29 नव॰ 2019

क्या सम्बन्ध हैं शनि का तेल लोहा और पीपल के पेड़ से | shani relation

Surya shani oil peepal relation| क्या सम्बन्ध हैं शनि का ?

शनि का इन चार चीजो से सम्बन्ध हैं -शनि सूर्य में दुश्मनी शनि का तेल से सम्बन्ध पीपल का पेड़ और शनि (surya shani oil relation, Peepal tree and Saturn)



surya shani oil relation | सूर्य शनि और तेल का सम्बन्ध 

 शनि का रंग काला है या इसको हम ऐसे कहें शनिदेव देव जन्म से ही काले पैदा हुए शनि देव को सूर्यपुत्र भी कहते हैं।शनि देव का जन्म सूर्य और छाया के संयोग से हुवा था

आपकी जानकारी के लिए बता दूं सूर्य की दूसरी पत्नी का नाम छाया है जब सूर्य की पत्नी छाया गर्भवती हुई
उस समय सूर्य की तेज को शनि देव सहन नहीं कर पाए तो इसका प्रभाव शनिदेव के शरीर पर पड़ा

हम सभी जानते हैं कि अधिक धूप में रहने से शरीर काला हो जाता है ठीक शनिदेव के साथ भी ऐसा ही हुआ।
 9 महीने बाद जब छाया ने सनी देव ने जन्म दिया तो भगवान सूर्य को बहुत गुस्सा आया सूर्य अपनी पत्नी छाया से कहने लगे
surya shani oil relation | क्या सम्बन्ध हैं शनि का इन चीजों से ?

surya shani oil relation|सूर्य शनि और तेल का सम्बन्ध 

यह मेरा बेटा नहीं हो सकता यह इतना काला है मैं इसको स्वीकार नहीं करूंगा।भगवान सूर्य ने शनिदेव को अपना बेटा मानने से इनकार कर दिया जब बाद में शनि को पता चला कि सूर्य के कारण मेरी मां को और मुझे इतनी तकलीफ़ हुई है

तो सनी देव ने सूर्य को सबसे बड़ा दुश्मन मान लिया ऐसी मान्यता है तभी से पिता और पुत्र मे यानि सूर्य और सनी एक दूसरे के दुश्मन बन गए।

शनि देव ने प्रतिज्ञा कर ली कि मैं अपने पिता सूर्य को कभी माफ नहीं करूंगा मैं उनको जीवन पर्यंत दुख देता रहूंगा।

जन्मपत्री मैं भी शनि और सूर्य की युति एक साथ हो,दोनों ग्रह एक दूसरे को देखते हो तो इस योग को बहुत ही घातक (अशुभ) माना गया है।

अब आप जान ही गए होंगे कि सनी का रंग इतना काल क्यों है ? सूर्य और शनी क्यों एक दूसरे के दुश्मन है? सनी की दूसरी खासियत शनि देव की नजर टेढ़ी क्यों है?

हमने बहुत बार सुना है कि शनि की टेढ़ी नजर से बच के रहना चाहिए आखिर शनिदेव की नजर टेढ़ी क्यों हुई चलिए जानते हैं

Why did Shani Dev's eyes get crooked | शनिदेव की नजर टेढ़ी क्यों हुई 


 सनी देव भगवान शंकर के शिष्य और कृष्ण के परम भक्त माने जाते हैं शनि देव प्रतिदिन भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करते हैं।

1 दिन शनिदेव भगवान श्री कृष्ण का ध्यान कर रहे थे उसी समय शनि देव की पत्नी वाहा पहुंची और शनिदेव से पुत्र प्राप्ति की इच्छा हेतु अपनी भावना को प्रकट किया।

लेकिन शनिदेव ने अपनी पत्नी पर कुछ भी ध्यान नहीं दिया पत्नी की ओर देखा तक नहीं!
शनि देव की पत्नी को बहुत क्रोध आया वह चुपचाप वहीं खड़ी रही जब शनि का ध्यान समाप्त हुआ जब उन्होंने अपनी आंखें खोली

तब शनि देव की पत्नी ने क्रोध में आकर शनिदेव को शाप दे दिया दे कि मैं रात भर यहां तुम्हारे लिए खड़ी रही
लेकिन तुमने मेरी और देखा तक नहीं मैं तुम्हें श्राप देती हूं तुम जिसको भी देखोगे जिस पर भी तुम्हारी नजर जाएगी उसका सर्वनाश हो जाएगा।

तभी से शनि की टेढ़ी नजर को शुभ नहीं माना जाता आपने अक्सर सनी के मंदिरों में देखा होगा शनि देव की मूर्ति हमेशा थोड़ी सी झुकी हुई रहती है

ताकि शनिदेव की सीधी नजर आप पर सीधी न पड़े शनि देव स्वयं ही नहीं चाहते कि उनकी नजर किसी पर सीधी पड़े।इसीलिए वह स्वयं भी अपनी नजर को झुका कर ही चलते हैं।

What is the secret of Shanidev and mustard oil?शनिदेव का और सरसों के तेल का क्या राज है?


हमारे सनातन धर्म में हर एक राज किसी ने किसी कथा से संबंध रखता है सनी का और सरसों के तेल का भी एक पौराणिक कथा है

 उस कथा के अनुसार एक बार हनुमान जी सूर्य के कहने पर शनिदेव को समझाने बुझाने गए तो शनि देव हनुमानजी पर बहुत गुस्सा हुए

शनि ने हनुमान की बात तो नहीं मानी उलटे हनुमान को युद्ध करने की चुनौती दे डाली।
फिर हनुमान और शनिदेव के बीच बहुत दिनों तक युद्ध हुआ हनुमान ने शनिदेव को अपनी पूंछ में बांधकर इधर-उधर पटका

 जिसके कारण शनिदेव के शरीर में बहुत सारे घाव हुए उनको बहुत चोट लगी तब हनुमानजी ने शनिदेव को सरसों का तेल दिया

फिर कहा इसे अपने शरीर पर लगा लो तुम्हारा घाव ठीक हो जाएगा तुम पहले की तरह स्वस्थ हो जाओगे।

शनि देव बहुत लज्जित हुवे और हनुमान से कहा है हनुमान तुम कितने महान हो में तुम्हारी जान लेना चाहता था तुम्हे मारना चाहता था पर तुम ने मुझे ही बचा लिया!

 तब शनिदेव ने हनुमान से कहा जो भी भक्त आपकी पूजा करेंगे मुझे तेल चढ़ाएंगे मैं उस पर सदैव खुश रहूंगा उन पर मेरी टेढ़ी नजर का कोई असर नहीं होगा।

तभी से शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा  से शुरू हुई। आधुनिक जमाने के चलते हम यहां आपको एक सलाह देना चाहते हैं

जब भी आप शनिदेवको तेल चढ़ाने जाएं तो पूरा तेल शनिदेव के मूर्ति के ऊपर मत डालिए

बल्कि थोड़ी सी तेल शनिदेव को चढ़ाकर एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं बाकी बचा हुआ किसी गरीब को दान में देदे।

Why do lamps burn under peepal tree on Saturday?क्यों जलाते हैं शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक?


शनिवार का संबंध स्वयं शनिदेव से है या इसको हम ऐसे कहे शनिवार ही स्वयं शनि है तो कोई अतिसयोक्ति नही होगी।

 शनि देव अंधकार के प्रतीक हैं जब शनिदेव की टेढ़ी नजर किसी के ऊपर पड़ती है तो जीवन अंधकारमय हो जाता है

विशेष रुप से सूर्य अस्त के बाद शनि का बल 2 गुना बढ़ जाता है हम लोग शाम के समय शनि के लिए पीपल के पेड़ के नीचे इसलिए दीपक जलाते हैं

पीपल के पेड़ में स्वयं नारायण हरि का वास होता है शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं शनिदेव हम पर प्रसन्न हो हमारा जीवन अंधकारमय न हो

शनिदेव की कृपा हमारे ऊपर बनी रहे हमारा जीवन प्रकाशमय में हो इस प्रकार की कामना को पूरा करने के लिए हम पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं।

अपनी मुश्किलें कम करने के लिए जब भी आप शनिदेव के नाम से दीपक जलाएं तो संध्या के समय ही जलाएं

दिन में जलाने का कोई मतलब नहीं बनता शनिवार और शनिदेव का विशेष महत्व है

आप जब भी शनिदेव का उपाय करें  तो शनिवार को ध्यान में रखकर ही करें  शनिवार को शनि देव के लिए किया गया उपाय बहुत प्रभावशाली होता है।

शनि देव की दृस्टि से बचने के लिए शनि देव की साढ़ेसाती को कम करने के लिए हमने बहुत सारे लेख लिखे हैं

आप उन्हें यहाँ से  पढ़ सकते हैं और अपनी समस्याओं को जड़ से मिटा सकते हैं।
हम आशा करते है शनि देव से जुड़ी (surya shani oil peepal relation) रहस्यमई बातो को जानकर आपकी अच्छा लगा होगा इस लेख से संबंधित कोई बात हो तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते है।। धन्यबाद।।

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