3 सित॰ 2021

Rajaswala nari kis bhagwan ki puja kare | रजस्वला नारी कैसेऔर किसकी पूजा करे

 Rajaswala nari kis bhagwan ki puja kare | रजस्वला नारी किस देवता की पूजा करे 

Rajaswala nari kis bhagwan ki puja kare
Rajaswala nari kis bhagwan ki puja kare


हिन्दू धर्म की जड़ इतनी विशाल है जितना सुलझाने का प्रयास करो उतनी उलझ जाती है ऐसे में हर बात पर संदेह होना स्वभाविक है।


सनातन धर्म मे सूतक लगना छुवा छूत होना आम बात है आज बात करने जारहे है रजस्वला नारी (हर महीने में नारियों को होने वाली महामारी )  की जिसको मासिक धर्म होना भी कहा जाता है।


ऐसी स्थिति में महिलाये घर के एक कोने में बैठती है बाहर नही निकलती कोई भी धार्मिक काम नहीं करती भगवान के मंदिर नही जाती , दैनिक पूजा नही कर पाती ।


अब ऐसे में प्रश्न यह उठता की नारी जब रजस्वला होती है तो किस भगवान की पूजा करे ? एक नारी को मासिक धर्म मे किस भगवान की पूजा करनी चाहिये ? महामारी की स्थिति में महिलाये किस देवता की पूजा आराधना करे?


रजस्वला के दौरान किस देवता की पूजा करे । rajasvala me kis devta bhagwan ki puja kare


मासिक धर्म से युक्त महिला किस भगवान की पूजा करे ये जानने से पहले इस बात को जानना आवश्यक है कि पीरियड में महिलाये भगवान की पूजा क्यों नही कर सकती । हमने पुराणों में तो बहुत बार सुना है देवता और राक्षस में लड़ाई होता है सिर्फ इस बात को सिद्ध करने के लिये की देवता और दानवों में कौन बडा है


 वृत्तासुर नामक राक्षस जंगल मे भगवान की तपश्या कर रहा था उसका किसीसे कोई बेर नही था वो तो बस अपने प्रभु की पूजा कर रहा था ।


देवताओ के राजा इंद्र को लगा ये राक्षस तप करके हमारे साथ लड़ाई करेगा और स्वर्ग पर अपना कब्जा करलेगा वृत्तासुर का तप करना इंद्र का अच्छा नही लगा जिसके चलते देवराज ने उस राक्षस को मार दिया  । वृत्तासुर एक ब्राह्मण ज्ञानी पंडित था ।


इंद्र को ब्रह्मा  हत्त्या का पाप लगा जिसके प्रकोप से उसे असहनीय पीड़ा हुई इधर उधर भटकता कही उसे शांति नही मिली इंद्र का शरीर ब्रह्म हत्त्या के पाप से धीरे धीरे जलने लगा ।


देवगुरु के कहने पर इंद्र ने ब्रह्म हत्त्या के पाप को कई जगहों में बांटा । महिलाओं को जब मासिक धर्म होता है उस समय जो दूषित रक्त निकलता है वही देवराज इंद्र के द्वारा किया गया पाप है वही ब्रह्मा हत्त्या है।  ऐसी स्थिति में महिलाओं को असहनीय पीड़ा होती है उनको बहुत तकलीफो से गुजरना पड़ता है।


महिलाये आज तक इंद्र के किये गये पाप को भोग रही है। जब महिलाये रजस्वला होती है उस दौरान उन्हें बहुत दूषित माना जाता है वे कुछ भी धार्मिक व पैतृक कर्म नही कर सकती।


अब प्रश्न यह उठता है कि महिलाओ को समस्त नारी जातियों को किस भगवान की पूजा करनी चाहिये? (Masik dharma me mahilaye kis bhagwan ki puja kare)  

भारतीय नारियों को जहा काली दुर्गा महाचंडी आदि की उपमा दिगई है वही उनको उनका दूध पीता छोटा बच्चा माँ कहकर भी बुलाता है । 


जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तब वो सिर्फ एक ही भगवान की पूजा कर सकती है वो है लड्डू गोपाल नन्हे भगवान श्री कृष्ण एक यही भगवान है जो हर परिस्थितियों में पूजनीय होते है।

Masik dharma me mahilaye kis bhagwan ki puja kare
Masik dharma me mahilaye kis bhagwan ki puja kare


जिस प्रकार दूध पीते बच्चे को उसकी माँ कभी नही छोड़ती चाहे वो रजस्वला ही क्यों न हो ठीक उसी प्रकार से नन्हे लड्डू गोपाल को एक रजस्वला नारी अपने पास रख सकती है उनकी पूजा कर सकती है , उनकी आरती उतार सकती है अपने साथ सुला सकती है।


सनातन धर्म वो चाभी है जो हर संदेह के तालेको आसानी से खुल सकती है सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम अपने आपको दूसरे से अकलमंद समझते है और दूसरे को बेवकूफ । जीवन मे सिर्फ एक बार गीता को ढंग से पढिये आपको सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएगी।

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