23 जुल॰ 2018

Brahma saraswati ki sadi kaise hui |ब्रह्मा सरस्वती विवाह

Brahma aur saraswati ki sadi kaise hui | क्यों किया ब्रम्ह ने सरस्वती से विवाह

ब्रह्मा जी ने ही तो इस संसार की रचना की सब की उत्पत्ति इनसे ही हुई है माता सरस्वती के पिता भी ब्रह्मा ही हैं  ब्रह्मा फिर क्यों की ब्रह्मा ने अपनी ही पुत्री सरस्वती से शादी Brahma aur saraswati ki sadi kaise hui

सरस्वती देवी को ज्ञान,कला,और स्वर की देवी माना जाता है धर्म ग्रंथों में सरस्वती माँ को ब्रम्हा जी की मानस पुत्री की संज्ञा दीगई है। 

लेकिन कई स्थानो में इन्हें ब्रम्हा जी की पत्नी के रूप में भी दिखाया गया है।प्रत्येक वर्ष की माघ शुक्ल पंचमी(वसंतं पंचमी)को देवी सरस्वती की स्कूलो में,कॉलेज में,यूनिवर्सिटी आदि में  विशेष पूजा होती है।


Brahma aur saraswati ki sadi kaise hui | क्यों किया ब्रम्ह ने सरस्वती से विवाह
brahma ne ki saraswati ki utpati |सरस्वती की जन्म कथा

ब्रम्हा जी ने सारे संसार की रचना कि, उस समय धरती पर उदासी का माहौल था ।पृथ्वी के उदासी के वातावरण को सुखमय बनाने के लिए 

ब्रम्हा ने अपने मुख से एक सुंदर कन्या को प्रकट किया जिनको हम लोग आज सरस्वती माँ कहते है। सरस्वती की हाथो में वीणा थी

 जैसे ही देवी सरस्वती ने वीणा बजाना शुरू किया तो पूरी पृथ्वी खुशी से झुमने लगा तभी से वसंत पंचमी में सरस्वती की पूजा होने लगी।

ब्रम्हा और सरस्वती का संबंध | bramha aur saraswati pati patni kaise huye

ब्रम्हा जी ने सरस्वती को अपने मुख से प्रकट किया फिर तो ये ब्रम्हा की पुत्री हुई लेकिन भाग्यवश ब्रम्हा जी को ही सरस्वती का पति माना जाता है।

अपनी ही पुत्री से विवाह करने और अपनी ही पुत्री पर कुदृष्टि डालने के कारण ब्रम्हा जी की पूजा सभी जगह में नही होती है।

जब ब्रह्मा ने सरस्वती की उत्त्पत्ति की तो ब्रह्मा जी स्वयं उनपर मोहित होगये और ब्रह्मा ने माँ सरस्वती को अपनी पत्नी बना लिया 

सरस्वती का परिवार

अपने मुख से जब ब्रम्हा जी ने जब सरस्वती को प्रकट किया तो ब्रम्हा जी सरस्वती की सुंदर रूप को देखकर मोहित होगये

फिर ब्रम्हा जी ने सरस्वती से विवाह कर लिया।ब्रम्हा जी और देवी सरस्वती का एक पुत्र है जिनका नाम "स्वयंभू मनु" है


माँ सरस्वती से जुड़ी कुछ बाते | saraswati mata ki jankari

* देवी सरस्वती का विवाह अपने ही पिता ब्रम्हा जी से हवा था।
*सरस्वती का वाहन मोर और हंस है।
* सरस्वती स्वर ,बिद्या और ज्ञान की देवी है।
*बिष्णु जी के कारण ही सरस्वती मा ,सरस्वती नदी बनी थी।

सरस्वती का अन्य नाम इस प्रकार है

शारदा,शतरुपा,वाणी,भारती, सरस्वती,वाग्देवी आदि।

सरस्वती मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
                                                          धन्यबाद.......

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