10 अग॰ 2020

चल कुत्ते भगवान के पास | bhagwan ke pas chal

 क्या आप भगवान के पास जाना चाहते हैं ?| kya aap bhagwan ke pas jana chahte hain?

क्या आप भगवान के पास जाना चाहते हैं ?| kya aap bhagwan ke pas jana chahte hain?

भगवानके पास कोई क्यों नहीं जाना चाहता!अगर आपके पास कोई महान संत आकर बोले भगवान के पास चल (bhagwan ke pas chal) क्या आप जायेंगे ? इस कहानी को पढकर आप अपनी हँसी और ख़ुशी नहीं रोक पायेंगे 

इस धरती के जीवों को दुःखी देखकर देवर्षि नारदजी ने भगवान विष्णु से शिकायत किया कि आप इन्हें अपने धाम वैकुंठ में क्यों नहीं आने देते ।

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भगवान ने हँसकर कहा - नारदजी ! मैं तो बुलाता हु मगर कोई आना नहीं चाहता है । नारदजी ने कहा - क्यों नही आएंगे मैं अभी सबको लाता हूँ ,भला वैकुण्ठ धाम में कौन नहीं आना चाहेगा । इतना कहकर वो वहाँ से चले गये 

देवर्षि नारद ने बहुत लोगो को भगवान के धाम चलने को कहा लेकिन कोई आने को तैयार नही हुआ हर कोई अपना एक बहाना बना लेता

फिर नारद ने एक नगर में एक वृद्ध आदमी को (बूढा) देखा  वह धन सम्पत्ति ,परिवार आदि से परिपूर्ण था फिर भी एक कुत्ते से भी अधिक बेकार जीवन जी रहा था ।

परिवार के सभी लोग उस बुड्ढे को फटकार लगाते , समय पर खाना नही देते उसके कपड़े गन्दगी से काले और फटे हुए थे । सभी उसको डाट ते थे ।

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उस बूढ़े को देखकर नारदजी को दया आई और नारद जी ने उस बुड्ढे को वैकुण्ठ चलने को कहा तो वह अत्यन्त गुस्से में बोला - तुम खुद वैकुण्ठ क्यों नही जाते!

तुम्हे नही पता मेरे पास सब कुछ है मेरे लिए मेरा परिवार ही  वैकुण्ठ  हैं। नारदजी चुप हो गए और वाहा से निराश होकर चले गये । 

कुछ ही समय बीत जाने के बाद उस बूढ़े की मृत्यु हो गई और उसी घर में भैंसा होकर पैदा हुवा उसके परिवार वाले उस भैसे से हदसे ज्यादा काम लेते थे सभी उसको मारते परेशान करते 

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Chalo Bhagwan Ke Pas | चलो भगवान के पास


Chalo Bhagwan Ke Pas | चलो भगवान के पास 

कुछ दिन बाद नारदजी फिर उसी के पास आये और फिर बैकुंठ चलने को कहा तो उस भैसे से नारद जी को मारने के लिए सींग चलाया । बोला - मैं अपने बच्चों की बचत कर रहा हूँ , में यही ठीक हु मुझे नही जाना आपके वैकुण्ठ धाम नारद जी फिर दुखी होकर वहा से चले गये।

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 कुछ दिन बाद देवर्षिनारद फिर वही आगये और देखा तो वही भैंसा मरकर कुत्ता बन चुका है। उस कुत्ते को कभी खाना मिलता कभी भूखा ही रहना पड़ता उसकी स्थिति वैसे ही थी।


नारदजी ने फिर उस कुत्ते से कहा स्वर्ग चलोगे मेरे साथ? तो वह कुत्ता नारद जी ही काटने के लिए दौड़ा । बोला  मैं इस घर की रखवाली करता हूँ 

ये घर मेरे  बेटा का  है में नहीं रहूँगा तो कौन रखवाली करेगा इस घर की? नारद जी को वहा से फिर खाली हाथ ही जाना पड़ा 

चल कुत्ते भगवान के पास | chal kutte bhagwan ke paas


कुछ दिन बाद वो कुत्ता भी मर गया फिर साँप बन गया, घर के पास ही खेतो में रहता। नारद फिर आ गये और कहा स्वर्ग चलोगे मेरे साथ? 

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साँप ने नारद  से कहा मैं रात में चोरों की निगरानी करता हूँ बहुत सारे कीड़े मकौड़े चूहों से इस खेत को बचाता हु। मै नही जाऊँगा तुम्हारे स्वर्ग लोक।

नारद जी को बहुत गुस्सा आया और उस सर्प को जबरदस्ती मारकर स्वर्गलोक में ले गए। फिर भगवान से कहा मैं ले आया प्रभु।

भगवान ने हँसकर कहा - नारदजी ! एक को लाने में आपको इतनी मेहनत करनी पड़ी आपको इतना समय लगा  फिर भी आपने इसको  जबरदस्ती मारकर ले आये  ये अपनी इच्छा से नहीं आया  

 इसलिये मैं कहता हु मैं तो सबको बुलाता हु पर मेरे पास कोई आना नहीं चाहता। 

दोस्तों हम आशा करते हैं आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा एसे ही ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारी पाने के लिये कृपया हमें फोलो करे धन्यवाद।

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