संस्कृत में 200+ फल और सब्जियों के नाम जानिये
संस्कृत में फल और सब्जियों को किस नाम से जाना जाता है? फल और सब्जियों को संस्कृत भाषा में क्या कहते हैं? जैसे -आम को संस्कृत में क्या कहते हैं ? अनार को संस्कृत में क्या कहते हैं? आलू को संस्कृत में क्या कहते हैं? इत्यादि आपको फल और सब्जियों का नाम हिंदी में तो आता ही होगा । लेकिन कुछ ऐसे भी पढ़े लिखे लोग हैं जिनको हिंदी में भी फल और सब्जियों को क्या कहते हैं नहीं पता होगा । जिन लोगों को अपने सनातन धर्म से प्यार है संस्कृत भाषा से प्यार है उन लोगों को आज का यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए की sanskrit me phal aur sabjiyo ke naam को क्या कहते है।
- अम्रम् (आम)
- कटुकम् (नीबू)
- त्वक् (दालचीनी)
- काश्मरम् (सेब
- नारङ्गम् (संतरा)
- अहिमच्छुरम् (अंजीर)
- पीतफलम् (पैपाया)
- प्रियालम् (चीकू)
- कदम्बम् (कदम्ब)
- काश्मीरम् (खुबानी)
- पल्पल (भिंडी)
- अनारः (अनार)
- जम्बीरम् (जामुन)
- भिल्लातकः (बिल्व)
- सर्पगन्धा (गुलाबजामुन)
- काकतुण्डकम् (पेरू)
- तर्क्षु (तरबूज)
- शरीफ फल (शरीफा)
- आंकुर (अमरूद)
- तृणपर्यायः (कच्चा केले)
- सब्जियाँ (सक्वाणि)
- कुम्भम् (कद्दू)
- परवलम् (परवल)
- ग्वारफलम् (ग्वार)
- शाकम् (पालक)
- भूतकः (बीन्स)
- लघुशाकम् (भिंडी)
- काष्ठकन्दः (गाजर)
- शंखपुष्पी (कांद्रो)
- मूर्तिका (शलजम)
- शालग्राम् (टमाटर)
- फण्टक (गुड़)
- मांसक (माही)
- कक्करी (खीरा)
- कुसुम्बः (सुख केरला)
- सर्पगोदुग्धम् (सब्जी)
- काकपादः (कौँस)
- ग्रीन मटर (हरे मटर)
- गिलकी (तुरई)
- गोकर्णः (काले चथी)
- पाटलम् (घिया)
- फल (फलानि)
- आम्रम् (आम)
- कटुकम् (नीबू)
- त्वक् (दालचीनी)
- काश्मरम् (सेब)
- नारङ्गम् (संतरा)
- अहिमच्छुरम् (अंजीर)
- पीतफलम् (पैपाया)
- प्रियालम् (चीकू)
- कदम्बम् (कदम्ब)
- काश्मीरम् (खुबानी)
- अनारः (अनार)
- जम्बीरम् (जामुन)
- आम्राणि (मलट)
- तृणपुष्पम् (चिरौंजी)
- काकतुण्टकम् (पेरू)
- तर्क्षु (तरबूज)
- शरीफ फल (शरीफा)
- आँकुर (अमरूद)
- पर्णक (पपीता)
- चकोरम् (चकोतरा)
- बकुलम् (बकुल)
- रुधिरम् (शहतूत)
- लंकामाला (चिल्ली)
- कस्तूरी (कस्तूरी बनौन)
- कदली (केला)
- तमीला (कच्चा केला)
- मूषिका (बेल)
- करौन्दः (करौंदा)
- नटवृत्तम् (नटवृत्त)
- पीतम् (पीच)
- सब्जियाँ (सक्वाणि)
- कुम्भम् (कद्दू)
- परवलम् (परवल)
- ग्वारफलम् (ग्वार)
- शाकम् (पालक)
- भूतकः (बीन्स)
- लघुशाकम् (भिंडी)
- काष्ठकन्दः (गाजर)
- शालग्राम् (टमाटर)
- पात्रिका (पत्तागोभी)
- मूर्तिका (शलजम)
- शतपदम् (गाजर)
- अद्रकम् (आदरक)
- पञ्चशाकम् (मिश्रित सब्जी)
- बृहत्तुण्डम् (गुलकंद)
- काकपादः (काँद)
- कष्टक (अलू)
- गिलकी (तुरई)
- मञ्जरी (बथुआ)
- वरस्कंदः (बर्गर)
- काकसरः (चुकंदर)
- फलकम् (खुशबू)
- कुचुरuka (कटاهي)
- पर्णिका (तुलसी)
- कुसुम्बः (सुख केरला)
- कचूरिका (आलू)
- सर्पोगी (नई मिर्च)
- च्यूषित (शिमलामिर्च)
- तपकः (तरबूज)
- पायस (स्वीट क्रीम)
- दुंदुरिका (दुनिया मिर्च)
- फल (फलानि)
- विमलफलम् (कागजी नीबू)
- अम्बिका (अम्बर)
- शिरःफलम् (पलम)
- शुचिता (सूरजमुखी)
- व्रजफलम् (जुन्गला)
- जलपर्णम् (जलपरी)
- कर्णजः (कर्णजी)
- नैषधः (नैषध)
- भद्रफलम् (भद्र)
- कादम्बरी (कदी)
- क्षीरक (दूधिया)
- मालयुतका (कमल)
- नगा (नागफूल)
- चक्री (चकूरा)
- जड़कम् (जड़वृत्त)
- लतिका (लतिकाएं)
- सुरत्नम् (सुरत)
- चोरः (चोरो)
- नन्दनम् (नंदनी)
- द्विजः (द्विज)
- सब्जियाँ (सक्वाणि)
- कुम्भी (कद्दू)
- सिग्गरी (सिगड़ी)
- काफिरको (मिर्च)
- लतागुण्डी (तुरई)
- चपलम् (बंद गोभी)
- मुरिंगा (सहजन)
- अम्बुः (तगड़ा)
- उपलम् (सभी किस्म की सब्जी)
- दीर्घिक (तुड़ी)
- श्रोत्रम् (भुजीया)
- तेला (तिल)
- प्राशनम् (प्याज)
- मगधः (घास)
- खलुका (बड़ा आलू)
- जलहरी (जलहरी)
- गुडाम्बु (बज़ा)
- उष्ट्राणि (उष्ट्रा)
- विकरः (विकर)
- दोग्धारः (दूध)
- बलातकम् (कचना)
- फल (फलानि)
- यामफलम् (जामुन)
- चुरुकम् (दूधिया)
- लिप्ता (लिंबू)
- विद्वातक (फल हरी)
- गतेदः (बिज्जा)
- स्फुटक (खरबूजा)
- गदः (कद्दू)
- सागरतः (दाल)
- गूढ़ाम् (गंधर्व)
- मुष्टिका (मुसब्बर)
- अमरसरः (अमरूद)
- पलाशः (पलाश)
- केन्द्री (केंदा)
- व्यौमवृत्तम् (आम)
- चंद्रकान्तम् (चंद्रगिरी)
- घटकम् (घटका)
- सर्पदूषः (सर्पाडू)
- अम्बिका (सूरजमुखी)
- हरिष्णु (हरीतकी)
- विधाम् (खजूर)
- गव्यकम् (गव्यम्)
- कुम्भमाला (कुम्भा)
- कुर्वन्ती (गगन)
- दिनकरः (सूरज)
- सुनन्दः (सुरनंद)
- सब्जियाँ (सक्वाणि)
- काश्यपम् (पत्तागोभी)
- धात्री (धातरी)
- कुशाग्र (कर्नाम)
- अद्रकम् (जीरा)
- हलवणम् (हर्वडा)
- होतुक (सरसों)
- गवर्नक (घरू)
- कक्सुलम् (ककड़ी)
- सङ्करः (संगास)
- कामीरम (कमल)
- लाटानु (लाटिका)
- कुंचिका (कूंची)
- हरितम् (हरी मिर्च)
- कुक्कुटकः (अंडे)
- कुटशः (कठल)
- पर्णलता (हरी साग)
- गतकः (गाढ़ी)
- भद्रम् (हरी साग)
- नन्दनी (नंदनी)
- जालिका (जाल)
- अंकलीक (मटर)
- क्षीरपर्ण (दूध)
- कल्कुरि (कप्टे)
- काकजामा (कागुन)
- करातिः (चंपा)
- फल (फलानि)
- वत्सलम् (बरल)
- लवङ्गम् (लौंग)
- तिलकम् (तिल)
- मुरूजा (मोर)
- द्राक्षा (अंगूर)
- चिनुत्तम् (दमाद)
- दारु (दरख्त)
- चंदनम् (चंदन)
- छन्दनम् (गुलाब)
- वटुम् (हल्दी)
- रुक्मिणी (रुचिका)
- राजीवम् (केल)
- अश्वत्थम् (पीपल)
- सुरभिका (सुरभित)
- व्रजित (व्रजना)
- चक्षुर्वत (दृष्टि)
- कृत्तिका (कृति)
- सिंघल (सिंह)
- काकोल (जूत)
- तुषिता (गुँठा)
- द्वारक (द्वारका)
- बन्धमाला (बन्धा)
- शिरीषम् (शिरीष)
- मोहिनी (मोहक)
- गन्धर्व (गंधर्व)
- सब्जियाँ (सक्वाणि)
- रज्जूमाम् (रागी)
- हरितवृत्तिः (हरी भाजी)
- भुजङ्गः (सर्पगंधा)
- जटिलकम् (जटो)
- देचरस (देसी)
- नग्गरन्गा (नागर)
- जालका (जाल)
- दहकनकः (दहन)
- कयूरिका (काय)
- तीथ्वम् (गींधाल)
- चकृण् (चक्रिका)
- पोरत्ति (पोर)
- पत्थर (गाई)
- मित्रगन्धा (संध्या)
- भालाभानुर (कांदा)
- बृगरिखी (बछड़ा)
- गताम्लिका (अमर)
- गङ्ग्रहारः (गंगालगान)
- काकण्डु (कांके)
- मन्त्रिका (मंत्रिका)
- बन्धुरुक्कम् (बन्धोर)
- अहिरियम (आलू)
- विषाणु (विष)
- शतायु (शतपुष्प)
- हरितापर्णिका (हरियाई)
हमने संस्कृत भाषा में और भी लेख लिखे हैं आप चाहे तो नीचे वाले पोस्ट उनको भी पढ़ सकते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
इस लेख से सम्बंधित अपने विचार कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं