10 जन॰ 2024

Mithun rashi wale हर काम में क्यों असफल होते ?

 

Mithun rashi wale हर काम में क्यों असफल होते ?

अगर आपके नाम का पहला अक्षर (का की कू घ ड़ छ के की ह) से शुरू होता है तो आपकी मिथुन राशि (mithun rashi) है mithun rasi wale ज्यादातर लोग असफल ही रहते है

Mithun rashi wale हर काम में क्यों असफल होते ?
Mithun rashi wale

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध माना गया है, जो बुद्धि और विद्या को देने वाला है। इसका अंक 5 है। इनके नक्षत्रों में आर्द्रा के चारों चरण, मृगशिरा के 3-4, पुनर्वसु के 1-2-3 चरण होते हैं। इस राशि का स्वभाव द्वि-स्वभाव है। इसका तत्व आकाश है। यह राशि पृष्ठोदय, शीर्षोदय दोनों प्रकार से उदय होने के कारण "उभयोदय" मानी गयी है।


इसका लिंग पुरुष है इसकी दिशा दक्षिण-पूर्व है रंग हरा है इसका निवास गांव या शयनकक्ष माना गया है कद लम्बा बतलाया गया है शरीर में इसे गले और बांहों का स्थान प्राप्त है। यह शरद् ऋतु का स्वामी है इसका रत्न पन्ना है प्रकृति पित्त है इस कारण इसके स्वामी ग्रह का अधिकतर पेट, जीभ, फेफड़ों, स्नायु-केन्द्रों पित्त और मांसपेशियों पर है।


इस ग्रह के अधिपति देवता विष्णु हैं इसका स्वाद अम्ल और मिश्रित है रक्त और चर्म इसकी धातु है सौर मन्त्रिमण्डल में इसको राजकुमार का पद प्राप्त है इसका आकार त्रिकोण के समान है इसका आयन दो मास का है इसका वेद अथर्ववेद है सिंह, वृष, तुला इसकी मित्र राशियां हैं और कर्क, मेष, वृश्चिक राशियों से इसकी शत्रुता है बाकी राशियों से इसका भाव समान है इस राशि में दो रंग की झलक बतलायी गयी है इसकी नसें स्पष्ट दिखलायी पड़ती हैं।


इसे मिष्ठभाषी और विनोदप्रिय माना गया है इसकी लाल और बड़ी आंखें हैं। यह बुद्धिमान और राजनीति में दक्ष है इसे विद्वान माना गया है इसकी शरीर रचना संतुलित मानी गयी है।

प्राचीन काल से ही हमारे विद्वान पूर्वजों को इस ज्योति-पिण्ड का ज्ञान था इसकी स्थापना पंचदेवों में की गयी है महाभारत के भीष्म पर्व में बुधग्रह का उल्लेख मिलता है आधुनिक विज्ञान ने इसकी दूरी सूर्य से 31984 मील दूर मानी है यह सूर्य के सबसे पास है इसका तापमान 770 डिग्री फारेनहाइट है इस तापमान में शीशा और टिन भी पिघल जाते हैं।


इसकी गति 36 मील प्रति सेकण्ड है बुध पर हरे रंग की परत पड़ी है यह लगभग 87 दिन में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है।

मिथुन राशि वालों का रूप-रंग । Mithun rashi walo ka rup rang

ज्योतिष और विज्ञान से प्राप्त इन निष्कर्षों के आधार पर मिथुन राशि के जातकों का रूप-रंग और भविष्य प्रायः एकदम स्पष्ट हो जाता है इस राशि के जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है।


यह स्वस्थ एवं हृष्ट-पुष्ट होते हैं इनमें बातचीत करने का बड़ा सफल गुण होता है। अपनी वाणी और तर्कों के प्रभाव से दूसरे को वश में कर लेते हैं इनका बचपन बड़ा ही अस्त-व्यस्त होता है बचपन से ही लिखने-पढ़ने के शौकीन होते हैं।

मिथुन राशि वाले लोग हर काम में क्यों असफल रहते है

दिन-रात परिश्रम करते हैं यह शारीरिक परिश्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम अधिक पसन्द करते हैं द्वि-स्वभाव राशि होने के कारण यह किसी एक काम पर, किसी एक बात पर नहीं जाते उत्साह से कार्य शुरू कर शीघ्र ही ठण्डे हो जाते हैं।


एक काम पूरा हो या न हो, दूसरे काम में हाथ डाल देते हैं इसी दुहरे स्वभाव के कारण योग्यता और क्षमता के बावजूद यह किसी कार्य को सफलता के साथ नहीं कर पाते हैं इनका स्वभाव बड़ा ही भावुक होता है बचपन में माता-पिता का सुख इन्हें नहीं के बराबर ही मिलता है इस राशि के जातक अपने जीवन का निर्माण प्रायः स्वयं ही करते हैं।

मिथुन राशि वालो का स्वभाव । Mithun rashi ka swabhav

आकाश तत्व रहने के कारण यह कल्पनाओं में बहते रहते हैं तथा प्रायः हवाई महल बनाया करते हैं राशि उभयोदय होने के कारण यह अपनी किसी बात पर अटल नहीं रहते हैं सुबह कुछ तो शाम को कुछ इनकी बात होती है।


वैसे यह बहुत ईमानदार होते हैं इस राशि का रंग हरा होता है शुभ रत्न इसका पन्ना है। अंग-स्थान गले और बांह में होने के कारण इनको इसी प्रकार के रोग होते हैं, जिनका सम्बन्ध इन अंगों से है। स्नायविक विकार, मस्तिष्क रोग, त्वचा रोग, मिरगी पढ़ना, खून की कमी आदि रोग होते हैं।

Mithun rashi ke liye shubh din। मिथुन राशि के लिए शुभ तिथियां और दिन


5.14.23 तिथियां शुभ होती हैं
शुभ दिन बुधवार होता है। बुधवार का प्रथम प्रहर अधिक लाभप्रद है।
मिथुन राशि के लिए शुभ मास मई, जुलाई और अगस्त है।
मिथुन राशि की शुभ दिशायें उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम हैं।

मिथुन राशि वालो का लाइफ स्टाइल। Mithin rashi ka life style


मिथुन राशि के जातक लेखक, इंजीनियर, व्यापारी एकाउन्टेंट, प्रोफेसर, डॉक्टर, सम्पत्ति-दलाल, समाचार-पत्र का मालिक, सम्पादक, तम्बाकू-विक्रेता, शिक्षा- शास्त्री इतिहासवेत्ता, राजनेता, प्रकाशक, पुस्तक-विक्रेता होते हैं। सदैव बाजार में यह सफल रहते हैं एवं इनकी धाक रहती है। विदेशी व्यापार में प्रायः सफल रहते हैं।

मिथुन राशि के लोग बहुत अच्छा झूठ बोलने में सफल होते हैं। इस राशि के नेता मंत्री प्रायः सफल रहते हैं। स्वभाव से कंजूस होते हैं। 28-32 साल की आयु के बाद इनकी किस्मत चमकती है।


49 वर्ष की आयु के बाद पूर्ण रूप से सफल होते हैं। 19-23 वर्ष की आयु में मरण-तुल्य कष्ट पाते है। साधारणतया इस राशि के जातक की आयु 80 वर्ष की होती है। जीवन का अन्तिम समय सुख और ऐश्वर्य से बीतता है।

मिथुन राशि वालो का घर परिवार । Mithun rashi walo ka ghar pariwar

मिथुन राशीवालो का दाम्पत्य जीवन कलहपूर्ण और मानसिक तनाव देने वाला होता है संतान सुख उत्तम होता है। इस राशि के जातक नौकरी से संतोष नहीं पाते हैं, उन्नति' के लिये सतत् प्रयत्नशील रहते हैं। स्वतंत्र व्यवसाय करना इस राशि के जातक की विशेष इच्छा होती है।

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मिथुन राशि वालों का हेल्थ। Mithun rashi walo ka health

सामान्यतः स्वास्थ्य उत्तम रहता है। जीवन में कफ, नाक, कान, गला एवं वायु से सम्बन्धित रोग होते हैं। कई बार शल्य चिकित्सा की भी आवश्यकता पड़ती है। प्रेम के मामले में प्रायः असफल रहते हैं।


जीवन में कई प्रेम-प्रसंग होते हैं पर पूर्णता प्राप्त नहीं करते। स्त्रियों के प्रति आकर्षण रखते हैं, पर बदनाम होने से डरते भी हैं, इसलिये इसलिए मिथुन राशि के लोग प्रेम के मामले में असफल हो जाते हैं। मिथुन राशि का पूरा जीवन साधारणतया उतार-चढ़ावभरा पर अन्ततः सुखमय होता है। चित्रकला, संगीत, लेखन के क्षेत्र में प्रायः वह अमर हो जाया करते हैं। पैतृक सम्पत्ति-प्राप्ति का योग जीवन में एक बार अवश्य बनता है।
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