3 फ़र॰ 2024

भगवान राम से जुड़ी 7 रोचक जानकारी आपको पता होना चहिये

भगवान राम से जुड़ी  रोचक जानकारी | Bhagwan Ram se judi rochak jankari

दोस्तों आज हम आपको भगवान राम से जुड़ी रोचक जानकारियां देने वाले हैं जिनको जानने के बाद आपको सनातनी होने पर गर्व होगा भगवान राम से जुड़ी यह बातें आपको भगवान राम के प्रति और ज्यादा श्रद्धा उत्पन्न करेगी तो चलिए जानते हैं भगवान राम से जुड़ी गुप्त रहस्यों के बारे में

भगवान राम से जुड़ी  रोचक जानकारी | Bhagwan Ram se judi rochak jankari


भगवान राम का जन्म

चैत्र शुक्ल नवमी तिथि में भगवान राम का जन्म हुआ था जिसको हम रामनवमी के नाम से जानते हैं आज से लगभग 5114 ईसवी पूर्व में भगवान राम का जन्म हुआ था यह बात अयोध्या का इतिहास और राम के वंशावली से भी सिद्ध हो जाता है ।


आदिवासीयो के पूर्वज हैं भगवान राम

राम को 14 वर्षों का वनवास हुआ था जिसमें भगवान राम ने 12 वर्षों तक जंगलों में संतों के दर्शन करते हुए आदिवासियों से मिलते हुए बिताए थे 12 वर्ष पूर्ण होने के बाद रावण ने सीता का हरण किया था श्री राम ने इन्हीं दो वर्षों में सुग्रीव से मित्रता की माता शबरी के झूठे  बेर खाए साथ ही कुंभकरण और रावण जैसे असुरों का संहार किया था।



भगवान राम ने क्यों लिया था जल समाधि?

भगवान राम मनुष्य अवतार में थे जैसे ही  राम ने सीता का त्याग कर दिया माता सीता धरती में समा गई तो श्री राम को सीता का वियोग सहा नहीं गया इसलिए श्री राम ने जल समाधि लेने का फैसला किया।

राम मनुष्य रूप में थे इसीलिए उनका मरण भी निश्चित था संतों की ऐसी भी भावना है की राम स्वयं विष्णु के अवतार है इसलिए उन पर संसार का कोई प्रभाव नहीं रहता है अतः सरयू में जल समाधि लेने में उनकी खुद की इच्छा थी।


आज भी जिंदा है रामायण के ये पात्र

भगवान राम ने तो अपनी लीलाओं को पूर्ण करके सरयू नदी में जल समाधि लिया लेकिन उस समय के लोग आज भी जिंदा है जिनका नाम है हनुमान,जामवंत और विभीषण।


आपको पता है भगवान राम की बहन भी हैं

राम की बहन का नाम है शांता जो चारों भाइयों से सबसे बड़ी थी शांता राजा दशरथ और कौशल्या की ज्येष्ठ पुत्री थी शांता का पालन पोषण राजा दशरथ और कौशल्या ने नहीं किया था पैदा होने के कुछ ही वर्षों बाद शांता को अंगद देश के राजा रोमपद को दे दिया था उन्होंने ही शांत का पालन पोषण किया था।


भगवान राम ने नहीं किया था सीता का परित्याग


बहुत लोगों को यही लगता है कि भगवान राम ने सीता का त्याग कर दिया था यह कहकर कि वह दूसरे पुरुष के घर में रहकर आई लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है । श्रीराम जानते थे 14 वर्षों के वनवास में बहुत सारी चुनौतियां आएंगी सीता का हरण होगा इन सब के चलते  राम ने सीता को पहले ही अग्नि में सुरक्षित रखा था। रामायण पहले 6 कांडों में था उत्तरकांड को अंतिम में जोड़ा गया बाल्मीकि रामायण में उत्तरकांड का कोई जिक्र नहीं है सीता का त्याग करना सीता का पुनः वन में जाना यह सब बातें उत्तराखंड में लिखी गई है जो की प्रामाणिक नहीं है।


श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं।

श्री राम मनुष्य रूप में थे इसलिए उनको पूर्ण अवतार नहीं माना जाता है।

हनुमान के होते हुए राम जी सरयू में जल समाधि नहीं ले सकते थे क्योंकि हनुमान जी से यमराज डरते हैं हनुमान जी का ध्यान भड़काने के लिए राम जी ने अंगूठी को जमीन पर गिरा दिया था इस समय श्री राम जी ने जल समाधि ली थी

गिलहरी पर जो तीन रेखाएं हैं वह श्री राम की कृपा से हैं जब समुद्र पर रामसेतु का निर्माण किया जा रहा था उस समय गिलहरी ने भी अपना योगदान दिया था गिलहरी के समर्पण भाव को देखते हुए श्री राम जी ने गिलहरी के ऊपर अपनी उंगलियां फेरी थी तभी से उसके पीठ पर तीन रेखाएं अंकित हो गई।


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