navratri me kanya pujan kyse kare | नौ कन्या का पूजन कैसे करे
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कन्या पूजन (kanya pujan)करते समय हमें बहुत सारी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना पड़ता हैं।आपकी एक छोटी सी गलती कुमारीपूजा से होने वाली लाभ से वंचित कर सकती हैं।
क्या है नौ रात्र में कन्या पूजन का महत्व ,क्या हैं कन्या पूजन का वैज्ञानिक महत्व, हमारे शास्त्र क्या कहते है क्या है शास्त्रीय महत्व,कन्या पूजन से हमे क्या मिलेगा?
क्यों करे नौ रात्र में 9 कन्या का पूजन,नौ कन्या का पूजन करते समय हमें किस बात की सावधानिया रखनी होती है? तो चलिये इन सब शंकाओ को सुलझाने का प्रयास करते हैं।
एक बात आपको को बता दूँ हमारे शास्त्र में जो भी बातें लिखी गई है या कही गई है वो सौ प्रतिशत वैज्ञानिक है । हर एक कार्य पूजन के पीछे कोई न कोई रहस्य छुपा हुआ।
navratri me kanya pujan se labh | कन्या पूजन करने से क्या लाभ होता है
जहां पर नारियों का पूजन होता है वहां पर परमात्मा का वास होता है।अपने अहंकार को भूल कर किसी दूसरे के सामने या छोटे व्यक्ति के सामने झुकने का इससे बड़ा उदाहरण और दूसरा नहीं हो सकता।
चाहे जितना भी बड़ा धनवान व्यक्ति ही क्यों न हो चाहे जितना भी दौलतमंद क्यों न हो, ताकतवर क्यों न हो जब भी वह कन्या पूजन करने के लिए बैठ जाता है तो छोटी बच्चियों के सामने झुक ही जाता है।
इसका वैज्ञानिक कारण यही हैं की छोटी-छोटी कन्याओं का पूजन करने से हर एक व्यक्ति के अंदर विनम्रता और प्रेम का भाव जागृत होता है।
बिना नारी के इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती इसीलिए भगवान शंकर को आदि शंकर कहा गया है
धर्म के अनुसार क्या है 9 कन्याओं के पूजन का महत्व
हमारे धर्म में 9 कन्याओं के पूजन का एक अलग ही महत्व है नौ कन्याओं के पूजन करने के पीछे एक एक अर्थ को बतलाया गया है हरेक कन्या को पूजने के पीछे क्या कारण है चलिए जानते हैं।
1 वर्ष से कम उम्र वाली कन्या को नहीं पूजना चाहिए क्योंकि उसे किसी विषय वस्तु का ज्ञान नहीं होता
2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन किया जाता है।
बहुत जगह में ऐसी भी मान्यता है जब तक वह कन्या रजस्वला नहीं हो जाती तब तक उस कन्या का नवरात्र में पूजन होता है ।
लेकिन यह पूर्णतया सत्य नहीं है शास्त्रों के प्रमाण के अनुसार 2 वर्ष से लेकर 10 साल के भीतरकी ही कन्या का पूजन आपको करना चाहिये।
9 kanya k nam | नौ कन्याओं के 9 नाम क्या हैं
बहुत सारे भक्तजन कन्या का पूजन करते समय एक बहुत बड़ी गलती कर जाते हैं। मां दुर्गा के 9 नामों से ही नौ कन्याओं का पूजन करा देते हैं।
पहली कन्या को शैल पुत्री के नाम से पूजा करते है दूसरी को ब्रम्ह चारिणी के नाम से पूजा करते है जो कि बहुत बड़ी भूल है। माँ दुर्गा के 9 नामो से मा की पूजा की जाती है न कि कन्याओ की कन्या पूजन एक अलग पद्धति है
- दो वर्ष की कन्या को कुमारिका कहते हैं
- तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति कहा जाता हैं
- चार वर्ष वाली कन्या को कल्याणी कहा जाता हैं
- पाँच साल की कन्या को रोहिणी कहते हैं
- छह वर्ष की कन्या को कालिका कहते हैं
- सात साल की कन्या का नाम चंडिका
- आठ वर्ष की कन्या को शम्भबी कहा जाता हैं।
- नौ साल की कन्या का नाम दुर्गा हैं।
- दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती हैं।
दस साल के ऊपर की लड़की या कन्या का पूजन नही होता।
kanya pujan se labh | कन्या पूजन का क्या फल है?
- 2 वर्ष की कन्या का पूजन करने से दुखों से मुक्ति मिलती है।
- 3 वर्ष की कन्या यानी त्रिमूर्ति का पूजन करने से सुख शांति समृद्धि मिलती है।
- 4 वर्ष की कन्या का पूजन करने से सब काम सिद्ध हो जाते है।
- 5 वर्ष की कन्या का पूजन करने से मान सम्मान वह सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है ।
- 6साल की कन्या का पूजन से सुख की प्राप्ति
- 7 साल की कन्या का पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है ।
- 8 साल की कन्या का पूजन करने से धन की अभिलाष पूरी हो जाती है।
- नव वर्ष की कन्या का पूजन करने पर विशेष कार्य की सिद्धि व भीतर बाहर सभी प्रकार के शत्रुओं का नाश हो जाता है।
navratri me kanya pujan kyse kare | नवरात्र में नौ कन्याओं का पूजन कैसे करें
सबसे पहले 9 कन्याओं को अपने घर बुलाए आदर पूर्वक शुद्ध व स्वच्छ शासन में बैठाए।
उसके बाद उनके पैरों को साफ स्वच्छ जल से धोएं और एक स्वच्छ वस्त्र से उनके पैरों को पोछदे।
एक लोटे में जल भरकर उनके चारों ओर जल गिराते हुए उनकी तीन परिक्रमा करें। फिर चंदन और अक्षत से टीका करें उनको माला पहनाए।
अंत में उन नौ कन्याओं को भोजन प्रसाद खिलाएं उन्हें दक्षिणा दें अंत में उनसे आशीर्वाद लेते हुए उनको विदा करें ।
ऊपर बताए गए अनुसार यदि navratri me kanya pujan karenge तो आप आपको निश्चित ही नवरात्र के पावन पर्व पर 9 कन्याओं का पूजन करने का फल जरुर मिलेगा।
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