29 मई 2021

आपको पता हैं हिन्दू धर्मं में भी शॉर्टकट का फुल्फोर्म होता हैं

हिन्दू धर्मं में भी शॉर्टकट का फुल्फोर्म नंबर का अर्थ | hindu dharma me kuch shortcut number ka full form

हिन्दू धर्म में भी कुछ शार्टकर्ट  होते हैं जिसका फुल्फोर्म जानना जरुरी हैं जैसे -पंचामृत,त्रिदेव ,पंचगव्य आदि आपकी जानकारी के लिये यहाँ पर हम  पंचामृत और त्रिदेव का अर्थ समझने का प्रयास करते हैं  पंचामृत पाँच प्रकार की वस्तु से मिलकर बना हुआ अमृत वो पाच वस्तु क्या हैं आपको निचे जानकारी मिल जाएगी त्रिदेव तीन प्रकार के देवता एसे ही सनातन धर्मं में मुख्य  99 प्रकार के शॉर्टकट वाले शब्द हैं जिसका अर्थ आपको यहाँ मिल जायेगा .

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hindu dharma me shortcut number ka full form | हिन्दू धर्म में शॉर्टकट का पूरा मतलब 


  1. शून्य- आकाश , 
  2. एक - ईश्वर 
  3. द्वि- प्रकृति - पुरुष , माया - ब्रह्म , जीव - माया , जीवात्मा - परमात्मा
  4. त्रिमधु घृत , मधु , सर्करा 
  5. त्रिअग्नि- दक्षिणाग्नि , गार्हपत्याग्नि , आवाहनीयाग्नि
  6. त्रिताप- आध्यात्मिक , आधिदैविक , आधिभौतिक 
  7. त्रिकर्म- सञ्चित , प्रारब्ध , क्रियामाण 
  8. त्रिकालसंध्या- प्रातर्गायत्री , मध्यान्हसावित्री , सायान्हसरस्वती 
  9. त्रिगुण- सत्व , रज , तम 
  10. त्रिदेव ब्रह्मा , विष्णु , महेश 
  11. त्रिभुवन- स्वर्ग , मर्त्य , पाताल 
  12. त्रिकोण- त्रिकोणस्य मंगल यन्त्र 
  13. चतुर्पुरुषार्थ- धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष
  14. चारवर्ण- ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य , शूद्र 
  15. चतुराश्रम- ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास 
  16. चतुर्युग- सत्य , त्रेता , द्वापर , कलि
  17. चतुर्वेद- ऋकवेद , सामवेद , यजुर्वेद , अथर्ववेद 
  18. चतुः उपवेद- आयुर्वेद , गन्धर्ववेद , धनुर्वेद , स्थापत्यवेद 
  19. चतुर्नीति- साम , दाम , दण्ड , भेद 
  20. चतुर्धाम- जगन्नथ , -द्वारका , वद्रीनाथ , रामेश्वर 
  21. चतुर्दिशा- पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण 
  22. पञ्चामृत- गोदुग्ध , गोदधी , गोघृत , मधु , सर्करा
  23. पञ्चगंगा- भागीरथी , यमुना , सरस्वती , किरणा , महातपा 
  24. पञ्चगव्य- गोमुत्र , गोमय , गोदधी , गोदुग्ध , गोघृत 
  25. पञ्चपल्लव -बट , पिप्पल , आम्र , डुम्री , पाखी 
  26. पञ्चपुष्प- चम्पक , शमी , पद्म , करवीर ,आम्र
  27.  पञ्चतत्व- भूमी , जल , तेज , वायु , आकाश
  28. पञ्चरत्न- स्वर्ण , रौप्य ( चाँदी ) , मूंगा , पन्ना , मोती
  29. पञ्चवली- महीष , मेष , अज , हंस , कुक्कुट
  30. पञ्चमहायज्ञ- वेदपाठ , होम , तर्पण , बलिवैश्वदेव , अतिथि सत्कार 
  31.  पञ्चकन्या -अहिल्या , द्रोपदी , सीता , तारा , मन्दोदरी 
  32. पञ्चदारु- आम्र , जम्बु , शिलावृक्ष , स्वरोपितवृक्ष , हस्तिभंगवृक्ष 
  33. पञ्चदेवता- श्रीगणेश , श्रीसूर्य , श्रीदुर्गा , श्रीविष्णु , श्रीसदाशिव 
  34. पञ्चांग 1- हृदय , शिर , शिखा , बाहु , मुख 
  35. पञ्चांग 2 -तिथि , वार , नक्षत्र , योग , करण 
  36. पञ्चोपचारपुजा- धूप , दीप , नैवेद्य , आरार्तिक्य , पुष्पाञ्जली
  37. पञ्चकषाय  डुम्री , बेल , पलास , वट , पीपल
  38. षड्शास्त्र- सांख्य , योग , वेदान्त , मीमांसा , न्याय , वैशेषिक 
  39. षड्रस- मधुर , अम्ल , लवण , कटु , तिक्त , कषाय 
  40. षड्वेदांग- शिक्षा , कल्प , व्याकरण , निरुक्त , ज्योतिष , छन्द 
  41. षड्शत्रू काम , क्रोध , लोभ , मोह , मद , मात्सर्य 
  42. षट्कर्म मारण , मोहन , वशीकरण , उच्चाटन , स्तम्भन , उत्कीलन 
  43. षट्राग - भैरवी , दीपक , मालकौश , श्रीराग , हिन्डोक्ष , मेघ
  44. षट्कोण- श्रीसरस्वती यन्त्र 
  45. षट्ऋतु- शिशिर , वसन्त , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , हेमन्त 
  46. सप्तधान्य -धान्य , गोधुम , यव , तिल , माष , चणकम्
  47. सप्तमृत्तिका- हस्थिपादरज , अश्वपादरज , सकटमृत्तीका , धमीरमृत्तीका , रणभूमिमृत्तीका , गौशालायामृतीका , चत्वरमार्गस्यमृत्तीका 
  48. सप्तधातु-स्वर्ण , ताम्र , रौप्य , पितल , लौह , राङ , सीसा 
  49. सप्तर्षि- कश्यप , अत्री , भरद्वाज , विश्वामित्र , गौतम , जमदग्नी , वशिष्ठ
  50. सप्तपुरी अयोध्या , मथुरा , माया , काशी , कान्ची , अवन्तिका ,द्वारावती 
  51. सप्तमातृका -ब्राह्मी  , माहेश्वरी , कौगरी , वैष्णयी , चाराही , इन्द्राणी , चामुण्डा 
  52. सप्तद्वीप-जम्बू  , शाक , शाल्मली , कुश , क्रौंच , पुष्कर , प्लक्ष 
  53. सप्तनदी . गंगा , यमुना , सरस्वती , गोदावरी , नर्मदा , सिन्धु , कावेरी
  54. सप्तसागर- दूग्ध , दधी , घृत , लवण , ईखरस , मदिरा , निर्मलजल 
  55. अष्टगन्ध- श्रीखण्ड , अगरु , कपूर , कस्तुरी , गोरोचन , कुंकुम , हस्तीमद , लाक्षारस 
  56. अष्टचिरञ्जीवी - मार्कण्डेय , अश्वत्थामा , बली , व्यास , हनुमान , विभिषण , कृपाचार्य , परसुराम
  57. अष्टसिद्धि- अणिमा , महिमा , गरिमा , लधिमा , प्राप्ति , प्राकाम्य , ईशित्व , वशित्व 
  58. अष्टांगप्रणाम- शिरेण , वक्ष , मन , वचन , हस्त , चरण , जानु , दृष्टि 
  59. अष्टमहादान -तिल , लौह , स्वर्ण , कपास , लवण , सप्तधान्य , गौ , भुमी 
  60. अष्टनाग- अनन्त , वासुकी , पद्म , महापद्म , तक्षक , कुलील , कर्कट , शंख 
  61. अष्टदिग्गज -ऐरावत , पुण्डरीक , वामन , कुमुद , पुष्पदन्त ,सार्वभौम , सुप्रतीक 
  62. अष्टवशु- ध्रुव , अम्बर , सोम , अनिल , अनल , आप , प्रत्युष , प्रभास 
  63. अष्टपर्वत- सुमेरु , गन्धमादन , कैलास , हिमालय , त्रिकूट , चित्रकूट , चन्द्रकूट , चन्द्रवत 
  64. अष्टदिशा- पूर्व , आग्नेय , दक्षिण , नैऋत्य , पश्चिम , वायव्य , उत्तर , ईशान 
  65. अष्टमुद्रा- सुरभी , ज्ञान , वैराग्य , योनि , शंख , पंकज , लिंग , निर्माण 
  66. अष्टमैथुन - स्मरम , कीर्तन , केलि , प्रेक्षण , गुह्यभाषण , संकल्प , अध्यवसाय , क्रियानिवृत्ति 
  67. नवधाभक्ति- कीर्तन , अर्चन , वन्दन , पादसेवन , स्मरण , आत्मनिवेदन , दासत्व , सख्य 
  68. नवरस- श्रृंगार , वीर , करुणा , अद्भुत , हास्य , भयानक , बीभत्स , रौद्र , शान्त
  69. नवग्रह -सूर्य - चन्द्रमा , मंगल - बुध , गुरु - शुक्र , शनि - राहू - केतु 
  70. नवग्रह समीधा- पलास , अर्क , खदिर , अपामार्ग , पीपल , डुम्री , शमी , दूर्वा , कुश 
  71. नवनिधि -पद्म , महापद्म , शंख , मकर , कच्छप ,मुकुन्द , कुन्द , नील , कर्व 
  72. नवदुर्गा- शैलपुत्री , ब्रह्मचारिणी , चन्द्रघण्टा , कुष्माण्डा , स्कन्दमाता , कात्यायनी , कालरात्री , महागौरी , सिद्धिदात्री 
  73. नवखण्ड- इलावृत , रम्यक , हिरण्मय , कुरु , हरि , भरत , केतुमाल , भद्राश्व , किंपुरुष
  74. दशदिशा- अष्टदिशा , ऊर्ध्व , अध 
  75. दशदिग्पाल- इन्द्र , अग्नी , यम , निऋति , वरुण , वायु , कुवेर , ईशान , ब्रह्मा , अनन्त 
  76. दशोपचारपुजा- पाद्य , अर्घ्य , आचमनीय , स्नान , वस्त्र , चन्दन , फूल , धूप , दीप , नैवेद्य
  77. दशावतार- मत्स्य , कूर्म , वराह , नृसिंह , वामन , परशुराम , राम , कृष्ण , बुद्ध , कल्की 
  78. दश इन्द्रिय -कर्म , चर्म , नेत्र , जिह्वा , नासिका , वाक , हस्त , पद , गुह्य , लिंग
  79. दशदान - गौ , भूमि , तिल , स्वर्ण , घृत , वस्त्र , गुड , रौप्य ( चाँदी ) , लवण , धान्य
  80. दशधर्म- ब्रह्मचर्य , अहिंसा , शौच , इन्द्रियनिग्रह , दम , यम , नियम , सत्व , आस्तेय , परिग्रह
  81. दशमहाविद्या- दुर्गा , मातंगी , भैरवी , बगला , चामुण्डा , तारा , भुवनेश्वरी , काली , छिन्नमस्ता , धुमावती
  82. एकादशरूद्र -वीरभद्र , शम्भु , गिरीश , अहिर्बुध्न्य , पिनाकी , कपाली , विशाम्पति , स्थाणु , ईश्वर , अपराजिता , दिशाम्पती
  83. द्वादशादित्य- धाता , यम , मित्र , वरुणेश , भग , इन्द्र , विवस्वान् , पूषा , पर्जन्य , त्वष्टा , जिष्णु , आदित्य 
  84. द्वादशज्योतिर्लिंग- सोमनाथ , मल्लिकार्जुन , महाकाल , ओंकारेश्वर , वैद्यनाथ , भीमाशंकर , रामेश्वर , नागेश्वर , विश्वेश्वर , त्र्यम्बकेश्वर , केदारनाथ , घृष्मेश्वर
  85. चतुर्दशभुवन- तल , अतल , वितल , सुतल , तलातल , रसातल , पाताल , भुर्लोक , भुवर्लोक , स्वर्लोक , महर्लोक , जनलोक , तपोलोक , सत्यलोक 
  86. चतुर्दशविद्या- ४ वेद , ६ वेदांग , मीमांशा , न्याय , पुराण , धर्मशास्त्र 
  87. चतुर्दशरत्न- चन्द्रमा , लक्ष्मी , सुरा , उच्चैश्रवा , कौस्तुभ , कामधेनु , कल्पवृक्ष , अप्सरा , धन्वन्तरी , अमृत , ऐरावत , कालकूट , शंख 
  88. चतुर्दशयम यम , धर्मराज , मृत्यु , अन्तक , वैवस्वत , काल , सर्वभूतक्षय , औदुम्बर , दध्न , नील , परमेष्ठी , वृकोदर , चित्र , चित्रगुप्त 
  89. चतुर्दशांग- करद्वय , पादद्वय , जानुद्वय , कटिद्वय , कुक्षिद्वय , नाभि , हृदय , कण्ठ , मुख , चक्षु , शिर
  90. षोडशोपचारपूजा - आवहन , आसन , पाद्य , अर्घ्य , आचमनीय , स्नान , वस्त्र , यज्ञोपवीत , चन्दन , फूल , धूप , दीप , नैवेद्य , दक्षिणा , प्रदक्षिणा , नमस्कार 
  91. षोडशसंस्कार- गर्भाधान , पुंसवन , सीमन्त , जातकर्म , नामाकरण , निष्क्रमण , अन्नप्रासन , चूडाकर्म , कर्णवेध , अपनयन , वेदारम्भ , केशान्त , समावर्तन , परिणय , अन्त्यकर्म , श्राद्ध 
  92. अष्टादशधान्य- यव , गोधूम , धान्य , तिल , कंगु , कुलत्थ , माषा , मुद्गा , मसूर , निष्पाव , श्याम , सर्षप , गवेधुक , निवारक , आढक्य , सतीनक , चणक , चीनक 
  93. अष्टादशमहाविद्या- ४ वेद , ६ वेदांग , ४ उपवेद , मीमांसा , न्याय ,  धर्मशास्त्र , पुराण 
  94. अष्टादशपुराण- ब्रह्म , पद्म , विष्णु , शिव , भागवत , नारद , मार्कण्डेय , अग्नि , भविष्य , ब्रह्मवैवर्त , लिंग , वाराह , स्कन्द , वामन , कूर्म , मत्स्य , गरुड़ , ब्रह्माण्ड 
  95. अष्टादश उपपुराण- सनत्कुमार , नृसिंह , गणेश , नारद , दुर्वासा , कपिल , मानव , उशना , वरुण , कालिका , साम्ब , नन्दी , सूर्य , महेश्वर , पराशर आदित्य , वशिष्ट , देविभागवत
  96. अष्टादशस्मृतिकार- विष्णु , पारासर , दक्ष , संवर्त , व्यास , हारित , शातातप , वसिष्ट , यम , आपस्तम्ब , गौतम , देवल , शंख , भरद्वाज , उशना , अग्नि , शौनक , याज्ञवल्क्य 
  97. गायत्री चतुर्विंशतिमूद्रा- साख , सम्पुट , वितत , विस्तृत , द्विमुख , त्रिमुख , चतुर्मुख , पञ्चमुख , षड्मुख , अधोमुख , व्यापकाञ्जली , शकट , यमपाश , ग्रन्थित , उन्मुखोन्मुख , प्रलम्ब , मुष्टिक , मत्स्य , कूर्म , वराह , सिंहाक्रान्त , महाक्रान्त , मुद्गर , पल्लव 
  98. त्रयत्रिंशतदेवता- अष्टवसु , एकादशरूद्र , द्वादशादित्य , वषट्कार , प्रजापति 
  99. सर्वोषधी- कुट , हरिद्रा , जटामसी , चुत्रो , मुरा , श्रीखण्ड , शालाजीत , बोझो , चाँप , मोथे
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