ज्योतिष के उपाय क्यों काम नहीं करते | Jyotish ke upay kaam kyu nahi karte
आपको किसी ज्योतिषी ने बता दिया आपकी कुंडली में शनिशनि राहु या मंगल खराब है पूजा कीजिए दान कीजिए तभी आपका लाइफ अच्छा होगा ! आपके पास पैसे थे आप पंडितजी के पास चेले गए आपने पंडितजी से कहा मुझे ग्रह शांति की पूजा करनी हैमुझे ग्रह शांति की पूजा करनी है ताकि मेरे सारे बुरे ग्रह ठीक हो जाए।
पंडितजी ने कहा 50000 रुपए लगेंगे आपने भी हा भरी पूजा की डेट फिक्स हो गई आपने खूब मन लगाकर पूजा किया पूजा का कार्य संपन्न हुआ आपने 50000 रु पंडित को दे दिया और आप घर को चले गए ।
कुछ दिनों के बाद आपको एहसास होता है मेरा तो कुछ भी ठीक नहीं हुआ और बिगड़ गया !
ज्योतिषीय उपाय काम न करने के तीन कारण | Jyotish ke upay kaam na karne ke karan
आजकल गली गली में हजारों ज्योतिषी घूम रहे है जिनको ज्योतिष का "ज" नहीं आता वही सबसे बड़ा ज्योतिष का टैग लगाय घूम रहा है। अच्छे पंडितों की कमी जो कभी गुरुकुल गए ही नहीं जिनको सूर्य का जल चढ़ाने का मंत्रजिनको सूर्य का जल चढ़ाने का मंत्र सही से नहीं आता, गायत्री मंत्र का उच्चारण नहीं आता ,दीपक जलाने का मंत्र श्लोक नहीं आता वही सबसे बड़े पंडितजी बने घूम रहे है। इस प्रकार के पंडितजी से पूजा कराओगे तो कहा से काम बनेंगे?
ब्राह्मणों को शुद्धता का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है लेकिन आजकल ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है कहीं भी जाते हैं कुछ भी खाते हैं, न ही संध्या गायत्री जप करते हैं, ऐसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ कराएंगे तो कैसे आपका काम बनेगा?
अच्छे कर्मकांडी ब्राह्मण के लक्षण और गुण | Ache brahmano ke gun aur lakshan
*ब्राह्मण प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप करता हो ।
*रोज सूर्य को जल चढ़ता हो।
*वेद के मंत्रों का शुद्ध से उच्चारण करना जनता हो ।
*अच्छे गुरुकुल से शिक्षा लिया हो ।
*गुरु परंपरा को भली भाती समझता हो ।
*वाणी में मधुरता हो।
*पूजा, पाठ, यज्ञ साथ ही सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान को विधि पूर्वक कराना जानता हो।
*अपनी बातों और कर्मों में सदैव सत्यवादी और निष्पक्ष होना चाहिए।
*दूसरों की सेवा करने और उनकी भलाई के लिए सदैव तत्पर रहना ।
यजमानों में भी कई कमियां है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
सिर्फ पंडित जी और ब्राह्मण को दोष देना उचित नहीं यहां दोनों में कमियां हैं जिनको सुधारना बहुत जरूरी है जैसा कि मैंने खुद अनुभव किया है जब भी कोई पूजा करने के लिए बैठो तो सबसे पहले यजमान ही पंडित जी को बोलते हैं कि पंडित जी मेरे पास टाइम नहीं है जो भी पूजा करना हो कृपया जल्दी-जल्दी कीजिए अब ऐसे में पंडित जी बेचारा क्या करें!
मेरा उद्देश्य किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाना बिल्कुल भी नहीं है मैंने इस लेख में वही बात लिखा है जो मैंने अनुभव किया है यह बहुत ही गंभीर विषय है जिसे हम सभीको मिलकर सुधारना चाहिए । इस विषय में आप क्या कहना चाहते हैं कृपया कमेंट में बताएं हम उसे पर जरूर विचार करेंगे
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