mata kali ki puri jankari hindi
काली कौन है? kali puja कैसे करे kali का जन्म कैसे हुआ? क्यों रखा माँ kali ने भगवन शिव के ऊपर पैर? इतनी शक्तिया इनके पास कहा से आई? kali puja kaise kare
इन सब बातों को जानना हमारे लिये बहुत आवश्यक हैं मां काली नव दुर्गा में से एक है , इनका स्वरुप देखने में बहुत भयानक लगता है
मां काली दिखने में जितनी भयानक लगती है उतनी ही जल्दी भक्तों पर प्रसन्न भी हो जाती है | ऐसा माना जाता है जो भक्त पूरी श्रद्धा से maa kali ki puja पूजा करते है उन पर मां शीघ्र प्रसन्न हो जाती है।
kali ka janma kaise huwa| मां काली का जन्म कैसे हुआ
लिंग पुराण में एक कथा आती है दारूक नाम का एक राक्षस था जो सभी को सताया करता था उसके आतंक से भयभीत होकर सभी देवता कैलाश पर्वत चले गए
फिर सभी देवताओं ने भगवान शंकर से अपनी समस्या को कहा भगवान शंकर थोड़ा मुस्कुराते हुए मां भगवती की और देखा
फिर माता पार्वती ने अपने अंश को भगवान शंकर के कंठ में प्रवेश कराया । भगवान शंकर के कंठ में विष था इसीलिए एक भयंकर शक्ति का जन्म हुआ
जिनको हम मां काली(ma kali) के नाम से जानते हैं। फिर काली ने उस दारुक नामक राक्षस का अंत कर दिया इस प्रकार माता काली का जन्म हुआ।
एक कथा मार्कंडेय पुराण में आती है शुंभ और निशुंभ नाम के दो राक्षस थे उन राक्षस के आतंक से भयभीत होकर देवताओं ने देवी की स्तुति की
maa kali janma ki aur kathaye | मां काली के जन्म की और कथाएं
फिर मां पार्वती के शरीर से कौशिकी उत्पन्न हो गई जिसके पृथक होते ही पार्वती का स्वरूप काला हो गया इसीलिए मां पार्वती काली के नाम से भी विख्यात हुई।
मां काली आदि शक्तियों का ही एक स्वरुप है इनके चार रूप हैं
मां काली ने आखिर क्यों रखा भगवान शंकर के ऊपर अपना पैर? मां काली का अवतार ही राक्षसों का सर्वनाश करने के लिए हुआ है
काली के चार रूप
मां काली आदि शक्तियों का ही एक स्वरुप है इनके चार रूप हैं
- दक्षिणा काली
- स्मशान काली,
- मात्री काली
- महाकाली
क्यों kali ne रखा bhagwan shankar के ऊपर पैर
मां काली ने आखिर क्यों रखा भगवान शंकर के ऊपर अपना पैर? मां काली का अवतार ही राक्षसों का सर्वनाश करने के लिए हुआ है
मां काली का क्रोध इतना भयंकर है कि उनसे सभी भयभीत हो जाते हैं, मां काली के क्रोध को शांत करने के लिए ही भगवान शंकर पृथ्वी लेट गए थे ।
माँ काली ने रक्तबीज नामक दैत्य को मार डाला फिर भी उनका क्रोध शांत नहीं हुआ तब भगवान शिव पृथ्वी पर लेट गए और माता काली ने शिव के ऊपर पैर रखा।
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बहुत सारे लोग मां का स्वरूप देखते ही डर जाते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए काली तो भक्तों के ऊपर कृपा करती हैं उनकी रक्षा करती हैं और सभी प्रकार के मनोरथ को पूरा करती है।
जिस प्रकार से हम अन्य देवी देवताओं का पूजन करते हैं ठीक उसी प्रकार से पूजन करें मां काली को लाल रंग का पुष्प और काले रंग का कपड़ा बहुत प्रिय है।
मां काली का सामान्य पूजन तो कोई भी कर सकता है परंतु तंत्र पूजा का बहुत बड़ा महत्व है ऐसी मान्यता है की तंत्र पूजा बिना गुरु के संरक्षण में कभी नहीं करना चाहिए वरना इससे हानि भी होती है। माँ काली का विशेष पूजन मध्य रात्रि में होता है।
दोस्तों अगर आप लोगों के पास सवाल या सुझाब हो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखे या कांटेक्ट अस में जाकर हमसे संपर्क करे एसे ही रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए कृपया हमें फोलो करे ।
धन्यबाद
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kali puja kaise kare | काली की पूजा कैसे करे
बहुत सारे लोग मां का स्वरूप देखते ही डर जाते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए काली तो भक्तों के ऊपर कृपा करती हैं उनकी रक्षा करती हैं और सभी प्रकार के मनोरथ को पूरा करती है।
जिस प्रकार से हम अन्य देवी देवताओं का पूजन करते हैं ठीक उसी प्रकार से पूजन करें मां काली को लाल रंग का पुष्प और काले रंग का कपड़ा बहुत प्रिय है।
मां काली का सामान्य पूजन तो कोई भी कर सकता है परंतु तंत्र पूजा का बहुत बड़ा महत्व है ऐसी मान्यता है की तंत्र पूजा बिना गुरु के संरक्षण में कभी नहीं करना चाहिए वरना इससे हानि भी होती है। माँ काली का विशेष पूजन मध्य रात्रि में होता है।
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धन्यबाद
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