shadi aur mangalik yog | मांगलिक योग है या दोष?
जब भी आप शादी करने का मन बनाले तो उस समय mangalik dosh का विचार अवश्य करे क्यों की shadi aur mangalik yog का सही मिलान ही आपके वैवाहिक जीवन में खुशिया ला सकता हैं
मंगल ग्रह को लेकर हमारे समाज में बहुत सारी भ्रांतियां फैला रखी है मंगल ग्रह से लोग क्यों डरते हैं समझ में नहीं आता ?
सबसे पहले तो मंगल ग्रह से संबंधित जो भ्रांति है उसको जानना जरूरी है उसके बाद हम shadi aur mangalik yog के विषय में चर्चा करेंगे बहुत सारे विद्वानों का ज्योतिषियों का यह कहना है की मंगल एक पापी ग्रह है
हम आपको बता देते हैं मंगल एक पापी ग्रह नहीं है मंगल शुभ ग्रह भी नहीं है मंगल एक क्रूर ग्रह है यदि किसी का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है
तो लोग यही कहेंगे जरूर इसका मंगल ग्रह खराब होगा मांगलिक होगा इसलिये एसा हो रहा है कोई गुस्सैल आदमी होगा तो भी लोग कहेंगे यह इतना गुस्सा करता है इसका मंगल ग्रह खराब हैं
क्या मंगल ग्रह इतना बुरा है! क्या हमारे जीवन में सारी परेशानियों का जड़ ही मंगल ग्रह है आज के इस लेख में हम मंगल ग्रह से संबंधित भ्रान्तियों को जानेंगे साथ ही साथ mangalik yog aur shadi के विषय में भी जानेंगे
Aapki shadi aur mangalik yog|आपकी शादी और मांगलिक योग
मंगल ग्रह कब अच्छा होता है और किन किन परिस्थितियों में मंगल बुरा फल देता हैं
shadi aur mangalik yog |
mangalik yog aur mangal ka prabhav,मांगलिक योग और मंगल का प्रभाव
मंगल ग्रह सबसे पहले तो खून का,करीयर का,भावनाओं का,स्वास्थ्य का,साहस आदि का कारक होता है ।
सबसे महत्वपूर्ण बात मंगल ग्रह हमारे स्वभाव का भी कारक होता है। इसीलिए मंगल ग्रह को वैवाहिक जीवन में इतना महत्व दिया जाता है।
kya hai mangalik dosh | क्या होता है मांगलिक दोष
हमारे समाज में ज्यादातर भ्रांतियां मंगल दोष के ऊपर ही है मंगल दोष तभी होता है जब मंगल कुंडली के 1,4,7,8 और 12 भावों में बैठता हैयदि वाकई किसी के जन्म कुंडली में मंगल दोष है तो उसका विवाह मंगल दोष से युक्त वाले के साथ ही होना चाहिए
अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आने वाला वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होगा।
मंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको जानना जरूरी है
हमारे जीवन में मंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको हमें जानना जरूरी है। यदि हमें मंगल ग्रह के अच्छे चाहिये तो सबसे पहले हमें यह जानना होगा मंगल ग्रह हमारे जन्म कुंडली के किस भाव में बैठा है।
कौन सी राशि में बैठा है कौन से ग्रह के साथ बैठा है यदि मंगल कुंडली के लग्न में बैठा है तो जातक ज्यादा सुंदर नहीं होता है पर चेहरे में लालिमा जरूर रहती है।
प्रथम भाव में मंगल ग्रह अपनी माता ,जीवन साथी और पूर्ण रूप से वैवाहिक जीवन के प्रति उतना अच्छा नहीं माना जाता जिनके लग्न में मंगल बैठा हो।
अब बात करते हैं फायदे की
यदि मंगल जन्मकुंडली में प्रथम भाव में यानी लग्न में बैठा हो तो व्यक्ति बहुत ज्यादा साहसी होता है बहुत पराक्रमी होता है मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी समस्या का हल निकाल लेता है।
मंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको जानना जरूरी है
हमारे जीवन में मंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको हमें जानना जरूरी है। यदि हमें मंगल ग्रह के अच्छे चाहिये तो सबसे पहले हमें यह जानना होगा मंगल ग्रह हमारे जन्म कुंडली के किस भाव में बैठा है।
कौन सी राशि में बैठा है कौन से ग्रह के साथ बैठा है यदि मंगल कुंडली के लग्न में बैठा है तो जातक ज्यादा सुंदर नहीं होता है पर चेहरे में लालिमा जरूर रहती है।
प्रथम भाव में मंगल ग्रह अपनी माता ,जीवन साथी और पूर्ण रूप से वैवाहिक जीवन के प्रति उतना अच्छा नहीं माना जाता जिनके लग्न में मंगल बैठा हो।
अब बात करते हैं फायदे की
यदि मंगल जन्मकुंडली में प्रथम भाव में यानी लग्न में बैठा हो तो व्यक्ति बहुत ज्यादा साहसी होता है बहुत पराक्रमी होता है मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी समस्या का हल निकाल लेता है।
shadi aur mangalik yog
अगर मंगल ग्रह गलत स्थान पर बुरे ग्रहों के साथ बैठा हो तो बुरा भी करता है यदि मंगल ग्रह चतुर्थ भाव में बैठा होतो मंगल का प्रभाव सबसे कम होता है।
चतुर्थ भाव में बैठा मंगल वैवाहिक जीवन में तालमेल नहीं होने देता यदि जातक के जन्म कुंडली में मंगल चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह के साथ बैठा हो तो वह किसी दूसरे आदमी को आकर्षित करने की क्षमता रखता है।
सुंदर व्यक्तित्व वाला होता है मंगल यदि कुंडली के सातवें भाव में हो तो व्यक्ति ज्यादा हिंसक होता है गुस्सैल होता है दूसरे की बातों को ना सुनने वाला होता है।
ज्यादा झगड़े लड़ाई करने वाला होता है सप्तम भाव के मंगल को वैवाहिक जीवन में सबसे अशुभ मांगलिक योग कहा गया है।
यदि मंगल सातवें भाव में अच्छे ग्रह के साथ बैठा हो तो ऐसे लोगों को मान सम्मान मिलता है संपदा मिलती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
अगर मंगल कुंडली के आठवें भाव में हो तो जातक के वाणी मैं दोष उत्पन्न कर देता है जिसके चलते जातक को अकेलेपन का एहसास होता है।
कभी कभी त्वचा संबंधी बीमारियां भी दे देता है दुर्घटनाओं के योग भी देता है अगर अष्टम भाव में बैठा मंगल शुभ फल दे तो आकस्मिक धन का लाभ भी होता है।
यदि मंगल कुंडली के द्वादश भाव में हो तो ज्यादा जातक को स्थिर नहीं होने देता मन में ज्यादा बेचैनी उत्पन्न कर देता है द्वादश भाव का मंगल दैनिक जीवन में एक दूसरे के प्रति अहंकार भर देता है।
वहीं मंगल यदि द्वादश भाव में अच्छे योग में बैठा होतो घर से दूर विदेशों में जाकर मान प्रतिष्ठा पा लेता है सबका प्यार पा लेता है।
मांगलिक होने का अर्थ यह नहीं है कि वह हमेशा बुरा ही करें मांगलिक होने के साथ-साथ मंगल ग्रह शुभ फल देता है |
कैसे खत्म किया जा सकता है मांगलिक दोष को
मंगल ग्रह से वाकई समस्याएं आ रही हैं पति पत्नी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं शरीर कमजोर है आत्म बल नहीं है साहस नहीं है तो हमें मंगल ग्रह को ठीक करना होगा।
मंगल ग्रह को ठीक करने के लिए हमारे ज्योतिष शास्त्र में बहुत सारे उपाय कहे गए हैं उन उपायों में से कुछ उपाय हम यहां पर बता रहे हैं।
- मंगलवार का व्रत करें
- मंगल ग्रह का जाप करें,
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें
- लाल कपड़ों से परहेज करें,
- अपनों से बड़ों का सम्मान करें |
तो दोस्तों ये था मंगल ग्रह से सम्बंधित कुछ खास जानकारी यदि आप के पास कोई सवाल या सुझाब हे तो कृपया आप हमसे संपर्क करे