7 अक्तू॰ 2024

माँ की सबसे प्यारी और सरल आरती | अम्बे तू है जगदम्बे काली | Ambe tu hai jagadambe

माँ की सबसे प्यारी और सरल आरती | अम्बे तू है जगदम्बे काली | Ambe tu hai jagadambe

माता की सबसे सरल आरती अंबे तू है जगदंबे काली जितना सरल है उतना ही रहस्यमय भी है इस आरती में माता अंबे का वर्णन मिलता है साथ ही संपूर्ण सप्तशती की कथा संक्षिप्त रूप में आती है इसे जितना भाव से गाते हैं मन को उतनी ही शांति मिलती है पूजन के पश्चात या बीच में  ambe tu hai jagadambe kali आरती गाई जाती है।

आरती करने से भक्त देवी देवता का सम्मान व्यक्त करते हैं और उनकी कृपा पाने की आशा रखते हैं आरती करने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। 

ऐसा माना जाता है कि आरती करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।आरती सामूहिक रूप से की जाती है जो एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

माँ की सबसे प्यारी और सरल आरती | अम्बे तू है जगदम्बे काली | Ambe tu hai jagadambe

अम्बे तू है जगदम्बे काली | Ambe tu hai jagadambe kali | Devi Aarati 


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।1।।


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।2।।


तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी

दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी


तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।

दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥3


सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,

दुष्टों को तू ही ललकारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥4


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।


माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।

पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।

पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥5


सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,

दुखियों के दुखडे निवारती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।

हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।

हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥


सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली

सतियों के सत को सवांरती।

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती,

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।

वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली


भक्तों के कारज तू ही सारती।। 

ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

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