shadi aur mangalik yog | मांगलिक योग है या दोष?
जब भी आप शादी करने का मन बनाले तो उस समय mangalik dosh का विचार अवश्य करे क्यों की shadi aur mangalik yog का सही मिलान ही आपके वैवाहिक जीवन में खुशिया ला सकता हैं
Aapki shadi aur mangalik yog|आपकी शादी और मांगलिक योग
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shadi aur mangalik yog |
मंगल ग्रह सबसे पहले तो खून का,करीयर का,भावनाओं का,स्वास्थ्य का,साहस आदि का कारक होता है ।
kya hai mangalik dosh | क्या होता है मांगलिक दोष
हमारे समाज में ज्यादातर भ्रांतियां मंगल दोष के ऊपर ही है मंगल दोष तभी होता है जब मंगल कुंडली के 1,4,7,8 और 12 भावों में बैठता हैमंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको जानना जरूरी है
हमारे जीवन में मंगल ग्रह अच्छा फल भी देता है जिसको हमें जानना जरूरी है। यदि हमें मंगल ग्रह के अच्छे चाहिये तो सबसे पहले हमें यह जानना होगा मंगल ग्रह हमारे जन्म कुंडली के किस भाव में बैठा है।
कौन सी राशि में बैठा है कौन से ग्रह के साथ बैठा है यदि मंगल कुंडली के लग्न में बैठा है तो जातक ज्यादा सुंदर नहीं होता है पर चेहरे में लालिमा जरूर रहती है।
प्रथम भाव में मंगल ग्रह अपनी माता ,जीवन साथी और पूर्ण रूप से वैवाहिक जीवन के प्रति उतना अच्छा नहीं माना जाता जिनके लग्न में मंगल बैठा हो।
अब बात करते हैं फायदे की
यदि मंगल जन्मकुंडली में प्रथम भाव में यानी लग्न में बैठा हो तो व्यक्ति बहुत ज्यादा साहसी होता है बहुत पराक्रमी होता है मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी समस्या का हल निकाल लेता है।
अगर मंगल ग्रह गलत स्थान पर बुरे ग्रहों के साथ बैठा हो तो बुरा भी करता है यदि मंगल ग्रह चतुर्थ भाव में बैठा होतो मंगल का प्रभाव सबसे कम होता है।
चतुर्थ भाव में बैठा मंगल वैवाहिक जीवन में तालमेल नहीं होने देता यदि जातक के जन्म कुंडली में मंगल चतुर्थ भाव में शुभ ग्रह के साथ बैठा हो तो वह किसी दूसरे आदमी को आकर्षित करने की क्षमता रखता है।
सुंदर व्यक्तित्व वाला होता है मंगल यदि कुंडली के सातवें भाव में हो तो व्यक्ति ज्यादा हिंसक होता है गुस्सैल होता है दूसरे की बातों को ना सुनने वाला होता है।
ज्यादा झगड़े लड़ाई करने वाला होता है सप्तम भाव के मंगल को वैवाहिक जीवन में सबसे अशुभ मांगलिक योग कहा गया है।
यदि मंगल सातवें भाव में अच्छे ग्रह के साथ बैठा हो तो ऐसे लोगों को मान सम्मान मिलता है संपदा मिलती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
अगर मंगल कुंडली के आठवें भाव में हो तो जातक के वाणी मैं दोष उत्पन्न कर देता है जिसके चलते जातक को अकेलेपन का एहसास होता है।
कभी कभी त्वचा संबंधी बीमारियां भी दे देता है दुर्घटनाओं के योग भी देता है अगर अष्टम भाव में बैठा मंगल शुभ फल दे तो आकस्मिक धन का लाभ भी होता है।
यदि मंगल कुंडली के द्वादश भाव में हो तो ज्यादा जातक को स्थिर नहीं होने देता मन में ज्यादा बेचैनी उत्पन्न कर देता है द्वादश भाव का मंगल दैनिक जीवन में एक दूसरे के प्रति अहंकार भर देता है।
वहीं मंगल यदि द्वादश भाव में अच्छे योग में बैठा होतो घर से दूर विदेशों में जाकर मान प्रतिष्ठा पा लेता है सबका प्यार पा लेता है।
मांगलिक होने का अर्थ यह नहीं है कि वह हमेशा बुरा ही करें मांगलिक होने के साथ-साथ मंगल ग्रह शुभ फल देता है |
कैसे खत्म किया जा सकता है मांगलिक दोष को
मंगल ग्रह से वाकई समस्याएं आ रही हैं पति पत्नी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं शरीर कमजोर है आत्म बल नहीं है साहस नहीं है तो हमें मंगल ग्रह को ठीक करना होगा।
मंगल ग्रह को ठीक करने के लिए हमारे ज्योतिष शास्त्र में बहुत सारे उपाय कहे गए हैं उन उपायों में से कुछ उपाय हम यहां पर बता रहे हैं।
- मंगलवार का व्रत करें
- मंगल ग्रह का जाप करें,
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें
- लाल कपड़ों से परहेज करें,
- अपनों से बड़ों का सम्मान करें |