विभिन्न देवताओं के गायत्री मंत्र | Sabhi Devi devatawo ke gayatri mantra
आपको पूजा पाठ नहीं आता आपको मंत्र नहीं आता आपको भगवान का आरती नहीं आता तो कोई बात नहीं आज हम आपको बहुत ही सरल विधि से भगवान की पूजा कैसे करें इस विषय में जानकारी देंगे हमने पहले भी एक लेख में महामृत्युंजय मंत्र की विशेषता कही थी आप उसे भी पढ़ सकते हैं आज हम आपको यह बताएंगे सभी भगवान के गायत्री मंत्र जिसको नित्य पाठ या जप करने से आपको पूजा पाठ करने का ही फल मिलेगा सभी भगवान का गायत्री मंत्र उच्चारण करने में और पढ़ने में बहुत ही सरल है ।
देवताओं के गायत्री मंत्र | Devi devatawo ke gayatri mantra
- विष्णु - ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि । विष्णु प्रचोदयात।
- शिव - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।
- गणेश - ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात।
- दुर्गा - ॐ कात्यायन्यै विद्महे कन्याकुमार्यै धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात।
- सूर्य - भास्कराय विद्महे महातेजय धीमहि । तन्नो सूर्य प्रचोदयात।
- राम - दशरथ विद्महे सीतावरय धीमहि । तन्नो रामा प्रचोदयात।
- सीता- जनकात्मजायै विग्रहे रामप्रियायै धीमहि तन्नः सीता प्रचोदयात्।
- लक्ष्मण- दाशरथाय विद्यहे उर्मिलेशाय धीमहि तन्नो लक्ष्यणः प्रचोदयात्।
- भरत- दाशरथाय विग्रहे माण्डवीवल्लभाय धीमहि तन्नो भरतः प्रचोदयात् ।
- शत्रुघ्न- दाशरथाय विद्महे श्रुतिकीर्तिवल्लभाय धीमहि । तन्नः शत्रुघ्नः प्रचोदयात् ।
- हनुमान्- अन्जनीजाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो वीरः प्रचोदयात् ।
- ब्रह्मा- चतुर्मुखाय विद्महे पद्मासनाय धीमहि तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात् ।
- कृष्ण- देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि । तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ।
- गोपाल- दामोदराय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नः कृष्णः प्रचोदयात् ।
- राधा - ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि । तन्नो राधा प्रचोदयात् ।
- लक्ष्मी -महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।
- गरुड - वैनतेयाय विद्महे सुवर्णपक्षाय धीमहि । तन्नो गरुडः प्रचोदयात् ।
- नृसिंह- वजूनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि । तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात् ।
- परशुराम- जामदग्न्याय विद्महे महावीरााय धीमहि । तन्नो विप्रः प्रचोदयात् ।
- हयग्रीव - वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि । तन्नो हंसः प्रचोदयात् ।
- कार्तवीर्य - कार्तवीर्याय विद्महे महावीर्याय धीमहि । तन्नोऽर्जुनः प्रचोदयात्।
- स्कन्द - महासेनाय विद्महे वाग्विशुद्धाय धीमहि । तन्नः स्कन्दः प्रचोदयात् ।
- नन्दिकेश्वर ॐ हरिवक्त्राय विद्महे रुद्रवक्त्राय धीमहि तन्नो नन्दी प्रचोदयात् ।
- वृष- तीक्ष्णश्रृङ्गाय विद्महे देवपादाय धीमहि । तन्नो वृषः प्रचोदयात् ।
- कुबेर- यक्षेश्वराय विद्महे गदाहस्ताय धीमहि । तन्नो यक्षः प्रचोदयात् ।
- गुरु - परब्रह्मणे विद्यहे गुरुदेवाय धीमहि । तन्नो गुरुः प्रचोदयात् ।
- काम - कामदेवाय विद्यहे पुष्पबाणाय धीमहि । तन्नोऽनङ्गः प्रचोदयात् ।
- गौरी गणाम्बिकायै विद्महे कर्मसिद्धयै च धीमहि । तन्नो गौरी प्रचोदयात् ।
- काली - ॐ कालिकायै विद्महे श्मशानवासिन्यै धीमहि। तन्नोऽघोरा प्रचोदयात् ।
- बगलामुखी - बगलामुख्यै विद्महे दुष्टस्तम्भन्यै धीमहि । तन्नो देवी प्रचोदयात् ।
- सरस्वती- ऐं वाग्दैव्यै च विद्महे सरस्वत्यै च धीमहि । तन्नो देवो प्रचोदयात् ।
- अग्नि - पावकाय विद्महे सप्तजिह्वाय धीमहि। तन्नो वह्निः प्रचोदयात् ।
- व्यास- पूर्णज्ञानाय विद्महे पूर्णानन्दाय धीमहि । तन्नो व्यासः प्रचोदयात् ।
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