yatra ke shubh muhurat | यात्रा के लिए शुभ दिन
अगर आप कहीं पर यात्रा कर रहे हैं या यात्रा करने जा रहे हैं तो आज का यह लेख आपके लिए ही है आज हम yatra ke shubh muhurat से संबंधित कुछ सावधानियों को जानेंगे ताकि हमारा किया हुआ हर काम तब सफल हो
यात्रा करने से पहले शुभ मुहूर्त कैसे पता करे |yatra karne se pahale shubh muhurat kaise pata kate
मेषे च सिंहे धनुपूर्व भागे वृषे च कन्या मकरे च याम्ये
युग्मा तुला कुम्भसु पश्चिमायां कर्कालि मीने दिशिचोत्तरस्याम्
- मेष,सिंह और धनु राशि में चंद्रमा पूरब में रहता है।
- वृष, कन्या और मकर में चंद्रमा दक्षिण दिशा में रहता है।
- मिथुन , तूला और कुंभ राशि में चंद्रमा पश्चिम में रहता है।
- कर्क राशि ,वृश्चिक राशि और मीन राशि में चंद्रमा का वास उत्तर दिशा में होता है।
yatra ke liye sahi disa gyan | यात्रा के लिये सही दिशा जानने की विधि
मान लीजिए हमें किसी दिन पूर्व की और यात्रा करनी है तो ठीक उसी दिन हमें पंचांग देखकर यह ज्ञात करना होगा कि चंद्रमा उस दिन कौन सी राशि पर बैठा है।
अगर चंद्रमा मेष, सिंह ,धनु राशि में बैठा हो तो उस दिन पूरब की ओर यात्रा करना शुभ होगा। अगर वही चंद्रमा मिथुन तुला और कुंभ राशि में बैठा होगा तो उस दिन पूर्व की और यात्रा करना अशुभ होता है।
यात्रा करने की शुभ तिथी|yatra karne ki shubh tithi
हमें यात्रा करते समय विशेष रुप से दो बातों का ध्यान रखना होता है जिस दिन आप यात्रा कर रहे हो उस दिन चंद्रमा पीछे की तरफ और बाईं तरफ भी नही होना चाहिये।
यदि चंद्रमा यात्रा करते समय पीछे की तरफ हुवा तो धन का नाश होता है।
अगर चंद्रमा यात्रा के समय बाई तरफ होगा तो दुर्घटना होने की संभावना अधिक बनती है।
वैसे हमारे हिंदू धर्म में शुभ नक्षत्रों , शुभ बार, शुभ शकुन आदि से भी यात्रा का विचार किया जाता है।
मुख्य रुप से चंद्रमा पर ही विचार करके यात्रा का निर्णय लिया जाता है क्यूंकि चंद्रमा सबसे तेजी से चलने वाला ग्रह है।
अगर ऊपर की गई बातों को ध्यान में रखते हुए यात्रा की जाए तो निश्चित लाभ मिलेगा।
यात्रा का शुभ मुहूर्त न हो तो क्या करे ? | yatra ka shubh muhrat na ho to kya kare
अगर यात्रा करने के लिये शुभ मुहूर्त(shubh muharat) नहीं निकल रहा हो ऐसे में आप घर के मंदिर में अपने इष्ट देवता को प्रणाम करके मंदिर का एक फूल अपने पास रख कर यात्रा कर सकते हैं इससे यात्रा में आने वाली बाधाएं दूर होंगी।
अपने से बड़ों का आशीर्वाद और माता पिता को प्रणाम करके यात्रा करे ।
बिना मुहूर्त में अगर यात्रा करनी पड़े तो आप घर से कुछ मीठा खाकर यात्रा कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त के बिना यात्रा करनी पड़े तो घर से ज्यादा सामान अपने साथ नहीं ले जाना चाहिये।
जब भी आप यात्रा करें तो अपने इष्ट देव को स्मरण करते हुए यात्रा करें।
तो दोस्तों यह था यात्रा से संबंधित कुछ विशेष बातें हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को यह लेख अच्छा लगा होगा अगर आप लोगों के मन में कोई भी सवाल या सुझाव हो तो हमसे संपर्क करे धन्यबाद।
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🙏🏻dhanyabad guruji aapne meri puri confusion dur kr di thanks.....
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर, जय श्री राधे।
जवाब देंहटाएंAgar koi purab se dakshin ki aur yatra kar raha hai aur chandrama कर्क, वृश्चिक, मीन (North) me hai to wo dahina kahlaye ga ya piche kahlayega.
जवाब देंहटाएंpurab se dakshin ki aur yatra kar raha hai aur chandrama utter disha me hai to wo piche kahlayega ashok ji
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