Spiritual thought-अद्भुत ज्ञान देने वाला एक पक्षी
हर छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए तोते का खयाल रखते थे।एक दिन तोता अचानक मर गया
राजा बहुत दुखी हुए राजा ने उस तोते को बिल्कुल अपने बेटे की तरह ख्याल रखा था। राजा को तोते से बिछड़ना अच्छा नहीं लगा फिर राजा ने अपने मंत्री से कहा मुझे एक सुंदर सा और सबसे अच्छा तोता ला कर दो
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Spiritual thought |
राजा की आज्ञा पाकर मंत्री जी तोता ढूंढने चले गए मंत्री ने पूरे नगर में तोता ढूंढा राजा को जिस प्रकार का तोता चाहिए था वैसा तोता नहीं मिला।फिर मंत्री जी को कहीं से पता चला की एक संत हैं जिनके पास सुंदर सा तोता
है। मंत्री जी संत के पास चले गए संत को प्रणाम किया और विनम्र पूर्वक मंत्री जी ने संत से उस तोते को मांगा
संत ने मंत्री जी से कहा आप इस तोते को ले जाकर क्या करोगे? ये मेरे पास रहता है मेरे साथ भजन करता है मेरे साथ सत्संग करता है बड़ा लगाव है।अतः यह तोता मैं आपको नहीं दे सकता!
मंत्री की यह बात सुनकर संत ने उस तोते को दे दिया मंत्री जी बहुत खुश हुए और उस तोते को ले जाकर राजा के सोने वाले पिंजरे में रख दिया।
कसाई का तोता और संत का तोता- Spiritual thought
जैसे ही राजाने उस खाली पिंजरे में तोते को देखा तो वह बहुत खुश हुए
सुबह सुबह तोता राजा को बड़े सुंदर सुंदर भजन गाकर सत्संग सुनाकर राजा को जगाता। तोता राजा से सुबह-सुबह कहता महाराज उठ जाइए अब मत सोइए यह सोने का समय नहीं है यह जीवन बहुत अनमोल है ,अतः जीवन का सदुपयोग कीजिए कितना सोएंगे उठिए प्रभु का भजन कीजिए यह सब मीठी मीठी बातें रोज तोता राजा को कहता कभी तोता सुंदर सुंदर भगवान के श्लोक बोलता कभी वेदो के मंत्रों का उच्चारण करता
तोते का इस प्रकार का बर्ताव देखकर राजा बहुत खुश हुए एक पल भी उस तोते के बगैर राजा नहीं रह पाते जहां भी जाते तोते को साथ ले जाते बहुत प्रेम करने लगे उस तोते से राजा।
पर विधि के विधान को कौन टाल सकता है जो आया है वह तो जाएगा ही और एक दिन वह तोता मर गया। राजा को बड़ा दुख हुआ राजा रोने लगे अपना राजधर्म भूल गए दिन रात उस तोते की याद में रोते रहते राजा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे साथ यह क्या हो रहा है राजा बहुत ही चिंतित रहने लगे। राजा ने उस तोते का पूरी विधि विधान से अंत्येष्टि करवाया, ब्राह्मण भोजन करवाया और फिर मंत्री को आदेश दिया कि मेरे लिए फिर एक तोता लेकर आओ।
दूसरे दिन मंत्री जी तोता ढूंढने के लिए चले गए और एक कसाई के घर से तोता लेकर आ गए उस तोते को मंत्री जी ने सोने कि पिंजरे में रख दिया राजा पहले तो बहुत खुश होगये,जैसे ही सुबह हुआ उस तोते ने राजा से कहा अरे ओ राजा मुझे भूख लगी है कुछ खाने को दे दे कितना सोता है सोते-सोते मर जाएगा क्या ! राजा ने पहले तो सोचा चलो कोई बात नहीं धीरे-धीरे यह भी पहले वाला तोता जैसा हो जाएगा इस प्रकार उसकी दी हुई गाली को राजा ने नजरअंदाज किया रोज तोता राजा को गाली देता राजा कुछ नहीं कहते ।
लेकिन बात हद से ज्यादा हो चुकी थी 1 दिन राजा को गुस्सा आया और उस तोते को राजा ने मार दिया और कहा तुझ जैसा नालायक तोता मुझे नहीं चाहिए।
एक तोता ऐसा जिस के मर जाने पर राजा दुखी हुए बहुत रोए पूरे विधि-विधान से उसका अंत्येष्टि करवाया ब्राह्मणों को भोजन करवाया उसका दाह संस्कार करवाया और एक तोता ऐसा जिस को राजा ने स्वयं मार दिया और उसका कुछ अंत्येष्टि कर्म आदि नहीं करवाया बल्कि राजा ने मरने के बाद भी उसको गाली दिया अपशब्द बोले ऐसा क्यों?
यह सब कर्म का खेल है और कर्म बनता है सत्संग से अच्छे लोगो की संगती से पहले वाले तोता ने संत का संग किया संत के साथ उठना बैठना रहा अतः वह तोता भी संत जैसा ही बन गया और दूसरा तोता कसाई के घर में रहा तो वह स्वयं कसाई जैसा बर्ताव करने लगा।
इस कहानी से हमें यह ज्ञान मिलता है की हमे हमेसा अच्छे लोगों का संग करना चाहिए एक तोता यदि किसी साधु का संग करके ज्ञानी बनसकता है तो हम भी अच्छे लोगो का संतो का संग करके ज्ञानी और महान बनसकते हैं सब संगती का खेल है।
हम आशा करते हैं आप को यह सद्विचार Spiritual thought अद्भुत ज्ञान देने वाला एकपची पक्षी की कहानी अच्छा लगा होगा ऐसे ही रोचक जानकारी पाने के लिए हमें फॉलो करें धनयबाद।
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