13 मई 2025

महामृत्युंजय मंत्र जप में ये भूल न करें – पूरी जानकारी हिंदी में

महामृत्युंजय मंत्र जप में ये भूल न करें – पूरी जानकारी 

सिर्फ रोगों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि अकाल मृत्यु के भय को भी दूर करता है। पर आजकल लोग बिना सही जानकारी के इसका जप शुरू कर देते हैं और फिर परिणाम न मिलने पर मंत्र की शक्ति पर ही शक करने लगते हैं। असल में गलती मंत्र में नहीं, बल्कि हमारी जप विधि में होती है। आइए, जानते हैं वो सामान्य भूलें जो अक्सर लोग कर बैठते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र जप में ये भूल न करें – पूरी जानकारी हिंदी में


1. अशुद्ध उच्चारण – मंत्र की शक्ति को कम कर देता है

क्या गलती होती है?

"त्र्यम्बकं" को "त्रयम्बकम" बोलना


"मृत्योर्मुक्षीय" को "मृत्योर्मुक्तिय" कह देना


शब्दों को जल्दबाजी में बिना समझे रट लेना


क्या करें?

पहले मंत्र को धीरे-धीरे सीखें। हमारे पूर्वजों ने इसे ऐसे ही नहीं बनाया:

"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"

किसी जानकार व्यक्ति से सुनकर अभ्यास करें या शुद्ध उच्चारण वाली ऑडियो रिकॉर्डिंग का सहारा लें।


2. गलत समय और जगह – फल में बाधा

क्या गलती होती है?

टॉयलेट के पास बैठकर जप करना


बिस्तर पर लेटे-लेटे मंत्र पढ़ना


झगड़े के बाद तुरंत जप शुरू कर देना


क्या करें?

सही समय: सुबह 4-5 बजे (ब्रह्म मुहूर्त) या शाम को संध्या के समय।


सही जगह: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके, आसन बिछाकर बैठें।


मन शांत होना चाहिए, इसलिए जप से पहले 5 मिनट श्वास पर ध्यान दें।


3. माला का अनादर – शुभता नष्ट हो जाती है

क्या गलती होती है?

माला को जेब में डालकर घूमना


गुरु या बड़ों के सामने पैर फैलाकर माला फेरना


एक ही माला से अलग-अलग मंत्रों का जप करना


क्या करें?

माला को हमेशा पूजा स्थान पर रखें, कभी जमीन पर न फेंके।


जप के बाद माला को कपड़े में लपेटकर रख दें।


रुद्राक्ष या तुलसी की माला इस मंत्र के लिए सर्वोत्तम मानी गई है।


**4. बिना एकाग्रता के जप – व्य

"mahamritunjay mantra ki 10 gupt batein " jo kisiko nahi pata is topic par unic humain writing me ek blog post banakar do

महामृत्युंजय मंत्र की 10 गुप्त बातें जो कोई नहीं बताता

प्रस्तावना

महामृत्युंजय मंत्र को वेदों का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। यह न सिर्फ मृत्यु पर विजय दिलाता है, बल्कि जीवन के हर संकट से मुक्ति दिलाने में सक्षम है। लेकिन कुछ रहस्य ऐसे हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोग अनजान हैं। आज हम आपको इस मंत्र से जुड़ी 10 गुप्त बातें बताएंगे, जिन्हें जानकर आप इसकी असली शक्ति को समझ पाएंगे।


1. मंत्र का गुप्त अर्थ – सिर्फ शब्द नहीं, एक संपूर्ण विज्ञान

महामृत्युंजय मंत्र का शाब्दिक अर्थ तो सभी जानते हैं, लेकिन इसका गूढ़ रहस्य यह है कि यह मंत्र शरीर के 7 चक्रों को सक्रिय करता है।


"त्र्यम्बकं" – तीसरा नेत्र (आज्ञा चक्र)


"पुष्टिवर्धनम्" – प्राण शक्ति को बढ़ाता है


"मृत्योर्मुक्षीय" – मृत्यु के बंधन से मुक्ति


2. मंत्र जप का सबसे शक्तिशाली समय – अमावस्या की अर्धरात्रि

ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या की रात 12 बजे से 3 बजे तक इस मंत्र का जप करने से 10 गुना अधिक फल मिलता है।


इस समय भूत-प्रेत योनियों के द्वार खुलते हैं, और यह मंत्र उनसे सुरक्षा प्रदान करता है।


3. मंत्र के साथ इस यंत्र का प्रयोग – शक्ति दोगुनी

अगर आप महामृत्युंजय यंत्र पर इस मंत्र का जप करते हैं, तो इसकी शक्ति 100 गुना बढ़ जाती है।


इस यंत्र को लाल कपड़े में लपेटकर हमेशा अपने पास रखें।


4. गुरु मंत्र – जिसे सिर्फ गुरु ही बता सकते हैं

महामृत्युंजय मंत्र का एक गुप्त बीज मंत्र है, जिसे केवल गुरु दीक्षा के बाद ही बताया जाता है।


इस बीज मंत्र को "ॐ हौं जूं सः" कहा जाता है, जो मंत्र की शक्ति को और बढ़ा देता है।


5. मंत्र जप के बाद यह गलती न करें – अन्न ग्रहण का नियम

मंत्र जप के 1 घंटे तक पानी न पिएं और 2 घंटे तक कुछ न खाएं।


अगर आप ऐसा नहीं करते, तो मंत्र का पूरा प्रभाव नहीं मिलता।


6. मंत्र का गुप्त संबंध – शनिदेव और यमराज से

यह मंत्र शनिदेव को शांत करता है और यमराज के कोप से बचाता है।


अगर आप शनिवार को इस मंत्र का 108 बार जप करते हैं, तो कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।


7. मंत्र जप के समय इस मुद्रा का प्रयोग – अद्भुत परिणाम

मंत्र जप करते समय "चिन्मय मुद्रा" (अंगूठे और तर्जनी को जोड़कर) बनाएं।


इससे मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है और ध्यान गहरा होता है।


8. मंत्र का गुप्त प्रयोग – रोगों का नाश

अगर किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी है, तो उसके सिरहाने बैठकर 11 माला इस मंत्र का जप करें।


मंत्र की ध्वनि तरंगें रोग के कीटाणुओं को नष्ट कर देती हैं।


9. मंत्र का रहस्यमयी प्रभाव – भूत-प्रेत से सुरक्षा

अगर आपको भूत-प्रेत बाधा महसूस हो, तो रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें।


मंत्र की ध्वनि नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाती है।


10. मंत्र का सबसे बड़ा रहस्य – मृत्यु के 3 दिन पहले अगर कोई व्यक्ति मृत्यु से 3 दिन पहले इस मंत्र का 125,000 बार जप कर ले, तो वह अकाल मृत्यु से बच सकता है यह रहस्य गरुड़ पुराण में भी वर्णित है।


महामृत्युंजय मंत्र सिर्फ एक मंत्र नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति है। अगर आप इन 10 गुप्त बातों को ध्यान में रखकर इसका जप करेंगे, तो इसका असर चमत्कारिक होगा।


"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे..." का जप करें और जीवन के हर संकट से मुक्ति पाएं!


लेखक: Pandit Niranjan Subedi (Shastri)

वेबसाइट: https://www.ourbhakti.com/

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