31 अग॰ 2018

महाभारत के मुख्य नायक ,Chief hero of the Mahabharata,mukhya patra

चलिए दोस्तों आज हम लोग महाभारत के मुख्य नायक मुख्य पात्र के विषय मे जानेंगे जिन्होंने महाभारत में अहम भूमिका निभाई

1 शान्तनु: भीष्म के पिता और हस्तिनापुर के राजा।गंगा इनकी पत्नी जो शान्तनु को छोड़कर चली गई।माहराज शांतनु ने वृद्धावस्था ने वसुराज धीवर की पुत्री सत्यावती से विवाह किया था।

      महाभारत के मुख्य नायक ,Chief hero of the Mahabharata,mukhya patra2 सत्यवती: धीवर वासुराज की पुत्री इनका विवाह शान्तनु के साथ इस शर्त पर हुवा था कि इसके गर्भ से उत्त्पन्न पुत्र ही भविष्य में  हस्तिनापुर का राजा होगा।
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3 भीष्म: गंगा और शांतनु के पुत्र भीष्म इनका नाम देवव्रत था। अपने पिता के विवाह के लिए देवव्रत ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की ।तभी से इनका नाम भीष्म पड़ा भीष्म को वासु का अवतार भि माना जाता है|

4.धृतराष्ट्र: धृतराष्ट्र जन्म से ही अंधे थे और इनकी माता का नाम अंबिका था। महाराज पांडु के पश्चात धृतराष्ट्र को ही हस्तिनापुर का राजा मनाया गया। धृतराष्ट्र सौ पुत्रों के पिता थे और इनकी पत्नी का नाम गांधारी था।

5.गांधारी: गांधार देश की राजकुमारी धृतराष्ट्र की पत्नी और सौ पुत्रों की माता थी। गांधारी के पति जन्म से ही अंधे थे अतः इन्होंने भी अपनी आंखों में पट्टी बांधी थी और आजीवन न देखने की प्रतिज्ञा की थी

6.दुर्योधन  धृतराष्ट्र और उनकी पत्नी गांधारी का जेष्ठ पुत्र था। दुर्योधन के कुविचार के कारण ही महाभारत का भयंकर युद्ध हुआ युद्ध में दुर्योधन भीम के हाथों मारा गया था।

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7.दुशासन  दुर्योधन का छोटा भाई दुशासन ने ही द्रोपदी को अपमानित किया था और महाभारत के  युद्ध भीम ने इसको मारा था


8.पांडू  पांडू अंबालिका का पुत्र था पांडू बचपन से ही बहुत ज्यादा कमजोर और बीमार थे विचित्रवीर्य के पश्चात पांडु को ही हस्तिनापुर का राज सिंहासन मिला था इनकी दो पत्नियां थी पहली कुंती और दूसरी माद्री इन दो पत्नियों से महाराज पांडु को 5 पुत्र रत्न प्राप्त हुए जिनको पांडव के नाम से जाना जाता है।

9.कुंती शूरसेन की लाडली पुत्री और वसुदेव की बहन । पांडु के साथ इनका विवाह संपन्न हुआ था कुंती ने विवाह के पहले ही एक पुत्र को जन्म दिया था जिसका नाम था कर्ण जिसको कुंती ने लोक निंदा के भय के कारण त्याग दिया था । पांडू  से विवाह करने के करने के बाद कुंती के3 पुत्र हुए जिनको हम लोग युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन के नाम से जानते हैं।

10.कर्ण  कुंती  का सबसे बड़ा पुत्र जिसको कुंती ने त्याग दिया था। कर्ण एक वीर पराक्रमी और दानवीर था महाभारत के युद्ध में इसने दुर्योधन का साथ दिया था और अंत में अर्जुन के  हाथों मारा गया था।

11.युधिष्ठिर कुंती और पांडु के जेष्ठ पुत्र इनको धर्मराज का अवतार भी माना जाता है और इन्होंने कभी भी झूठ नहीं बोला सदा धर्म परायणता में रहे महाभारत का युद्ध खत्म हुआ तो युधिष्ठिर ने ही हस्तिनापुर का राज काज संभाला था।


12.भीम कुंती और पांडु के पुत्र भीम बहुत ही महाबलशाली थे। इनको क्रोध ज्यादा आता था महाभारत के युद्ध में इन्होने दुर्योधन सहित अनेक शत्रुओं को मार दिया था भीम गदा युद्ध में बड़े ही निपुण थे।

13.अर्जुन कुंती और पांडू के पुत्र अर्जुन एक श्रेष्ठ धनुर्धर थे। महाभारत के युद्ध में इन्होने अनेक शत्रुओ का वध किया था। दानवीर कर्ण को भि अर्जुन ने हि मारा था।

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14.द्रोपदी द्रुपद राजा की पुत्री अर्जुन ने ही स्वयंवर में लक्ष्यवेध करके द्रोपदी को हासिल किया था। माता कुंती की आज्ञा से द्रोपदी पांचों पांडवों की पत्नी बनी ।एक बार  द्रोपदी ने दुर्योधन का मजाक उड़ाया था इसी के कारण ही दुर्योधन ने भरी सभा में द्रोपदी को अपमानित किया था।


महाभारत के मुख्य नायक ,Chief hero of the Mahabharata,mukhya patra15.अभिमन्यु  अर्जुन और सुभद्रा के पुत्र अपने पिता के समान ही तेजस्वी थे ।महाभारत के युद्ध में द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्रव्यूह में अभिमन्यु ने प्रवेश तो किया था लेकिन बाहर आने का मार्ग अभिमन्यु नहीं जानते थे जिसके कारण इनको कर्णआदि महायोद्धाओं ने मार दिया था।

16.द्रोणाचार्य कौरव और पांडवों को शिक्षा देने वाले गुरु। महाभारत के युद्ध में पांडवों ने इनको धोखे से मारा था  ।

17.अश्वत्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा महाभारत के युद्ध में अश्वत्थामा कौरबो का अंतिम सेनापति था अश्वत्थामा ने ही पांडवों के पांचों पुत्रों की हत्या कि थी।

18.कृपाचार्य कौरव और पांडवों को इन्होंने भी अस्त्रशास्त्र की शिक्षा दी थी। महाभारत के युद्ध में इन्होने कौरवो की ओर से युद्ध किया था।


19.विदुर  एक दासी के पुत्र विदुर हस्तिनापुर के मंत्री थे धृतराष्ट्र को हमेशा उचित मार्ग दिखाते थे और नीति पर चलने की सलाह भी देते थे विदुर धर्मनीति अर्थनीति और राजनीति में बहुत निपुण थे।

20.शिखंडी शिखंडी पहले जन्म में एक स्त्री रूपअंबा था जिस का अपहरण भीष्म  ने किया था भीष्म ने महाभारत के युद्ध में शिखंडी पर अस्त्र उठाने से मना कर दिया था ।क्योंकि वह पहले जन्म में एक स्त्री था अर्जुन ने ही शिखंडी की आड़ में भीष्म पर बाणों की वर्षा कर दी थी फलस्वरुप भीष्म धराशाई हो गए थे।


21.संजय संजय ने हीं धृतराष्ट्र को महाभारत का आंखों देखा हाल सुनाया था क्योंकि संजय को दिव्य दृष्टि प्राप्त थी।


22.जयद्रथ जयद्रथ सिंधु देश का राजा था दुर्योधन की बहन से इसका विवाह हुआ था दुर्योधन की बहन का नाम दु:शाला था। महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में अभिमन्यु के प्रवेश के बाद पांडवों का प्रवेश इसी ने ही रोका था जिसके कारण अभिमन्यु मारा गया फिर बाद में अर्जुन ने ही इसका वध किया था।

23.शकुनि गांधारी का भाई और कौरवो का मामा शकुनि दुर्योधन का कूटनीतिक सलाहकार भी था ।कौरवों और पांडवों के बीच शत्रुता का यह मुख्य कारण था ।शकुनि द्यूतक्रीड़ा में भी महान था

24.कृष्ण देवकी और वासुदेव के पुत्र और भगवान विष्णु के अवतार इनका पालन पोषण यशोदा के द्वारा हुआ था कृष्णा ने ही कंस को मारा था और अनेक दुष्टों का वध किया था महाभारत के युद्ध में कृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। महाभारत के युद्ध भूमि में अर्जुन को जो उपदेश दिया था उस उपदेश उसको आज गीता के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है।
महाभारत के युद्ध में पांडवों को विजय दिलाने के पीछे कृष्ण की मुख्य भूमिका रही है।

25.बलराम रोहिणी और वासुदेव के पुत्र कृष्णा के बड़े भाई बलराम ने ही दुर्योधन को गदा युद्ध की शिक्षा दी थी।

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तो दोस्तों ये था महाभारत के मुख्य पात्र का संछिप्त विवरण और परिचय
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                                                                      धन्यबाद ....