gemstones Substitutes | रत्न बहुत महंगे है पहने उपरत्न
नौ ग्रहों के नवरत्नों के साथ साथ उनके उपरत्न (gemstones Substitutes) भी होते हैं मुख्य रत्न महंगे होने के कारण सभी के वश में नहीं होता जिनके पास बहुत ज्यादा पैसे हैं वह तो महंगे रत्न खरीदकर पहन लेते हैं लेकिन जो गरीब हैं जिनके पास पैसे की बहुत कमी है उनके लिए यह उपरत्न (gemstones Substitutes) किसी खजाने से कम नहीं।
उपरत्न का कार्य भी वैसा ही है जैसा मूल रत्न का बस फर्क सिर्फ इतना है मुख्य रत्न का प्रभाव थोड़ा जल्दी
मिलता है और उपरत्न gemstones Substitutes का लाभ लेने के लिए कुछ समय धैर्य रखना पड़ता है उपरत्न का प्रभाव जल्दी नहीं मिलता। इसीलिए घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है जिनके पास पैसे नहीं है वह लोग उपरत्न धारण कर सकते हैं।
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gemstones Substitutes |
About gemstones and Substitutes | रत्न और उपरत्न की जानकारी
सूर्य का रत्न और उपरत्न सूर्य का मुख्य रत्न है माणिक्य माणिक्य को अंग्रेजी भाषा में रूबी भी कहते हैं।
माणिक्य को सोने और तांबे की धातु में पहना जाता है। माणिक्य पहनने से सूर्य ग्रह से संबंधित परेशानियां दूर
होती है।
माणिक्य रत्न के उपरत्न सितारा माणिक्य ,लालड़ी,संगसितारा, गार्नेट,सूर्यमणि,लाल जर्द,लाल रक्तमणि,
चंद्रमा का रत्न और उपरत्न चंद्र ग्रह का रत्न मोती है इसको चांदी की अंगूठी में जड़वा कर धारण करना चाहिए
मोती रत्न के विषय में ऐसी मान्यता है कि यह सारे रत्नों की जननी है मोती रत्न धारण करने से मन को शांति
मिलती है।
मोती रत्न का उपरत्न नीलसंग, मुक्ताशुक्ति,ओपल, चन्द्रकान्त निमरू चन्द्रमणि , गोदन्ता।
मूंगा रत्न और उपरत्न मूंगे को तांबे की धातु में पहना जाता है , जब किसी जातक का मंगल कमजोर है तो
उसको बलवान करने के लिए मूंगा धारण किया जाता है मंगल ग्रह बलवान होने से जातक में साहस की क्षमता
बढ़ जाती है।
मूंगा का उपरत्न राता लाल अकीक विद्रुम.प्रवालमूल ।
बुध का रत्न और उपरत्न पन्ना और पत्थरों के मुकाबले काफी नरम होता है और यह मूल्यवान भी होता
है इसकी चमक और निखार इसकी कीमत तय करती है पन्ना रतन पहनने से बुध ग्रह बलवान होता है और
व्यापार वाणी आदि में वृद्धि करता है।
पन्ना का उपरत्न मरगज, जबरजद हरितमणि, पन्नी,बैरुज एक्वामैरीन,
बृहस्पति का रत्न और उपरत्न पुखराज को सभी पत्थरों का राजा कहा गया है क्योंकि इसका संबंध सीधा
बृहस्पति से है और बृहस्पति ज्ञान का कारक होने की वजह से पुखराज को इतनी ज्यादा मान्यता मिली हुई है
पीला पुखराज बृहस्पति का मुख्य रत्न है वैसे पुखराज सफेद रंग में भी आता है इस रत्न को सोने की अंगूठी में
धारण किया जाता है
पुखराज का उपरत्न सुनेहला, धुनेला, केरू, सोनल, केसरी, स्फटिक, घीया।
शुक्र का रत्न और उपरत्न शुक्र ग्रह का मुख्य रत्न हीरा जिसको डायमंड भी कहा जाता । हीरा को चांदी के
साथ धारण किया जाता है। हीरा रत्न कई रंगों में आता है और यह पूरे नवरत्नों में श्रेष्ठ है यह रत्न काफी महंगा
आता है।
भौतिक सुख, ऐसो आराम और सांसारिक सुख के लिए यह रत्न धारण किया जाता है ।
हीरा का उपरत्न दाँतला,विक्रान्त, काँसला, उदाऊ, सिम्मा, कुरंगी, विक्रान्त हीरे का सबसे अच्छा उपरत्न
विक्रान्त है जो इसी नाम से सुनारो के पास मिलता है।
शनि का रत्न और उपरत्न शनिदेव का मुख्य रत्न है नीलम जिसको आप लोहे या चांदी में धारण कर सकते हैं।
इस रत्न के विषय में ज्यादा ना कहते हुए इतना ही कहूंगा यदि किसी व्यक्ति पर नीलम रत्न भा गया तो वह रंग से
राजा बन जाता है और यदि बिगड़ गया तो राजा से भिखारी बनने में भी समय नहीं लगता अतः नीलम रत्न बहुत
ही सोच समझ कर धारण करना चाहिए।
नीलम का उपरत्न जमुनिया लीलिया, कटेला बहुत लोग लाजवर्त और फीरोजा को भी नीलम का ही
उपरत्न मानते हैं।
राहु का रत्न और उपरत्न गोमेद रत्न राहु से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए धारण किया जाता है।
गोमेद का उपरत्न जरकन और तुरसावा।
केतु का रत्न और उपरत्न लहसुनीया जिसको कैटआई भी कहा जाता है। लहसुनीया को चांदी की अंगूठी में
कर धारण करना चाहिए।
लहसुनीया का उपरत्न श्योनाक्ष, व्याघ्राक्ष,अलक्षेन्द्र, कर्केटक।
उपरत्न धारण विधि- उपरत्न धारण करने के लिए कोई विषेस धातु की जरुरत नहीं है ,जो रत्न जिस धातु में
पहेना जाता है आप उसी धातु में उपरत्न पहन सकते हैं यदि आपको जानना है किस धातु में कौन सा रत्न धारण
करे तो यह पोस्ट पढ़े ।
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Meri rashi tula he me kaun sa ratna Dhahran karu
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