21 अप्रैल 2024

Ram Nawami | कही आपने राम नवमी के दिन इन गलतियों को तो नहीं किया ?

Ram Nawami | कही आपने राम नवमी के दिन इन गलतियों को तो नहीं किया ?

जबसे अयोध्या में राम मंदिर बना है तबसे भगवान राम के प्रति लोगों का विश्वास और बड़ा है मैने बहुत बार ऐसा देखा है राम नवमी में भगवान राम की पूजा करते समय लोग बहुत सारी गलतियां करते है जिससे उनकी पूजा पूरी नहीं होती उनको श्रीराम की पूजा करने का पूरा फल नहीं मिल पाता आज हम आपको बताएंगे कि आप भगवान रामजी की पूजा करते समय क्या-क्या गलतियां करते हो और उनको कैसे ठीक किया जा सकता है साथ ही हम यह भी बताएंगे कि रामनवमी क्या है रामनवमी क्यों मनाई जाती है और भगवान राम की पूजा किस प्रकार की जाती है इसको जानने के लिए कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें ।

Ram Nawami | कही आपने राम नवमी के दिन इन गलतियों को तो नहीं किया ?


राम नवमी क्या है । Ram Nawami kya hai 

रामनवमी भगवान राम का जन्मोत्सव है रामनवमी बुराई पर अच्छाई की जीत है राम नवमी मतलब भगवान राम का आदर्श जीवन है।

भगवान राम का जन्मोत्सव | Ram ka janmautsav

राम नवमी भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म हुआ था। इस दिन को उनके जन्म दिवस के रूप में हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाया जाता है।

अधर्म पर धर्म की विजय

भगवान राम को  विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। उनका जन्म रावण जैसे अधर्मी राजा पर विजय प्राप्त करने और धर्म की स्थापना करने के लिए हुआ था। राम नवमी का पावन पर्व इसी विजय का प्रतीक है।

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का आदर्श जीवन

भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है। उनका जीवन आदर्शों और त्याग का प्रतीक है। राम नवमी का पर्व उनके आदर्शों को अपनाने और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है।

बुराई पर अच्छाई की जीत है राम नवमी

भगवान राम ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हमेशा सत्य और न्याय का मार्ग अपनाया। राम नवमी का पर्व हमें सिखाता है कि हमें हमेशा बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए प्रयास करना चाहिए।

भक्ति और आध्यात्मिकता का पर्व:

राम नवमी भक्ति और आध्यात्मिकता का पर्व है इस दिन लोग भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं, राम चरित मानस का पाठ करते हैं, सुंदरकांड का पाठ करते है भजन-कीर्तन करते हैं। यह पर्व हमें आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करता है और हमें राम के प्रति कृतज्ञ बनाता है।


राम नवमी में पूजा के दौरान होने वाली होने वाली कुछ गलतियां । Ram Nawami Puja me hone wali galti

  • पूजा करते समय राम नवमी के दिन पूजा का दीपक बुझना अशुभ माना जाता है।
  • राम जी की पूजा करते समय शोर शराबा करने से पूजा का फल नहीं मिलता है।
  • पूजा के समय जूते-चप्पल मुख्य दरवाजे के सामने न रखे
  • राम जी की पूजा करते हुए चमड़े का सामान जैसे - जूते चप्पल बेल्ट आदि चमड़े की वस्तु न पहने।
  • खंडित अक्षत या खंडित मूर्ति पूजा स्थान में न रखे
  • युद्ध करते हुए देवी-देवताओं की मूर्तियां या चित्र राम मंदिर में न रखे
  • खड़ी हुई लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर  रखना अशुभ माना जाता है।
  • ईशान कोण में राम जी की पूजा न करना:ईशान कोण को पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
  • पंचदेवों की स्थापना न करना:सूर्यदेव,श्रीगणेश,दुर्गा,शिव और विष्णु को पंचदेव कहा जाता है इनकी स्थापना पूजा में जरूरी है।
  • राम नवमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है।
  • राम नवमी के दिन दिन झूठ बोलना भी पाप माना जाता है।
  • क्रोध करना भी इस दिन अशुभ माना जाता है।
  • राम नवमी के दिन दान-दहेज देना पुण्य का काम माना जाता है।
  • किसी भी अनुष्ठान में बाधा डालना गलत माना जाता है।

विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में राम नवमी के बारे में अलग-अलग मान्यताएं हैं।आप किसी अनुभवी व्यक्ति या धार्मिक विद्वान से सलाह लें ताकि आप राम नवमी को सही तरीके से मना सकें।इन गलतियों से बचकर आप राम नवमी का पावन पर्व हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाये।

राम नवमी में राम की पूजा कैसे करे |Ram nawami me ram ki puja kaise kare

राम नवमी में राम की पूजा विधि सामग्री

  • भगवान राम की मूर्ति या प्रतिमा
  • गंगाजल
  • चंदन
  • रोली
  • अक्षत (चावल)
  • फूल
  • फल
  • मिठाई
  • घी
  • दीपक
  • धूप
  • आरती
  • कलश


राम नवमी में राम की पूजा विधि | Ram nawami me ram ki puja vidhi


स्नान और स्वच्छता: सबसे पहले, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

पूजा स्थान की स्थापना: पूजा स्थान को साफ और शुद्ध कर लें। एक चौकी या वेदी स्थापित करें और उस पर भगवान राम की मूर्ति या प्रतिमा रखें।

कलश स्थापना: एक कलश स्थापित करें और उसमें गंगाजल, चावल, और कुछ सिक्के भरें। कलश के मुख पर स्वस्तिक बनाएं और नारियल रखें।

षोडशोपचार पूजन: भगवान राम को षोडशोपचार पूजन अर्पित करें। इसमें शामिल हैं:

आचमन: गंगाजल से आचमन करें।

स्नान: भगवान राम को गंगाजल से स्नान कराएं।

वस्त्र: भगवान राम को वस्त्र अर्पित करें।

आभूषण: भगवान राम को आभूषण अर्पित करें।

गंध: भगवान राम को गंध अर्पित करें।

पुष्प: भगवान राम को पुष्प अर्पित करें।

धूप: भगवान राम को धूप अर्पित करें।

दीप: भगवान राम को दीप जलाकर अर्पित करें।

नैवेद्य: भगवान राम को भोग लगाएं।

आचमन: भगवान राम को पुनः आचमन कराएं।

आरती: भगवान राम की आरती उतारें।

आरती और भजन: भगवान राम की आरती और भजन गाएं।

प्रसाद वितरण: प्रसाद को सभी में वितरित करें।

पूजा करते समय ध्यान केंद्रित करें और भगवान राम के प्रति भक्तिभाव रखें।

पूजा के बाद दान-पुण्य जरूर करें।

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