25 सित॰ 2018

नया घर या मकान बनाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें | vastu tips for new home

vastu anusar naya ghar kaise banaye | वास्तु अनुसार नया घर 

Vastu anusar naye ghar का निर्माण करने से घरमे वास्तु का दोष पूरी तरह से ख़तम हो जाता हैं naya ghar बनाते समय vastu ka विषेश ध्यान देना चाहिये vastu shastra ke anusar naye ghar में कहा क्या होना चाहिये आजके इस लेख में इसी विषय में जानकारी दी गई हैं 

 हम सब का यह  सपना होता है कि हमारा भी एक सुंदर सा घर हो जैसे तैसे जीवन भर मेहनत करके पैसा इकट्ठा करके हम घर भी बनवाते हैं, घर को सुंदर तरीके से सजाते भी है, पर हम लोग यहां पर एक बात भूल जाते  हैं

घर बनाते समय हम वास्तु का ध्यान नहीं देते ! जिसके कारण हमें भविष्य में बहुत सारी संकटों का सामना करना पड़ता है।अतः नया घर या मकान बनवाते समय हमें वास्तु का विशेष रुप से ध्यान देना चाहिये ।

अगर हम  वास्तु का ध्यान देकर घर बनाते हैं तो घर में कभी अशांति नहीं होगी । हमेशा उस घर में लक्ष्मी का वास होगा और भविष्य में कभी समस्या नहीं आएगी

 इसलिए आज के इस लेख में हम  वास्तु के कुछ विशेष नियम(vastu ke vishes niyam) के बारे में बात करेंगे जिस को अपनाने से हमारा जीवन खुशियों से भर जाएगा।


naya ghar banane se pahale vastu ka niyam | घर बनाने से पहले वास्तु का नियम 

नया घर या मकान बनाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

घर का मुख्य दरवाजा  वास्तु शास्त्र यह कहता है कि घर का मुख्य दरवाजा हमेशा पूर्व या उत्तर की तरफ होना चाहिए ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।

 घर का दरवाजा कभी भी दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए
घर के मुख्य द्वार के सामने बड़े बड़े पेड़ नहीं होना चाहिए
बिजली का खंभा आदि नहीं होना चाहिए 

घर में मंदिर किस दिशा में होना चाहिए   घर मे मंदिर तो सबके यहां होता है,फिर भी लोग खुश क्यों नही रहते है? लोग घर मे पूजा का स्थान(मंदिर)तो बनाते है पर सही जगह(दिशा) में नही बनाते है, इसलिए उनको लाभ नही मिलता है।

  मेरा यही  कहना है सबसे की जब कोई नया मकान ,दुकान आदि बनाये तो प्रयास ये करे की मंदिर की जगह हमेसा ईशान कोण(उत्तर पूर्ब) में ही बनवाये।

यदि ऐसा संभब ना हो तो मंदिर पुरब और उत्तर में भी बनवा सकते है।

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वास्तु शास्त्र में दिशा का अधिक महत्व है

पूर्व दिशा east  दिशा के स्वामी सूर्य देव है जब भी कोई नया मकान बनाते है तो मुख्य दरवाजा इसी दिशा पर ही बनाने की सलाह दी जाती है।

उत्तर दिशा north ऐसा कहा जाता है कि उत्तर दिशा के मालीक  स्वयं कुवेर हे, इसीलिए जितने भी धन रुपए आदि जो वस्तु है  उसको इस सी दिशा में रखना चाहिए, वास्तु शास्त्र में यह भी एक मान्यता है कि उत्तर दिशा को हमेशा खुला रखना चाहिए इस दिशा में कोई भी भारी भरकम वस्तुएं नहीं रहना चाहिए।

ईशान कोण north east ईशान कोण को सभी दिशाओं में उत्तम लाभकारी और शुभ माना गया है , क्योंकि यह दिशा में हमेंसा देवताओं का वास रहता है अतः घर में मंदिर बनाते समय इस दिशा का चयन करना चाहिए इस दिशा को कभी गंदा नहीं रखना चाहिए नहीं तो घर में कभी शांति नहीं होगी।

पश्चिम दिशा west  इस दिशा में  वरुण देव का वास  रहता है । दिशा में भारी भरकम वस्तुएं रखना शुभ माना गया है पश्चिम दिशा में ही शौचालय बाथरुमआदि बनवाना चाहिये।

उत्तर पश्चिम north west उत्तर पश्चिम दिशा  मे स्वयं वायु देव का वास रहता है इस दिशा में भी भारी भरकम वस्तुएं रखा जा सकता है स्नान घर शौचालय भी बनाया जा सकता है।

दक्षिण south इस दिशा के मालिक स्वयं यमराज जी हैं इस दिशा में घर में आए हुए अतिथियों के लिए रहने का कमरा और विद्यार्थी के लिए सोने का  कमरा भी बनाया जा सकता है।

दक्षिण पश्चिम south west इस दिशा का नेतृत्व स्वयं देवी लक्ष्मी करती है  इस दिशा में तिजोरी अलमारी और घर के मुखिया के लिए सोने का स्थान (शयन कक्ष) बनाना उत्तम होता है। इस दिशा में आप जब भी तिजोरी रखे  तो हमेशा पश्चिम दीवार से सटाके ही रखे

दक्षिण पूर्व south east इस दिशा में अग्नि देव का वास रहता है अतः इस दिशा में रसोई घर बनाना सबसे उत्तम होता है ।

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