ketu grah ki achaiya | केतु ग्रह की अच्छाइयाँ जानकर चौक जायेंगे
Ketu planet ki achhi batein:केतु का नाम सुनते ही मन में एक डर सा लगने लगता है जिन लोगों को ज्योतिष में थोड़ी भी रुचि है वह इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि केतु प्लेनेट एक भ्रम पैदा करने वाला ग्रह नहीं है बल्कि केतू तो एक बहुत ही अच्छा ग्रह है।यदि किसी को केतु अच्छे परिणाम दे तो व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा ऊंचाइयों पर ले जाएगा मान प्रतिष्ठा और समाज में अच्छी पहचान बनाएगा। केतु को लेकर डरने की कोई बात नहीं आज हम केतु ग्रह से संबंधित कुछ विशेष बातों पर चर्चा करेंगे। also read...मूल गंडमूल नक्षत्र से क्यों डरते हैं
ketu planet kya deta hain | केतु क्या देता हैं
क्या केतु को देखकर ही पूरे कुंडली का विश्लेषण करके ऐसा कहना उचित है? लोगों को भड़का देना धोखा देना जीवन में कभी सुख शांति नहीं मिलना
क्या सिर्फ केतु ग्रह की वजह से होता है? हम सिर्फ केतु ग्रह को देखकर व्यक्ति का फल निर्धारण नहीं कर सकते
जन्म कुंडली में बहुत सारे ऐसे ग्रह होते हैं जो इसके जिम्मेदार होते हैं।
आज का विषय केतु की बुराई को लेकर नहीं है आज हम केतु के अच्छाई के विषय में बात कर रहे हैं।
आप लोगों को पता होगा जितने भी महान पुरुष हुए जितने भी बड़े लोग हुए हैं जिनको दुनिया पहचानती है उन सब की कुंडलियों को यदि देखा जाए तो उन में केतु की स्थिति इतनी अच्छी है
जिसके कारण उन लोगों को नाम यश प्रतिष्ठा मिल गया उन लोगों की कुंडलियों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि उनकी कुंडली में केतु की स्थिति विशेष और महत्वपूर्ण पाई गई।
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केतु का अर्थ ऊंचाई होता है यदि केतु कुंडली में अच्छे ग्रहों के साथ बैठा है तो जातक को उसके जीवन में सर्वाधिक श्रेष्ठ पदों पर पहुंचा देता है।
जहां राहु को सर्वाधिक पाप ग्रह कहा जाता है ठीक उसके विपरीत केतु को एक शुभ ग्रह कहा जाता है केतु को पाप ग्रह इसीलिए भी कहा जाता है क्योंकि वह राहु के ठीक सामने रहता है।
अगर केतु का सही सही विश्लेषण किया जाए तो छाया ग्रह होने के बावजूद केतु बहुत अच्छा परिणाम दे सकता है। केतु यदि शुभ फल देने पर आ जाए तो सर्वाधिक श्रेष्ठ और ऊंचे पदों पर पहुंचा देता है।
केतु का स्वभाव मंगल ग्रह से मिलता जुलता है जहां मंगल पराक्रम तेज और साहस का कारक है ठीक उसी के सामान केतु भी है।
जहां मंगल ग्रह अपने बुरे स्वभाव में एक्सीडेंट चोट आदि का कारण बनता है वही केतु यदि बुरा हो तो अपनी दशा अंतर्दशा में चोट एक्सीडेंट आदि करा देता है।
अचानक घटने वाली घटनाओं में केतु का महत्वपूर्ण स्थान है यदि केतू ने अच्छे ग्रहों के साथ अष्टम स्थान में अपना संबंध बना दिया तो निश्चित ही आकस्मिक धन लाभ हो जाता है। चाहे वह धन लाभ किसी भी प्रकार से हो लॉटरी से हो या जुवा सट्टा से
ketu planet ki veseta | केतु ग्रह की विशेषता
जहां राहु को सर्वाधिक पाप ग्रह कहा जाता है ठीक उसके विपरीत केतु को एक शुभ ग्रह कहा जाता है केतु को पाप ग्रह इसीलिए भी कहा जाता है क्योंकि वह राहु के ठीक सामने रहता है।
अगर केतु का सही सही विश्लेषण किया जाए तो छाया ग्रह होने के बावजूद केतु बहुत अच्छा परिणाम दे सकता है। केतु यदि शुभ फल देने पर आ जाए तो सर्वाधिक श्रेष्ठ और ऊंचे पदों पर पहुंचा देता है।
केतु का स्वभाव मंगल ग्रह से मिलता जुलता है जहां मंगल पराक्रम तेज और साहस का कारक है ठीक उसी के सामान केतु भी है।
जहां मंगल ग्रह अपने बुरे स्वभाव में एक्सीडेंट चोट आदि का कारण बनता है वही केतु यदि बुरा हो तो अपनी दशा अंतर्दशा में चोट एक्सीडेंट आदि करा देता है।
अचानक घटने वाली घटनाओं में केतु का महत्वपूर्ण स्थान है यदि केतू ने अच्छे ग्रहों के साथ अष्टम स्थान में अपना संबंध बना दिया तो निश्चित ही आकस्मिक धन लाभ हो जाता है। चाहे वह धन लाभ किसी भी प्रकार से हो लॉटरी से हो या जुवा सट्टा से
ketu grah acha hai ya bura| केतु प्लेनेट अच्छा है या बुरा
ketu grah ki achaiya | केतु ग्रह की अच्छी बातें
केतु ग्रह एक भ्रम पैदा करने वाला ग्रह है केतु ग्रह को छाया ग्रह भी कहते हैं केतु जिस ग्रह के साथ बैठ जाता है उस ग्रह का बल बढ़ा देता है
अगर वह ग्रह शुभ स्थिति में है तो निश्चित ही जातक के जीवन में सफलता देगा यदि स्थिति इसके विपरीत है तो परिणाम भी इसके विपरीत ही होगा।
केतु का सबसे विशिष्ट स्थान जन्म कुंडली के द्वितीय भाव और अष्टम भाव होता हैं इन दो भावो में केतु ग्रह सबसे अधिक शुभ फलदाई होता है।
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केतु ग्रह से संबंधित हमने जो बात आपको बताई यह तब और प्रभावी होगा जब आप अपनी जन्मकुंडली का निरीक्षण करेंगे आपको यह देखना होगा कि आपका केतु आपकी जन्म कुंडली में किस भाव में बैठा है।
कौन से ग्रह के साथ बैठा है बहुत सारे लोग इस बात से डरते हैं मंगल और केतु की युति हो तो अंगारक योग बनता है यह योग शुभ नहीं है।
हम आपको बता दें कि यह एक सिर्फ भ्रम है इसमें कोई संशय नहीं है कि केतु और मंगल की युति एक अंगारक योग बनाता है। हमने यह नहीं कहा कि इसमें अंगारक योग नहीं होता।
हम यह कहना चाहते हैं यदि केतु और मंगल की युति नुकसान कम और फायदा बहुत ज्यादा करता है। केतु ग्रह जिस भी ग्रह के साथ बैठ जाता है उसका स्वभाव ग्रहण कर लेता है
लेकिन केतु जिस भाव में बैठा हो उस भाव का मालिक भी यदि उसी भाव में बैठा हो तो इसमें कोई दोराय नहीं कि केतू बहुत ही अच्छा परिणाम देगा।
जीवन में सफलता देगा हर प्रकार के सुख सुविधा से परिपूर्ण करा देगा हम आशा करते हैं आपको ketu planet से संबंधित जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद
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केतु ग्रह से संबंधित हमने जो बात आपको बताई यह तब और प्रभावी होगा जब आप अपनी जन्मकुंडली का निरीक्षण करेंगे आपको यह देखना होगा कि आपका केतु आपकी जन्म कुंडली में किस भाव में बैठा है।
कौन से ग्रह के साथ बैठा है बहुत सारे लोग इस बात से डरते हैं मंगल और केतु की युति हो तो अंगारक योग बनता है यह योग शुभ नहीं है।
हम आपको बता दें कि यह एक सिर्फ भ्रम है इसमें कोई संशय नहीं है कि केतु और मंगल की युति एक अंगारक योग बनाता है। हमने यह नहीं कहा कि इसमें अंगारक योग नहीं होता।
हम यह कहना चाहते हैं यदि केतु और मंगल की युति नुकसान कम और फायदा बहुत ज्यादा करता है। केतु ग्रह जिस भी ग्रह के साथ बैठ जाता है उसका स्वभाव ग्रहण कर लेता है
लेकिन केतु जिस भाव में बैठा हो उस भाव का मालिक भी यदि उसी भाव में बैठा हो तो इसमें कोई दोराय नहीं कि केतू बहुत ही अच्छा परिणाम देगा।
जीवन में सफलता देगा हर प्रकार के सुख सुविधा से परिपूर्ण करा देगा हम आशा करते हैं आपको ketu planet से संबंधित जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद
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