Sant aur mata संत और माता की रोचक कहानी
हिंदू धर्म को जोड़ने वाली एक अद्भुत SANT AUR MATA की कहानी इस कहानी के माध्यम से हमें यह शिक्षा मिलती है हमारा धर्म सब को एक साथ लेकर चलने वाला धर्म है सबके साथ मिलकर रहो सभी को अपना समझो तुम्हारा कोई शत्रु नहीं तुम्हारा कोई मित्र नहीं आगे इस कहानी को विस्तार से पढ़िए क्या होता है।sant aur mata | spiritual thought |
sant aur mata ki kahani
एक MATA जी- बड़े ही खुश होकर एक SANT के पास गई संत के चरण स्पर्श किए संत ने आशीर्वाद दीया और पूछा माताजी सब कुशल मंगल तो है न?माता जी बहुत प्रसन्न होकर कहने लगी यदि संसार में कोई सबसे ज्यादा सुखी है तो वह मैं हूं। संत ने कहा क्यों माता जी आप ही क्यों सबसे ज्यादा खुश हैं?
MATA जी ने कहा मेरी 4 लड़कियां हैं और उन चारों लड़कियों की शादी हो गई और वह अपने ससुराल में राज कर रही हैं बहुत ही सुखी से अपने ससुराल में जी रही हैं
कोई भी तकलीफ नहीं है किसी चीज की कमी नहीं है और सबसे मजे की बात कि उनको परेशान करने वाला कोई नहीं है इसलिए मैं बहुत खुश हूं।
SANT ने कहा ऐसा क्यों क्या वाकई कोई नहीं है उनको परेशान करने वाला ससुराल में? माता ने कहा बेटी को ससुराल में यदि कोई सबसे ज्यादा परेशान करता है तो वह सांस करती है
मेरे लिए सबसे खुशी की बात यह है कि मेरी चारों बेटियों की कोई सांस नहीं है इसीलिए वह ससुराल में राज कर रही हैं खुशी से जी रही हैं।
संत ने कहा जब आपको कोई भी परेशानी नहीं है आप सब से ज्यादा खुश हैं तो फिर हमारे पास आने का क्या मतलब है? संत के पास कोई तब जाता है जब वह परेशान होता है?
माताजी थोड़ी दुखी हो गई और संत से कहा भी हर प्रकार की शांति होते हुए भी मेरा एक बेटा है उसकी शादी नहीं हो रही है आप कुछ ऐसा उपाय करें कि मेरे बेटा का भी शादी जल्द से जल्द हो जाए और मैं सारे बंधन से मुक्त हो जाऊं।
SANT मुस्कुराते बोले क्यों माताजी क्या कोई लड़की नहीं मिल रही है? MATA जी ने कहा लड़की तो बहुत मिल रही है कुंडली भी मिल रही है सब कुछ मिल रहा है लेकिन अंत में यह रिश्ता टूट जाता है!
संत ने कहा ऐसा क्यों? माता जी थोड़ा मुंह लटका कर बोली हर कोई यही कहता है जहां सांस होगी वहां पर हम अपनी बेटी नहीं देंगे।ये भी पढ़े शादी और ज्योतिष
spiritual thought in hindi
SANT मुकुराते हुए बोले इसी को कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी जब तुमने अपनी बेटी की शादी ऐसे घर में कराई जहां पर कोई सास नहीं है तो कोई बाप अपनी बेटी को ऐसे घर में क्यों देगा जहां पर तुम जैसी छोटी सोच रखने वाली सास हो !अपने विचारों को बदलो सबको एक जैसा समझो।संत की बात सुनकर MATAजी शर्म के मारे संत के पैरो पर गिरी और फूट-फूट कर रोने लगी
रोते-रोते माताजी ने संत से कहा आपने मेरी आंखें खोल दी अब मैं आपसे वादा करती हूं कि भविष्य में ऐसी गलती कभी नहीं करूंगी और ना ही किसी को करने दूंगी इतना कहकर माताजी वहां से चली गई
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अपनी सोच को बदलो
SANT और MATA जी के बीच हुए वार्तालाप से हमें यह शिक्षा मिलती है दूसरे की लड़की को जब शादी करके बहू बनाया जाता है तो उसको अपनी लड़की से भी ज्यादा प्यार करना चाहिए अपनी बेटी और बहू में भेदभाव नहीं करना चाहिए ।यदि हम अपने विचार में थोडा सा बदलाव करे तो दुनिया कितनी खूबसूरत लगेगी एसा लगेगा जैसे हमें दुनिया की सारी ख़ुशी मिलगई ।
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