4 सित॰ 2019

panch maha purush yoga | जानिये जन्म कुंडली का सबसे शुभ योग

panch maha purush yoga | जानिये जन्म कुंडली का सबसे शुभ योग 

जब किसी की कुंडली में पंच महापुरुष योग (panch maha purush yog) का निर्माण होता है तो वह जातक हर प्रकार से सुखी रहता हैं  panch mahapurush yoga से जीवन में क्या-क्या मिलता है चलिए जानते हैं। यह योग  मंगल ,बुध ,गुरु ,शनि ,शुक्र की विशेष शुभ स्थिति को कहते हैं 

क्या है पंच महापुरुष योग? (panch maha purush yoga) कौन-कौन से ग्रहों की युति से बनता है पंच महापुरुषयोग?पंच महापुरुष योग से क्या फायदा होता है? कब फायदा पहुंचाता है ?

यह योग 5 ग्रहों की युति  से बनता है इसीलिए इस योग को पंच महापुरुष योग कहा जाता है।
panch maha purush yoga
पंच महापुरुष योग के नाम: रूचक भद्र हंस मालव्य और शश 

panch maha purush yoga ki jankari,पंच महा पुरुष योग की पूरी जानकारी 

ज्योतिष में अनेकों प्रकार के योग हैं कोई शुभ योग है तो कोई अशुभ योग हैं आज हम ज्योतिष के सबसे शुभ और प्रभावशाली पंच महापुरुष योग के विषय में बात करेंगे।

एक कहावत तो सुनी होगी आपने भगवान के मंदिर में भोग का अस्पताल में रोगी का और ज्योतिष में योगों का बड़ा ही महत्व है।

ज्योतिष शास्त्र में सबसे ज्यादा  पंच महापुरुष योग को ही देखा जाता हैं इसी विशेषता के कारण वैदिक ज्योतिष   में इस योग का अधिक महत्व है पंच महापुरुष योग सुंदर और  सफल व्यक्तित्व का निर्माण करता है।

panch maha purush yog k nam 
पंच महापुरुष योग का नाम इस प्रकार है- रूचक भद्र हंस मालव्य और शश 


किसी भी जातक की कुंडली में यह योग मुश्किल से 4 ही बन पाते हैं।

पांचों योगों  का किसी एक व्यक्ति के कुंडली में बनना लगभग असंभव है।

किसी भी व्यक्ति के कुंडली में अगर इनमें से कोई भी योग बनता है तो ऐसे जातक अपनी प्रतिभा से अपने गुण से विशेष कार्य करते हैं।

panch maha purush yoga-रूचक भद्र हंस मालव्य और शश

पंच महापुरुष  योग जीवन में हर प्रकार से कामियाब बनता हैं

1.रुचक योग- कुंडली में मंगल स्वराशि मेष और वृश्चिक साथ ही अपनी उच्च राशि मकर में केंद्र पर बैठा हो तो रूचक नामक योग होता हैं।

रूचक योग वाले व्यक्ति बहादुर हिम्मतवाले ,ऊर्जा से सम्पन्न और निडर होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपनी सारी प्रतिभा खुद को सम्पन्न बनाने के लिए करते हैं।

हमेसा कोई ना कोई साहसी काम करते हैं। किसी भी प्रकार के शत्रु को पराजित करने की क्षमता रखते हैं और समाज में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखते हैं। रुचक योग वाले व्यक्ति बीमार भी कम होते हैं।

2. भद्र योग- यह योग बुध ग्रह से बनता है बुध यदि अपनी स्वराशि मिथुन और उच्च राशि कन्या पर केंद्र भाग में बैठा हो तो भद्र महापुरुष योग का निर्माण होता है। इस प्रकार के व्यक्ति बुद्धिमान तर्क करने वाले विवेकी , दूर दृष्टि गामि भाषण में निपुण ,लेखन कला में माहिर होते हैं। अपनी इसी प्रतिभा के कारण इनके मित्र अधिक होते हैं।

3.हंस योग- यह योग बृहस्पति ग्रह से बनता है जब बृहस्पति अपनी स्वराशि धनु और मीन साथ ही अपनी उच्च राशि कर्क में केंद्र पर हो तो हंस महापुरुष योग बनता है।

 इस प्रकार के व्यक्ति को ईश्वरीय कृपा अधिक मात्रा में प्राप्त होती है ऐसे व्यक्ति शिक्षित ज्ञानी संयमित और सूझ बुझ के साथ काम करने वाले होते हैं।

बड़े से बड़े समस्याओं का समाधान वह बहुत ही सरलता पूर्वक  कर देते हैं। अपने ज्ञान के माध्यम से समाज में विशेष मान प्रतिष्ठा प्राप्त कर लेते हैं साथ ही सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों में इनकी विशेष रूचि रहती है।

मालव्य योग- इस योग  का निर्माण भौतिक सुख के कारक शुक्र ग्रह से बनता है। यह योग शुक्र यदि स्वराशि बृष, तुला अथवा अपनी उच्च राशि मीन में केंद्र पर हो तो मालव्य महापुरुष योग का निर्माण होता है ।

इनको लक्ष्मी की कृपा भरपूर मात्रा में प्राप्त होती है धन ऐश्वर्य  वैभव और सांसारिक सुख मैं इनको किसी प्रकार की कमी नहीं होती।

  यह लोग छोटे कार्यों में कम और बड़े कार्यो में अधिक रूचि रखते है सांसारिक विषय वस्तु को ज्यादा प्रार्थमिकता देते हैं इनको फिल्में देखना मनोरंजन ब्यूटीशन मॉडलिंग आदि में अधिक रुचि होती है।

शश योग- ये योग शनि से बनता है अगर शनि मकर राशी ,कुम्भ  राशी और अपनी उच्च राशी तुला  में केंद्र में होतो शशमहा पुरुष योग बन जाता हैं।

इस योग को आजीविका के लिए अंत्यंत शुभ माना गया हैं शश  योग वाले जातक अपने कार्य छेत्र में अधिक उन्नति कर लेते हैं।

  उच्च पदों पर कार्यरत होते हैं लोगों के बीच अधिक मान सम्मान और ख्याति प्राप्त कर लेते हैं जीवन में जो भी सुख सुविधाएं प्राप्त करते हैं

 वह सब अपनी प्रतिभा के बदौलत करते हैं इस प्रकार के व्यक्ति को किसी की सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती

 यह उद्योग कारखाने मशीनों के मालिक होते हैं शश योग तब तक प्रभावशाली होता हैं जब तक इनपर कोई पापी ग्रह की दृष्टी नहीं पड़ती।

नोट- हमें यह भी विचार करना होगा कही पञ्च महापुरुष योग (panch maha purush yoga)भंग तो नहीं हुवा हैं !अगर केंद्र में पञ्च महापुरुष बनाने वाले ग्रह के साथ सूर्य और चन्द्र बैठे हो तो यह योग भांग होजाता हैं राहू केतु सहित और भी पापी ग्रह साथ हो तो भी पंचमहापुरुष योग भंग होजाता हैं इस योग को बनाने वाला ग्रह अगर नवमांस कुंडली में  नीच होतो भी पंचमहापुरुष योग(panch maha purush)भंग हो जाता हैं ।   

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