31 मई 2019

akbar birbal ki kahani | भगवान मूर्खो को दिखाई नहीं देते

Akbar birbal ki kahani | अखबर और बीरबल की रोचक कहानी  


Akbar birbal ki kahani को कौन नहीं जानता इन दोनों की कहानियां जो कोई पड़ता है  सुनता है तो

 उसके मन में एक नया ख्याल आता है जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है साथ ही हमें Akbar birbal ki 


kahani यह सिखाती है कि जीवन की हर परिस्थितियों में हमें किस प्रकार अपने आपको डालना  चाहिए


 परिस्थितियों से हमें भागना नहीं चाहिए बल्कि उनका सामना करना चाहिए।


 आज हम जानेंगे Akbar and  birbal के बिषय में कुछ हिन्दू धर्म से सम्बंधित महत्वपूर्ण  बातें जिसको जानकर

आपको हिन्दू होने पे गर्व होगा

Akbar birbal ki kahani | अखबर  बीरबल की कहानी  

akbar birbal ki kahani | अखबर और बीरबल की कहानी
akbar birbal ki kahani


राजा अकबर हमेशा कोई ना कोई सवाल बीरबल से पूछते रहते थे और birbal  भी बड़े ही शान से  बड़े ही खुशी

से akbar  के सवालों का जवाब दिया करते थे।  1 दिन अकबर ने वीरवल  से पूछा भगवान कहां है ?भगवान क्या

 करता है ?और भगवान क्यों नहीं दिखाई देता? यह तीन सवाल अखबर  ने विरवल  से पूछ लिया।

बीरबल भी भगवान के पक्के भक्त और सेवक थे वह भगवान का पूजा पाठ बहुत करते थे। लेकिन विरबल  को

यह नहीं पता था कि भगवान कहां रहता है ?भगवान क्या करता है और भगवान दिखाई क्यों नहीं देता यह बातें

birbal  को नहीं पता थी।

बीरबल ने अपने मन ही मन सोचा आज तो मैं फंस ही गया दुनिया का यह पहला इतिहास होगा कि अकबर के

सवाल का जवाव  विरवल नहीं दे पाया। बीरबल परेशान हो  गए अकबर ने कहा birbal  क्या हुआ क्या तुम्हारे

पास मेरे सवालों का जवाब नहीं।

बीरबल ने कहा नहीं हजूर मैं आपके प्रश्नों का जवाब जरूर दूंगा लेकिन मुझे कुछ दिनों की मोहलत चाहिए।

अकबर ने कहा ठीक है तुम्हें मैं 7  दिन की मोहलत देता हूं  यदि तुमने  7 दिन में  मेरे प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया

तो तुम्हें मृत्युदंड दिया जाएगा।


बीरबल ने हां भरी और अपने घर को चले आए। बीरबल जब भी घर आते थे अपनी बेटी के लिए कुछ ना कुछ

लेकर आते थे बड़े खुश होकर अपनी  बेटी को गले लगाते थे बहुत सारा प्यार करते थे लेकिन उस दिन बीरबल ने

 ऐसा कुछ नहीं किया और सीधा अपने शयनकक्ष में जाकर बैठ गए ।

बीरबल की बेटी ने सोचा आज मेरे पिताजी को क्या हो गया ऐसा तो पहले कभी नहीं करते थे इतना कहकर

बीरबल की बेटी बीरबल के पास पहुंच गई और उसने बीरबल से पूछा पिताजी आप को क्या  हो गया ?आप क्यों

 चिंता में डूबे हुए हैं?

akhbar birbal ki kahani भगवान क्या नहीं करता है? 


 birbal  ने कहा नहीं बेटी ऐसी कोई बात नहीं है बस आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है बीरबल ने बातों को

 टालना चाहा लेकिन बीरबल की बेटी भी बहुत जिद्दी थी अतः उसने अपने पिताजी से सच कहने को कहा।

बीरबल अपनी बेटी के सामने विवश हो गए  और राजा अकबर   किये हुये सारे प्रश्नों को अपनी बेटी के सामने

कह दिया।

बीरबल की बेटी मुस्कुरा कर बोली बस इतनी सी बात है दुनिया भी देखेगी akbar birbal ki kahani के

किस्से आप चिंता ना करें पिताजी इन सारे प्रश्नों के उत्तर कल राजा के सामने जाकर मैं दूंगी।


akbar birbal ki kahani | अखबर और बीरबल की कहानी

akbar and birbal

बीरबल को बड़ा आश्चर्य हुआ इतनी छोटी सी बच्ची अकबर के इतने कठिन प्रश्नों के उत्तर कैसे देगी।

 बीरबल ने अपनी बेटी को मनाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह नहीं मानी फिर बीरबल ने कहा ठीक है

 अकबर के किए हुए प्रश्नों के उत्तर कल तुम राजमहल में जा कर दे देना।

दूसरे दिन बीरबल अपनी पुत्री को अकबर के पास ले गए अकबर ने जैसे ही बीरबल देखा तो आश्चर्य में पड़ गए

और अकबर ने बीरबल से कहा बीरबल तुम तो 7 दिन की मोहलत लेकर गए थे और इतनी जल्दी वापस कैसे आ

 गए? अखबार ने कहा मुझे लगता है कि तुमने मेरे सारे प्रश्नों के उत्तर ढूंढ निकाले हैं।

बीरबल बिल्कुल मौन खड़े रहे और उनकी छोटी सी लड़की सभा के आगे आ गई और महाराज अखबार से उस

 लड़की ने कहा आपको महाराज किसने बनाया? किसने आपको यह राज सिंहासन दिया ?आप तो  चपरासी

बनने के लायक भी नहीं है।

उस लड़की की यह बात सुनकर अखबर पहले तो बहुत गुस्सा हुए फिर बाद में अपने गुस्से को काबू करते हुए

अकबर ने उस लड़की से कहा कौन हो तुम?

 और क्यों  इसप्रकार की बात कर रही हो? मेरे अंदर ऐसी कौन सी बात नहीं है जिसके कारण मैं राजा नहीं बन

सकता क्या कमी है मेरे अंदर बताओ तो!

 लड़की ने कहा जो व्यक्ति घर में आए हुए मेहमान को उठना बैठना मेहमान का स्वागत करना नहीं जानता वह

 राजा बनने के लायक नहीं है। लड़की की बात सुनकर बीरबल हाथ जोड़कर राजा के समक्ष जाखर माफी मांगने

 लगे हजुर माफ कीजिएगा यह कन्या मेरी पुत्री है यह बहुत छोटी है अत इसे शब्दों का ज्ञान नहीं इसकी बातों पर

बिल्कुल ध्यान मत दीजिए महाराज

अकबर ने बीरबल से कहा बीरबल तुम्हारी बेटी सच में बहुत ही चतुर है तुम्हारी बेटी ने मुझे सही शिक्षा दी हे।

राजा होने के अहंकार में मैंने इनका सत्कार नहीं किया तुम्हारी बेटी ने जो किया बिल्कुल सही किया।

‌इतना कहकर राजा ने बीरबल की लड़की को आसन में बैठने को कहा लेकिन वह लड़की बैठी नहीं उसने कहा

मैं आसन में नहीं बैठूंगी मैं यहां पर बैठने के लिए नहीं आई मैं तो इसलिए आई हूं कि मैंने आपका नाम बहुत सुना

 है मैं आपका प्रभाव देखने के लिए आई हूं।

 akbar ने सोचा मैं इससे और बातें करूंगा तो यह मेरे को और लज्जित करेगी इससे ज्यादा बात करना अच्छी

बात नहीं अकबर ने  कहा यह बहुत ही होनहार लड़की है अतः इसके लिए एक कटोरे में दूध लेकर आओ

इसको दूध पिलाएंगे राजा की बात सुनकर दरबानने birbal की लड़की के लिए कटोरा भर के दूध लाए और

उसको दे दिया बीरबल की लड़की ने दूध से भरा कटोरे को हाथ में लिया और उंगली से उस दूध को घुमाने लगी

उस लड़की ने दूध को नहीं  पिया  बहुत देर तक घुमाती रही ।

‌ अकबर को  बड़ा आश्चर्य लगा कि दूध क्यों नहीं पी रही अकबर ने उस लड़की से कहा बेटी दूध पी लो दूध

बीरबल की लड़की ने कहा मैं दूध नहीं पिऊंगी बल्कि मैं घी खाऊंगी इसीलिए मैं इस दूध से भरे कटोरे को उंगली

से घुमा रही हूं ताकि इस दूध से भरे कटोरे से घी निकल आए।

‌ अकबर ने उस लड़की से कहा क्यों बेवकूफी भरी बातें करती हो भला ऐसे कैसे घी निकल सकता है? घी

निकालने के लिए पहले दूध को गर्म करना पड़ता है, फिर उसमें थोड़ा दही डालना पड़ता है ,उसको जमाना

पड़ता है फिर उस जमे हुए दही को मथना पड़ता है तब कहीं जाकर घी निकलता है ऐसे उंगली  को घुमाने से घी

 नहीं निकल सकता।

‌ बीरबल की लड़की ने कहा सच में महाराज आप तो बहुत ही समझदार और होशियार है।

‌ अकबर ने कहा इसमें होशियारी की क्या बात है यह तो कोई भी बता सकता है।

‌ बीरबल की लड़की ने कहा महाराज आपने मेरे पिताजी से क्या प्रश्न की किया था ?

अखबार ने कहा मैंने आपके पिताजी से यह कहा था कि भगवान कहां रहते हैं?

बीरबल की लड़की ने कहा महाराज आप तो स्वयं जानते हैं कि भगवान कहां रहता है फिर भी आपने मेरे पिताजी से पूछा !

अखबर ने कहा कि मैंने ऐसा क्या बता दिया जो मैं स्वयं जानता हूं की भगवान कहां रहते हैं?

बीरबल की लड़की ने कहा आप जानते तो हैं भगवान कहां रहता है लेकिन समझ नहीं पा रहे हैं।

जिस प्रकार इस दूध से भरे हुए कठोरे  के चारों तरफ घी छुपा हुआ है। ठीक उसी प्रकार से इस संसार रूपी

कटोरे मैं चारों तरफ भगवान छुपा हुआ है।

akbar birbal ki kahani | अखबर और बीरबल की कहानी

                       akbar birbal ki kahani

birbal stories


राजा से ज्यादा birbal की stories सुनने में आनंद आता है पढ़िए आगे क्या हुआ  जैसे दूध में घी भरा पड़ा है

लेकिन दिखाई नहीं देता है लेकिन थोड़ा सा उसे हल्का गरम करना पड़ता है और गर्म करके उसमें थोड़ा सा दही

 बोले तो दो शब्द गुरु के मंत्रों का डलवाना पड़ता है उस जीवन रूपी दूध में जैसे ही हम अपने जीवन रूपी दूध

में मंत्र रुपी दही डालते हैं तो वह जमकर भक्ति का रूप ले लेता है फिर हम साधना और संयम की मथनी चलाते

हैं जब हम साधना और संयम में जीवन को ढाल लेते हैं। तब जाकर उसमें से भगवान  जीवन रूपी कटोरे में

निकल आता है। इतना सब करने के बाद तब हमें भगवान दिखता है जिस प्रकार दूध से घी निकलने की पद्धति

है उसी प्रकार जीवनरूपी कटोरे से भगवान को देखने के लिए हमें अपने जीवन को उसी प्रकार से मथ ना होगा

तब जाकर भगवान दिखता है।

बीरबल की लड़की की बात सुनकर अखबर हैरान हो गए और हंसते हुए बीरबल की लड़की से कहा बेटी मुझे

तुम्हारी बात समझ में आ गई अब मुझे मेरे दूसरे प्रश्न का उत्तर भी दे दो।

बीरबल की लड़की ने कहा कौन सा दूसरा प्रश्न ? अखबार ने कहा भगवान क्या करता है?

 लड़की ने कहा महाराज आप फिर से गलती कर रहे हो! अकबर ने कहा कौन सी गलती? लड़की ने कहा हमारे

 हिंदू धर्म के अनुसार जो ज्ञान देता है वह गुरु होता है और जो ज्ञान लेता है वह शिष्य होता है। बीरबल की लड़की

 ने फिर अकबर से कहा आप मुझे यह बताइए महाराज की इस सभा में ज्ञान कौन दे रहा है और ज्ञान कौन ले

रहा है   

 ये भी पढ़ सकते हैं  घर का तिजोरी किस दिशा में होना चाहिए?


अखबर ने  बोला इस सभा में तुम मुझे ज्ञान दे रही हो और मैं तुमसे ज्ञान ले रहा हूं

फिर उस लड़की ने कहा हमारे हिंदू धर्म में जो ज्ञान देता है वह गुरु होता है और जो ज्ञान लेता है वह शिष्य होता

है शिष्य हमेशा गुरु के नीचे बैठता है गुरु का आसन हमेशा शिष्य के आसन से ऊपर होता है।

बीरबल की लड़की की बात सुनकर अकबर राजा के होश उड़ गए और अकबर ने उस लड़की से कहा बेटी तुम

बिल्कुल सही कह रही हो इस सभा में तुम मुझे ज्ञान दे रही हो अतः तुम मेरी गुरु हुई इसलिए मैं तुमको अपने

सिंहासन पर बैठा देता हूं और मैं स्वयं तुम्हारी जगह में बैठ जाता हूं। उस छोटी सी लड़की को अकबर ने अपने

राज सिंहासन पर बैठा दिया और स्वयं जमीन पर बैठ गए और फिर कहा अब बताओ बेटी मेरे सवालों का

जवाब?

बीरबल की लड़की फिर मुस्कुरा कर बोली महाराज उत्तर तो आपने फिर स्वयं दे दिया। अकबर ने कहा कैसे?

बीरबल की पुत्री ने बोला महाराज आपका दूसरा प्रश्न था भगवान क्या करता है ? जो अभी अभी चमत्कार हुआ है

भगवान वही करता है राही को पहाड़ बना देता है और पहाड़ को राही बना देता है मैं 6 साल की कन्या आप के

सिंहासन पर अपने आप आ गई और आप इतने बड़े महाराज मेरी जगह स्वयं आ गए भगवान यहीं करते हैं।

उस छोटी सी बच्ची की बातों को सुनकर अकबर जी बहुत खुश हुए और उस लड़की  से फिर से कहा मेरे तीसरे

प्रश्न का उत्तर क्या है वह भी बता दो!

बीरबल की लड़की ने कहा आपने तीसरा प्रश्न किया था कि भगवान क्या नहीं करता है? महाराज मैं आपको बिना

कोई उदाहरण दिए इस प्रश्न का उत्तर दे सकती हूं आप ने पूछा भगवान क्या नहीं करता है तो मैं आपको बता दूं

भगवान वह सब कुछ नहीं करता जो आप करते हो बस भगवान में और आप में यही फर्क है।

अकबर ने कहा क्या ?भगवान क्या नहीं करता जो मैं करता हूं?

बच्ची ने कहा भगवान रोटी नहीं खाते भगवान बच्चे पैदा नहीं करते, भगवान किसी नौकरी पर नहीं जाते हैं, और

अंतिम बात भगवान आपकी तरह किसी दूसरे को परेशान भी नहीं करते बस यही फर्क है भगवान में और

आपमें।

अखबर को उनके तीनों प्रश्नों के उत्तर उत्तर मिल गए और अकबर बीरबल की ओर देखते हुए मुस्कुरा कर बोले

की है बीरबल तुम्हारे साथ साथ तुम्हारा परिवार भी चतुर और चालाक है तुम से जीतना मेरे बस की बात नहीं।


हम आशा करते हैं आप लोगों को अकबर बीरबल stories akbar birbal ki kahani बहुत ही पसंद आया

होगा यदि आप लोगों के पास कोई भी सवाल या akbar and birbal से संबंधित कोई अच्छी कहानी है तो हमें

 मेल कर सकते हैं।




3 टिप्‍पणियां:

  1. Birbal ki ladki ne akbhar ko acha sabak sikhaya.

    जवाब देंहटाएं
  2. Ye kahani siddhantik roop se sahi nahi hai, isprakar Akbar-Birbal ka naam lekar kuch bbhi likha thik nahi hai. Isse na to prashno ka sahi uttar milta hai aur Hindu dharm ke siddhan bhi galat

    जवाब देंहटाएं

इस लेख से सम्बंधित अपने विचार कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं