लग जायेंगे ।
siddha kunjika stotram ka path kab kare | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कब करें?
सिद्ध कुंजिका में बताए गए चमत्कार और फायदे तभी काम करेंगे जब हम सिद्ध कुंजिका पाठ करने की विधि को जानेंगे अगर हम कुंजिका स्तोत्र का पाठ विधि पूर्वक नहीं करेंगे तो हमें पाठ करने का कोई लाभ नहीं मिलेगा चलिए जानते हैं पाठ की विधि।
siddha kunjika stotram vidhi
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ आप किसी भी शुभ अवस्था में कर सकते हैं लेकिन आपको इसका जल्दी लाभ चाहिए तो इसके लिए कुछ विशेष समय बताया गया है।
जब सूर्य अस्त हो संध्या का समय हो तब इसका पाठ करने से पूर्ण फल और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है है । साथ ही कुंजिका स्तोत्र का पाठ मध्य रात्रि में करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
आप जब भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने बैठे तो माता के सामने एक घी का और एक तिल के तेल का दीपक जलाएं।
लाल रंग के वस्त्र धारण करें ,लाल रंग के आसन पर बैठ जाएं फिर दिया जलाएं गणेश भगवान की पूजा करें कलश की पूजा करें।
उसके बाद देवी का ध्यान करते हुए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने का संकल्प लें अपनी इच्छाओं को अपने कामनाओं का स्मरण करें और कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना प्रारंभ करें।
जो भी भक्त सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं मां की पूजा करते हैं उनको विशेष रूप से शुद्ध और स्वछ रहना अनिवार्य है।
उनको तामसी पदार्थ जैसे मांस मछली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए तभी जाकर इसका फल मिलेगा।
यदि आप अपने को शुद्ध नहीं रख पाते तो आप कितनी भी कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें इसका आपको कुछ अच्छा परिणाम नहीं मिलेगा।
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जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंBahut sundar pr mere aap se ek prashna hai kya hmm isko din me 12 baje k karib path kr sakte hi plz reply guruji
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