16 मार्च 2022

रूस-यूक्रेन युद्ध : चाणक्य से जानिए कैसा राजा होना चाहिए और कैसी प्रजा

 रूस-यूक्रेन युद्ध और चाणक्य की कूटनीति कैसे जीते कोई भी युद्ध

फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई चल रहा है आपातकाल में सबसे अच्छी रणनीति क्या होनी चाहिए चाणक्य नीति से जाना जा सकता है चाणक्य ने हर एक विषय पर अपना प्रकाश डाला है लड़ाई के समय अपनी नीति क्या होनी चाहिए अर्थव्यवस्था में अपनी नीति क्या होनी चाहिए और भी बहुत कुछ चलिए जानते हैं

रूस-यूक्रेन युद्ध : चाणक्य से जानिए कैसा राजा होना चाहिए और कैसी प्रजा

ऐसा नहीं कि लड़ाई सिर्फ अभी हुआ है यह तो चाणक्य के समय में भी हुआ था चाणक्य का संपूर्ण जीवन कूटनीति युद्ध नीति छल नीति और देश की रक्षा नीति से लबालब भरा हुआ है ऐसे महापुरुष की बातों का कौन अनुसरण करना नहीं चाहेगा आज हम आपको सिर्फ वही बात बताएंगे जो वर्तमान समय की मांग है


लड़ाई किसके साथ करना चाहिए

अपने से बलवान के साथ लड़ाई करना वैसा ही है जैसे हाथियों से पैदल सैनिकों को लड़ाना लड़ाई युद्ध हमेशा बराबरी वालों के साथ ही करना चाहिए अगर शत्रु अपने से ज्यादा बलवान हो तो उसे षड्यंत्र के द्वारा हराना चाहिए यही चाणक्य का नियम है


शत्रु को ज्यादा समय तक अनदेखा न करें

शत्रु रोग और ऋण इन तीनों को समय रहते ही खत्म कर देना चाहिए यही चाणक्य का नियम है जब तक शरीर मजबूत है शरीर में ताकत है उसी समय खुद शत्रु से बचने के उपाय कर लेने चाहिए बाद में पछताने से कुछ नहीं होगा


युद्ध कब करना चाहिए युद्ध करने का सही समय क्या है

चाणक्य कहते हैं कोई भी युद्ध हो लड़ाई करने से पहले युद्ध की संपूर्ण रणनीति पहले ही बना लेनी चाहिए चाणक्य ने खुद युद्ध की रणनीति  बनाई थी उन्होंने आदिवासी बनवासी को मिलाकर एक बहुत बड़ी फौज तैयार की  जिसका फल स्वरुप यह हुआ चाणक्य ने घननंद के शक्तिशाली साम्राज्य को खत्म किया फिर चंद्रगुप्त को मगध का राजा बना दिया।


कूटनीति कैसी होनी चाहिए कूटनीति चार प्रकार की होती है जिसका उपयोग मुखिया को माहौल देखते हुए करना चाहिए ।

साम दाम दंड भेद यह चार प्रकार की कूटनीति है इसको आप ऐसे समझ सकते हैं अगर किसी शत्रु से मित्रता बनानी हो तो उसे मीठी मीठी बातों में उलझाकर कुछ स्वादिष्ट पकवान आदि खिलाकर उसके हित में बोलकर अपना बनाया जा सकता है  फिर भी बात न बने तब अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए दुश्मनों को हराने की प्लानिंग करनी चाहिए दुश्मनों को एक दुसरे से लड़ाने की योजना होनी चाहिए यह सब कूटनीति के अंग माने जाते हैं।

राजा कैसा होना चाहिए

राजा बहुत ही ताकतवर होना चाहिए तभी देश का भला हो सकता है ताकत सिर्फ हाथों की नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक भी होना चाहिए शारीरिक शक्ति युद्ध में विजय दिलाती है आध्यात्मिक शक्ति उसे ऊर्जा प्रदान करती है मानसिक शक्ति उसके मन को मजबूत बनाता है।

कोई भी व्यक्ति आपके काम आ सकता है

चाणक्य कहते हैं कभी किसी को छोटा  गवार नहीं समझना चाहिए क्या पता कल वही व्यक्ति आपके काम आ जाए इसीलिए सभी से अच्छे संबंध बनाना चाहिए दूर-दूर तक अपनी पहचान बना के रखो।

चाणक्य ने अपने ज्ञान से सभी पड़ोसी राज्यों को अपना बना लिया था सभी उन्हें प्यार करते थे जब उन पर विपत्ति आई तो सबने उनकी मदद की

राजा और प्रजा का संबंध 

आज के समय में राजा तो नहीं है हां प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और देश की जनता इनको हमेशा वही काम करना चाहिए जिससे सबका भला हो राजा के लिए सबसे पहले प्रजा होती है उसके बाद परिवार जहां आपका पद बढ़ जाता है वहां जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है इसीलिए अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से करना चाहिए।

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