जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? भगवान कृष्ण के जन्म की पूरी कहानी
जन्माष्टमी: वो दिन जब घर-घर गूंज उठता है "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की!"
बचपन की यादें और जन्माष्टमी का उत्साह
मुझे आज भी याद है, बचपन में माँ सुबह से ही पूजा की तैयारी में लग जाती थीं। घर में माखन-मिश्री की खुशबू फैल जाती, और मैं बार-बार पूछता, "माँ, कृष्ण जी आज रात आएँगे क्या?" वो मुस्कुराकर कहतीं, "हाँ बेटा, आधी रात को वो अपनी बाँसुरी बजाते हुए आएँगे!"
कृष्ण जन्म की कहानी – एक माँ का संघर्ष और भगवान की लीला
देवकी माँ की कहानी सुनकर हमेशा दिल भर आता है। कैसे एक माँ ने अपने बच्चे को बचाने के लिए उसे गोकुल भेज दिया। कृष्ण का बचपन हम सभी को प्रेरणा देता है – चाहे वो माखन चुराने की शरारत हो या कंस जैसे अत्याचारी का अंत, हर घटना में एक सीख छुपी है।
मथुरा-वृंदावन की रौनक
अगर आपने कभी जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन की यात्रा की हो, तो आप जानते होंगे – यहाँ तो जैसे स्वर्ग उतर आता है! मंदिरों में झांकियाँ, भजन-कीर्तन और लाखों भक्तों की भीड़... बस एक ही नारा गूंजता है – "यशोदा के लाल की जय!"
दही-हांडी: जहाँ जोश और उत्साह का मेल होता है
महाराष्ट्र में यह पर्व और भी रोमांचक हो जाता है। नौजवानों की टोलियाँ मटकी तोड़ने के लिए इंसानों की पिरामिड बनाती हैं, और नीचे से डीजे पर भक्ति गाने बजते हैं। क्या मजा आता है यह देखने में!
जन्माष्टमी 2025 घर में कैसे मनाएँ?
- सुबह से हल्का उपवास रखें।
- शाम को घर के मंदिर को फूलों और रंगोली से सजाएँ।
- बाल गोपाल को नए कपड़े पहनाएँ, झूला झुलाएँ।
- रात 12 बजे "ओम नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
- प्रसाद में पंचामृत, माखन-मिश्री और फल चढ़ाएँ।
जन्माष्टमी 2025 कृष्ण हमें क्या सिखाते हैं?
- उनका जीवन हमें बताता है कि डर के आगे जीत है (कंस का वध)।
- प्रेम और शरारत का संतुलन (गोपियों के साथ रासलीला)।
- कर्म करो, फल की चिंता मत करो (गीता का संदेश)।
जन्माष्टमी 2025 आखिरी बात...
जन्माष्टमी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारे बचपन की मासूमियत, माँ के प्यार और भगवान पर विश्वास की कहानी है। आज भी जब मंदिरों में घंटियाँ बजती हैं, लगता है मानो कान्हा हमारे बीच ही हैं... बस, देखने वाली नज़र चाहिए!
Tag-जन्माष्टमी 2025, कृष्ण जन्म कथा, दही-हांडी, पूजा विधि, मथुरा जन्माष्टमी, व्रत के नियम, बाल गोपाल पूजा, जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
इस लेख से सम्बंधित अपने विचार कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं