Hindu dharma ki 8 prakar ki shadiya | हिन्दू धर्मं में होती हैं 8 प्रकार की शादिया
हमारे सनातन हिन्दू धर्म में शादिया कई प्रकार से किया जाता हैं और हम जिस प्रकार से अपना विवाह करते हैं क्या वो सनातन धर्मं के अनुकूल हैं ? एक कहावत तो सब ने सुनी ही होगी शादी का लड्डू खाये तो पछताये न खाये तो और पछताये😅 हम चाहते हैं आप शादी का लड्डू थोडा सोच समझकर ही खाये ताकि भविष्य में आपको पछताना न पड़े चलिये जानते हैं हमारे हिन्दू धर्मं में शादियों का क्या चक्कर है?
hindu dharma me 8 prakar ki shadi details
- ब्रह्मा विवाह
- देव विवाह
- आर्श विवाह
- प्रजापत्य विवाह
- गंधर्व विवाह
- असुरविवाह
- राक्षस विवाह
- पैशाच विवाह
शादी एक ऐसा पवित्र बंधन है जिसको आजीवन निभाना पड़ता है हिंदू धर्म में शादियों का भी नियम है सनातन धर्मं में विवाह आठ प्रकार से की जाती है
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ब्रह्म विवाह
हिंदू धर्म के अनुसार सबसे पहला स्थान ब्रह्मा विवाह को मिला है ब्रह्म विवाह उसे कहते हैं जब आपस में लड़का और लड़की सहमत हो दोनों पक्ष के माता-पिता सहमत हो और सब की रजामंदी से जो शादी की जाती हैउसे हिंदू धर्म में ब्रह्मा विवाह कहते हैं।
हिंदू धर्म में ज्यादातर शादियां ब्रह्मा विवाह के अंतर्गत होती है जिसको आज कल हम अरेंज मैरेज के रूप में भी जानते हैं । इसी ब्रह्मा विवाह के अंतर्गत दहेज लेना आभूषण आदि लेना भी आता है।लेकिन आजकल एक कुप्रथा चली हुई है कि ससुराल पक्षों से दहेज का मांग करना मांग के अनुसार दहेज ना मिलने पर कन्या को कष्ट देना यह सब गलत है हम इसकी निंदा करते हैं।
दैव विवाह
यह एक अनोखा विवाह है दैव विवाह उसे कहते हैं जब किसी धार्मिक कार्य के लिए या किसी भी धार्मिक कार्य के मूल्य के रूप में जहां अपनी कन्या का कन्यादान कर दिया जाता है उसे दैव विवाह कहते हैं।
3 आर्श विवाह
आर्शविवाह विशेषकर तब होता है जब वर पक्ष वालों को कन्या पसंद आ जाती है और उस कन्या से शादी करने के लिए कुछ भी मूल्य देने के लिए तैयार हो जाते हैं उसे आर्शविवाह कहते हैं।
4 प्रजापत्य विवाह
जब कोई कन्या विवाह के लिए राजी नहीं होती है और उस कन्या की शादी जबरदस्ती की जाती है उसकी मर्जी के खिलाफ किसी अभिजात्य वर्ग मैं ,यानी समाज के ऐसे लोग जो धनवान है उनसे कन्या के मर्जी के खिलाफ जहां शादी की जाती है उसे प्रजापत्य विवाह कहते हैं।
5 गंधर्व विवाह
आजकल गंधर्व विवाह का प्रचलन कुछ ज्यादा ही चल रहा है गंधर्व विवाह उसे कहते हैं जहां लड़का और लड़की अपने घरवालों को बताए बगैर बिना किसी नियम के बिना किसी रीति-रिवाज के शादी कर लेते हैं, तो उसे गंधर्व विवाह कहा जाता है। इसको प्रेमविवाह भी बोलते है।
6 असुर विवाह
असुर विवाह उसे कहते हैं जहां लड़की के घरवालों को लड़की की कीमत चुकाकर उस लड़की से शादी की जाती है उसे असुरविवाह कहते हैं।
7 राक्षस विवाह
कन्या के मर्जी के खिलाफ उससे जबरदस्ती शादी के लिए हां करना और ना मानने पर उसका अपहरण करके धोखे से शादी जहां की जाती है उसे राक्षस विवाह कहते हैं।
8 पैशाच विवाह
जब कोई लड़का किसी लड़की की मजबूरी का फायदा उठाकर उसे शादी के लिए हां करवाता है उसे पिशाच विवाह कहते हैं।
हिंदू धर्म में भले ही 8 प्रकार के शादियों का विधान है। लेकिन यह आठ प्रकार की शादियां सभी जगह लागू नहीं होती है इसका भी एक अलग विधान है।
हमे किस प्रकार की शादी करनी चाहिये
इस आधुनिक जमाने में सबसे उत्तम तो ब्रह्मा विवाह को माना जाता है जहां दोनों पक्ष राजी होते हैं किसी को कोई आपत्ति नहीं होती सबकी सहमति के अनुसार जहां शादी होती है वही शादी उत्तम है।
लेकिन आजकल गंधर्व विवाह (प्रेम विवाह) का प्रचलन भी चल रहा हैं अतः इसको भी नकारा नहीं जा सकता
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